ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

बुधवार, 2 जून 2021

स्वरूप

 

          एक जवान महिला की खूबसूरत भूरी त्वचा में जब सफ़ेद धब्बे उभरने लगे, तो वह घबरा गई, मानो वह लुप्त होने लगी हो, या “स्वयं” को खोने लग गई हो। उसने भारी मेक-आप के साथ अपने उन धब्बों को छिपाने के प्रयास किए – जो उसकी त्वचा में विटिलाइगो के कारण विकसित हो रहे थे – जो त्वचा को रंग देने वाले पदार्थ मेलानिन की कमी आ जाने के कारण होता है।

          फिर एक दिन उसने अपने आप से पूछा: मैं इन्हें क्यों छिपाऊँ? उसने परमेश्वर की सामर्थ्य पर भरोसा रखते हुए अपने आप को जैसी वह थी स्वीकार कर लिया, और भारी मेक-आप का प्रयोग करना बन्द कर दिया। शीघ्र ही वह अपने आत्म-विश्वास के लिए लोगों का ध्यान आकर्षित करने लगी। अन्ततः वह विटिलाइगो के साथ संसार भर में मेक-आप का सामान बेचने वाली कंपनी की प्रथम प्रवक्ता-मॉडल बनी।

          उसने एक बार एक टी.वी. में साक्षात्कार के समय कार्यक्रम के मेज़बान को बताया, “यह एक बहुत बड़ी आशीष है” और उसने आगे कहा कि उसे प्रोत्साहित करती रहने वाली बातें हैं उसका विश्वास, परिवार और उसके मित्र।

          इस महिला की कहानी हमें स्मरण कराती है कि, जैसा कि परमेश्वर के वचन बाइबल में लिखा है, हम सभी को परमेश्वर ने अपने ही स्वरूप में बनाया है, “तब परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार उत्पन्न किया, अपने ही स्वरूप के अनुसार परमेश्वर ने उसको उत्पन्न किया, नर और नारी कर के उसने मनुष्यों की सृष्टि की” (उत्पत्ति 1:27)। हम बाहर से चाहे जैसे भी दिखाई दें, लेकिन हम सभी परमेश्वर के स्वरूप को दिखाने वाले लोग हैं। उसके द्वारा सृजे गए होने के कारण, हम उसकी महिमा को प्रतिबिंबित करते हैं; और प्रभु यीशु मसीह के अनुयायी होने के नाते, हम संसार में उसका प्रतिनिधित्व करने के लिए उसी के स्वरूप में परिवर्तित किए जा रहे हैं।

          क्या आप अपने स्वरूप के साथ किसी प्रकार के संघर्ष में हैं? अपने आप को आईने में देखकर मुस्कराइए – परमेश्वर ने आपको अपने स्वरूप में बनाया है। - पेट्रीशिया रेबौन

 

प्रभु आपने मुझे जैसा भी बनाया है, उसी में मैं आपकी महिमा का कारण ठहरूं।


परन्तु जब हम सब के उघाड़े चेहरे से प्रभु का प्रताप इस प्रकार प्रगट होता है, जिस प्रकार दर्पण में, तो प्रभु के द्वारा जो आत्मा है, हम उसी तेजस्वी रूप में अंश अंश कर के बदलते जाते हैं। - 2 कुरिन्थियों 3:18

बाइबल पाठ: उत्पत्ति 1:26-31

उत्पत्ति 1:26 फिर परमेश्वर ने कहा, हम मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार अपनी समानता में बनाएं; और वे समुद्र की मछलियों, और आकाश के पक्षियों, और घरेलू पशुओं, और सारी पृथ्वी पर, और सब रेंगने वाले जन्तुओं पर जो पृथ्वी पर रेंगते हैं, अधिकार रखें।

उत्पत्ति 1:27 तब परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार उत्पन्न किया, अपने ही स्वरूप के अनुसार परमेश्वर ने उसको उत्पन्न किया, नर और नारी कर के उसने मनुष्यों की सृष्टि की।

उत्पत्ति 1:28 और परमेश्वर ने उन को आशीष दी: और उन से कहा, फूलो-फलो, और पृथ्वी में भर जाओ, और उसको अपने वश में कर लो; और समुद्र की मछलियों, तथा आकाश के पक्षियों, और पृथ्वी पर रेंगने वाले सब जन्तुओं पर अधिकार रखो।

उत्पत्ति 1:29 फिर परमेश्वर ने उन से कहा, सुनो, जितने बीज वाले छोटे छोटे पेड़ सारी पृथ्वी के ऊपर हैं और जितने वृक्षों में बीज वाले फल होते हैं, वे सब मैं ने तुम को दिए हैं; वे तुम्हारे भोजन के लिये हैं:

उत्पत्ति 1:30 और जितने पृथ्वी के पशु, और आकाश के पक्षी, और पृथ्वी पर रेंगने वाले जन्तु हैं, जिन में जीवन के प्राण हैं, उन सब के खाने के लिये मैं ने सब हरे हरे छोटे पेड़ दिए हैं; और वैसा ही हो गया।

उत्पत्ति 1:31 तब परमेश्वर ने जो कुछ बनाया था, सब को देखा, तो क्या देखा, कि वह बहुत ही अच्छा है। तथा सांझ हुई फिर भोर हुआ। इस प्रकार छठवां दिन हो गया।

 

एक साल में बाइबल: 

  • इतिहास 17-18
  • यूहन्ना 13:1-20