ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

बुधवार, 24 नवंबर 2021

मसीही सेवकाई, पवित्र आत्मा, और बपतिस्मा - 1


बपतिस्मा - अर्थ तथा संबंधित बातें - 1  

मसीही सेवकाई में परमेश्वर पवित्र आत्मा की भूमिका और सामर्थ्य के संबंध में भ्रामक, अनुचित, और बाइबल के बाहर की तथा बाइबल की शिक्षाओं से भिन्न बातों की गलत शिक्षाओं को देने वाले लोग ऐसी ही एक और गलत शिक्षा की बात पर बहुत जोर देते हैं, उसका बहुत उत्तेजना के साथ प्रचार करते हैं। उनकी यह गलत शिक्षा की बात है पवित्र आत्मा का बपतिस्मा। उनका कहना रहता है कि मसीही विश्वासी के पवित्र आत्मा प्राप्त कर लेने के बाद, प्रभु की सेवकाई के लिए उचित सामर्थ्य पवित्र आत्मा का बपतिस्मा प्राप्त करने से ही मिल सकती है। इसलिए जो भी प्रभु के लिए उपयोगी होना चाहता है, उसे यह पवित्र आत्मा का बपतिस्मा प्राप्त करने के लिए लालसा और प्रयास करने चाहिएं। इन लोगों की अधिकांश अन्य शिक्षाओं एवं धारणाओं के समान, इनकी इस शिक्षा का भी बाइबल से कोई आधार अथवा समर्थन नहीं है। यह केवल कुछ पदों को उनकी बनाई धारणा के अनुसार अर्थ देने और दुरुपयोग करने के द्वारा कही जाने वाली बात है, और परमेश्वर के वचन से जिसका विश्लेषण करने पर उसकी वास्तविकता और खोखलापन सामने आ जाता है। किन्तु बाइबलपवित्र आत्मा का बपतिस्मा” के बारे में क्या कहती है, उसे जानने और समझने से पहले यह जानना और समझना आवश्यक है कि बपतिस्मा और उससे संबंधित बातें क्या हैं। आज से हम इन्हीं का अध्ययन आरंभ करेंगे, और कुछ मूल बातों को समझने के बाद फिर पवित्र आत्मा का बपतिस्मा पर आएँगे।

बपतिस्मा शब्द का अर्थ : 

बपतिस्मा शब्द, यूनानी भाषा के शब्दबैपटिज़ो (Baptizo)” से आया है। मूल यूनानी भाषा में इस शब्द का अर्थ होता हैडुबो देनायाअंदर कर देना”, याअंदर-बाहर से पूर्णतः भिगो देना। दैनिक बातों में इस यूनानी भाषा के शब्द का प्रयोग किसी तरल पदार्थ, जैसे कि पानी, में से उसका कुछ भाग निकालने, या उस पदार्थ में किसी वस्तु को डुबो/पूर्णतः भिगो देने के लिए किया जाता है। जैसे यदि हम आज अपनी हिन्दी भाषा के संदर्भ में से कहें, तो कुएं में से बाल्टी भरकर पानी निकालने के लिए कहा जाएगाबाल्टी को कुएं में बैपटिज़ो करके भर लो 

हमारी वर्तमान चर्चा के संदर्भ में, “बैपटिज़ोके इस शब्दार्थ के आधार पर, प्रभु यीशु द्वारा यह कहने किक्योंकि यूहन्ना ने तो पानी में बपतिस्मा दिया है परन्तु थोड़े दिनों के बाद तुम पवित्रात्मा से बपतिस्मा पाओगे” (प्रेरितों 1:5) में यूहन्ना के पानी में बपतिस्मा देने का अभिप्राय हुआ, पानी में डुबो कर बपतिस्मा देना। प्रभु जब यहाँ शिष्यों से कह रहा है किथोड़े दिनों में तुम पवित्र आत्मा से बपतिस्मा पाओगेतो इससे प्रभु की कही बात की यही समझ आती है किथोड़े दिनों में तुम पवित्र आत्मा में डुबो दिए जाओगे; या पवित्र आत्मा तुम्हें अंदर-बाहर पूर्णतः भिगो देगा, अपने में समो लेगा।

यद्यपि बाइबल में कहीं पर भीबपतिस्मा देनेकी क्रिया को दिखाने के लिए पानी मेंडुबो देनाअनुवाद नहीं किया गया है, किन्तु जहाँ भी बपतिस्मा देने का उल्लेख आया है, वहीं पर साथ ही संकेत पानी में डुबोने का भी आया है। साथ ही, बाइबल में कहीं पर भी पानी के छिड़कने के द्वारा बपतिस्मा देने, या बच्चों को बपतिस्मा देने का उल्लेख अथवा उदाहरण नहीं है। बपतिस्मा हमेशा ही वयस्कों को, उनके द्वारा अपने पापों से पश्चाताप करने के बाद स्वेच्छा से उसे लेने के लिए आगे आने पर ही दिया गया है। पानी में बपतिस्मा दिए जाने से संबंधित बाइबल के कुछ पदों को देखिए:

