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गुरुवार, 3 जून 2021

जागृत

 

          मेरे कॉलेज के दिनों में, मेरे गर्मी के अवकाश के समय कोलोराडो के अति-सुन्दर पहाड़ों में एक अतिथि निवासस्थान में कार्य करते हुए व्यतीत होते थे। वहाँ पर काम करने वालों को बारी-बारी से रात में जागृत रहने और मेहमानों की सुरक्षा, विशेषकर जंगल की आग से, का ध्यान रखने का काम करना पड़ता था। जो आरंभ में एक थका देने वाला और किसी के भी धन्यवाद को आकर्षित नहीं करने वाला कार्य लगता था, वही मेरे लिए एक अद्भुत अवसर बन गया कि मैं शांत होकर मनन कर सकूँ, और परमेश्वर की उपस्थिति, उसकी महिमा में दिलासा पा सकूँ।

          परमेश्वर के वचन बाइबल में राजा दाऊद परमेश्वर की उपस्थिति के लिए लालायित रहता था, उसकी खोज करता था (भजन 63:1), अपने बिस्तर पर से भी, और रातों के पहर में भी (पद 6)। भजन यह स्पष्ट कर देता है कि दाऊद परेशानी में था। यह संभव है कि उसकी यह परेशानी उसके पुत्र अबशालोम का उसके विरुद्ध विद्रोह का गहरा संताप रहा हो। लेकिन फिर भी, रातों को जागृत रहना दाऊद के लिए परमेश्वर के “पंखों की छाया में” (पद 7) दिलासा और शान्ति पाने का समय बन गया – वह परमेश्वर की उपस्थिति और सामर्थ्य में सांत्वना पा सका।

          हो सकता है कि आप भी आज अपने जीवन में किसी संकट या कठिनाई का सामना कर रहे हों, और रातों को जागृत रहने से भी आपको कोई शान्ति न मिल रही हो। हो सकता है कि आप का कोई अपना ही “अबशालोम” आपके हृदय पर बोझ बना हुआ हो। या परिवार, कार्य, आर्थिक परिस्थितियाँ आपके लिए एक भारी बोझ बने हुए हों, जिनमें आपको कोई शान्ति नहीं दे पा रहा है। यदि ऐसा है तो अपने इन जागृत रहने की मजबूरी के अवसरों को परमेश्वर को पुकारने, उसकी उपस्थिति का एहसास करने, और उससे अपने मन की बातों को खुलकर कहने के अवसर बनाकर प्रयोग करें। उसकी प्रेमी बाँहों में (पद 8) अपने जागृत रहने के समय को बिताएँ। - इवान मॉर्गन, अतिथि लेखक

 

प्रभु परमेश्वर हर समय जागृत रहकर मेरी देखभाल करते रहने के लिए बहुत धन्यवाद।


हे सब परिश्रम करने वालों और बोझ से दबे लोगों, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें विश्राम दूंगा। - मत्ती 11:28

बाइबल पाठ: भजन 63:1-11

भजन संहिता 63:1 हे परमेश्वर, तू मेरा ईश्वर है, मैं तुझे यत्न से ढूंढूंगा; सूखी और निर्जल ऊसर भूमि पर, मेरा मन तेरा प्यासा है, मेरा शरीर तेरा अति अभिलाषी है।

भजन संहिता 63:2 इस प्रकार से मैं ने पवित्रस्थान में तुझ पर दृष्टि की, कि तेरी सामर्थ्य और महिमा को देखूं।

भजन संहिता 63:3 क्योंकि तेरी करुणा जीवन से भी उत्तम है मैं तेरी प्रशंसा करूंगा।

भजन संहिता 63:4 इसी प्रकार मैं जीवन भर तुझे धन्य कहता रहूंगा; और तेरा नाम ले कर अपने हाथ उठाऊंगा।

भजन संहिता 63:5 मेरा जीव मानो चर्बी और चिकने भोजन से तृप्त होगा, और मैं जयजयकार कर के तेरी स्तुति करूंगा।

भजन संहिता 63:6 जब मैं बिछौने पर पड़ा तेरा स्मरण करूंगा, तब रात के एक एक पहर में तुझ पर ध्यान करूंगा;

भजन संहिता 63:7 क्योंकि तू मेरा सहायक बना है, इसलिये मैं तेरे पंखों की छाया में जयजयकार करूंगा।

भजन संहिता 63:8 मेरा मन तेरे पीछे पीछे लगा चलता है; और मुझे तो तू अपने दाहिने हाथ से थाम रखता है।

भजन संहिता 63:9 परन्तु जो मेरे प्राण के खोजी हैं, वे पृथ्वी के नीचे स्थानों में जा पड़ेंगे;

भजन संहिता 63:10 वे तलवार से मारे जाएंगे, और गीदड़ों का आहार हो जाएंगे।

भजन संहिता 63:11 परन्तु राजा परमेश्वर के कारण आनन्दित होगा; जो कोई ईश्वर की शपथ खाए, वह बड़ाई करने पाएगा; परन्तु झूठ बोलने वालों का मुंह बन्द किया जाएगा।

 

एक साल में बाइबल: 

  • इतिहास 19-20
  • यूहन्ना 13:21-38