  • मत्ती 3:6 - लोगों ने स्वयं अपने पापों को मानकर, आगे आकर यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले से यरदन नदी में बपतिस्मा लिया। 
  • मत्ती 3:16 - प्रभु यीशु पानी में से ऊपर आया। 
  • यूहन्ना 3:23 - यूहन्ना बहुत जल के स्थान पर बपतिस्मा देता था। 
  • प्रेरितों 8:36-39 - खोजे ने जल का स्थान देखा और बपतिस्मा लेने की इच्छा व्यक्त की (पद 36), छिड़काव के लायक पानी तो उसके पास भी होगा, किन्तु डुबोए जाने के योग्य नहीं।  पद 38 - खोजा और फिलिप्पुस जल में उतर पड़े; पद 39, वे जल में से निकल कर ऊपर आए। 

 

प्रकट और स्पष्ट है कि सभी स्थानों पर अभिप्राय पानी में जाने और पानी से बाहर आने, तथा अधिक जल के स्थान जैसे कि नदी, या तालाब, या किसी अन्य अंदर उतर कर डुबकी लेने लायक गहरे जलाशय के प्रयोग करने का है। किसी कुएं में से पानी लेकर या छोटे नाले के जल में से कुछ पानी लेकर बपतिस्मा देने का संपूर्ण बाइबल में कहीं कोई उल्लेख नहीं है। अर्थात बपतिस्मा, जैसा कि उस यूनानी शब्द का अर्थ है, डुबो कर ही दिया जाता था। 

कितने प्रकार के बपतिस्मे?

इफिसियों 4:5 में लिखा हैएक ही प्रभु है, एक ही विश्वास, एक ही बपतिस्मा”; पवित्र आत्मा की अगुवाई से पौलुस ने बिलकुल स्पष्ट और बल देकर लिखा है कि बपतिस्मा एक ही है। यदि पवित्र आत्मा का बपतिस्मा कोई पृथक अनुभव या क्रिया होती है, तो फिर पवित्र आत्मा द्वारा लिखवाया गया यह वचन झूठा हो जाता है, बाइबल में विरोधाभास या गलती हो जाती है - क्योंकि तब एक बपतिस्मा पानी का हुआ - जो प्रभु यीशु ने भी लिया, और जिसे देने की आज्ञा भी दी (मत्ती 28:19); और पवित्र आत्मा का बपतिस्मा फिर गिनती में दूसरा हुआ। किन्तु बाइबल तो बड़ी दृढ़ता से एक ही बपतिस्मे की बात करती है। अब क्योंकि पानी का बपतिस्मा तो स्थापित है, इसलिए या तो पवित्र आत्मा का बपतिस्मा है ही नहीं; अथवा इफिसियों 4:5 में गलत लिखा गया है; जिसका तात्पर्य हुआ कि पवित्र आत्मा द्वारा लिखवाए गए परमेश्वर के वचन बाइबल में गलतियाँ हैं!

इस संदर्भ में इब्रानियों 6:2 में प्रयुक्त बहुवचनबपतिस्मोंको लेकर असमंजस नहीं होना चाहिए। इन पदों के संदर्भ को देखिए; इब्रानियों 6:1-3 मसीह की शिक्षाओं के बारे में बात कर रहा है (देखिए इब्रानियों 5:12; इब्रानियों 6:1); और इफिसियों 4:5 तब तथा आज की व्यवहारिक क्रिया, यानि कि बपतिस्मा लिए/दिए जाने की बात कर रहा है। इब्रानियों 6:2 के बहुवचन को 1 कुरिन्थियों 10:2 (मूसा का बपतिस्मा) और रोमियों 6:3 (प्रभु यीशु का बपतिस्मा) के आधार पर देखना और समझना चाहिए - शिक्षा के रूप में, पुराने नियम में बपतिस्मे का एक उदाहरण इस्राएलियों का लाल सागर में जाना और ऊपर बादल द्वारा ढाँपा हुआ होना - उनका जल से ढँके हुए होना था। और नए नियम के उदाहरण, यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले के द्वारा दिए जाने वाले बपतिस्मे (मत्ती 3:5-6, 11), जिनमें प्रभु का बपतिस्मा (मत्ती 3:13-16) भी था, और प्रभु के शिष्यों द्वारा दिए गए बपतिस्मे (यूहन्ना 4:2); ये सब भी पानी में ही दिए गए डूब के बपतिस्मे थे - जिन्हें प्रभु ने आगे भी अपने भावी शिष्यों को देते रहने के लिए कहा (मत्ती 28:19), और जिसके लिए रोमियों 6:3 मेंमसीह का बपतिस्मालिखा गया है। तो शिक्षा के दृष्टिकोण से, पुराने और नए नियम से, एक ही पदार्थ - पानी से ही, किन्तु दो प्रकार से दिए गए डूब के बपतिस्मे हुए - मूसा का बपतिस्मा बादल से ढाँपे और विभाजित समुद्र के जल से घेरे जाने के द्वारा पानी से दिया गया सांकेतिक बपतिस्मा; और नए नियम में यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले और प्रभु के तब तथा अब के शिष्यों के द्वारा पानी में दिया जाने वाला डूब का वास्तविक बपतिस्मा। इसलिए बपतिस्मों से संबंधित शिक्षा के दृष्टिकोण से इब्रानियों 6:2 बहु वचनबपतिस्मोंप्रयोग किया गया। 

इफिसियों 4:5 वर्तमान में मसीही विश्वासी के प्रभु की आज्ञा के अनुसार बपतिस्मा लेने के लिए कह रहा है, इसलिए एक वचन है, और नए नियम का एकमात्र बपतिस्मा है।  

 यदि आप मसीही विश्वासी हैं तो यह आपके लिए अनिवार्य है कि आप परमेश्वर पवित्र आत्मा के विषय वचन में दी गई शिक्षाओं को गंभीरता से सीखें, समझें और उनका पालन करें; और सत्य को जान तथा समझ कर ही उचित और उपयुक्त व्यवहार करें, सही शिक्षाओं का प्रचार करें। किसी के भी द्वारा प्रभु, परमेश्वर, पवित्र आत्मा के नाम से प्रचार की गई हर बात को 1 थिस्सलुनीकियों 5:21 तथा प्रेरितों 17:11 के अनुसार जाँच-परख कर, यह स्थापित कर लेने के बाद कि उस शिक्षा का प्रभु यीशु द्वारा सुसमाचारों में प्रचार किया गया है; प्रेरितों के काम में प्रभु के उस प्रचार का निर्वाह किया गया है; और पत्रियों में उस प्रचार तथा कार्य के विषय शिक्षा दी गई है, तब ही उसे स्वीकार करें तथा उसका पालन करें, उसे औरों को सिखाएं या बताएं। आपको अपनी हर बात का हिसाब प्रभु को देना होगा (मत्ती 12:36-37)। जब वचन आपके हाथ में है, वचन को सिखाने के लिए पवित्र आत्मा आपके साथ है, तो फिर बिना जाँचे और परखे गलत शिक्षाओं में फँस जाने, तथा मनुष्यों और उनके समुदायों और उनकी गलत शिक्षाओं को आदर देते रहने के लिए, उन गलत शिक्षाओं में बने रहने के लिए क्या आप प्रभु परमेश्वर को कोई उत्तर दे सकेंगे?

यदि आपने प्रभु की शिष्यता को अभी तक स्वीकार नहीं किया है, तो अपने अनन्त जीवन और स्वर्गीय आशीषों को सुनिश्चित करने के लिए अभी प्रभु यीशु के पक्ष में अपना निर्णय कर लीजिए। जहाँ प्रभु की आज्ञाकारिता है, उसके वचन की बातों का आदर और पालन है, वहाँ प्रभु की आशीष और सुरक्षा भी है। प्रभु यीशु से अपने पापों के लिए क्षमा माँगकर, स्वेच्छा से तथा सच्चे मन से अपने आप को उसकी अधीनता में समर्पित कर दीजिए - उद्धार और स्वर्गीय जीवन का यही एकमात्र मार्ग है। आपको स्वेच्छा और सच्चे मन से प्रभु यीशु मसीह से केवल एक छोटी प्रार्थना करनी है, और साथ ही अपना जीवन उसे पूर्णतः समर्पित करना है। आप यह प्रार्थना और समर्पण कुछ इस प्रकार से भी कर सकते हैं, “प्रभु यीशु मैं आपका धन्यवाद करता हूँ कि आपने मेरे पापों की क्षमा और समाधान के लिए उन पापों को अपने ऊपर लिया, उनके कारण मेरे स्थान पर क्रूस की मृत्यु सही, गाड़े गए, और मेरे उद्धार के लिए आप तीसरे दिन जी भी उठे, और आज जीवित प्रभु परमेश्वर हैं। कृपया मेरे पापों को क्षमा करें, मुझे अपनी शरण में लें, और मुझे अपना शिष्य बना लें। मैं अपना जीवन आप के हाथों में समर्पित करता हूँ।सच्चे और समर्पित मन से की गई आपकी एक प्रार्थना आपके वर्तमान तथा भविष्य को, इस लोक के और परलोक के जीवन को, अनन्तकाल के लिए स्वर्गीय एवं आशीषित बना देगी।

 

एक साल में बाइबल पढ़ें:

  • यहेजकेल 22-23  
  • 1 पतरस