सोमवार, 18 जनवरी 2010

असंभव?

बाइबल पाठ: मत्ती ५:३८-४२
तुम सुन चुके हो कि कहा गया था कि आँख के बदले आँख और दाँत के बदले दाँत। परन्तु मैं तुमसे यह कहता हूँ कि बुरे का सामना न करना। - मत्ती ५:३८, ३९

जब नॉबल पुरुस्कार समिति के प्रधान, गुन्नार जॉन ने, मार्टिन लूथर किंग के १९६४ शांति पुरुस्कार वितरण के समय के भाषण में यीशु के वचनों का हवाला दिया: "जो कोई तेरे दाहिने गाल पर थप्पड़ मारे उसकी ओर दुसरा भी फेर दे" (मत्ती ५:३९)। गुन्नार जॉन ने कहा "एक अल्पसंख्यक जाति को समानता के संघर्ष में नेतृत्व देने के कारण मार्टिन लूथर किंग को कीर्ति नहीं मिली....उसका नाम संघर्ष चलाने के अपनाए गए तरीके के काराण मशहूर हुआ"।

१९५५ में किंग ने एक साल तक बसों में पृथकत्त्व के विरुद्ध शांतिपूर्वक बहिष्कार का संघर्ष चलाया। उसे उसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ी। उसके घर पर बमबारी की गई। उसपर आक्रमण हुआ और वह गिरिफतार किया गया। उसने कभी बदला नहीं लिया। आखिरकर उसकी हत्या कर दी गई।

डॉ० किंग की शांति का उदाहरण मेरे शरीर के स्वभाव के कितना विपरीत है। मैं तुरंत न्याय और तत्काल बदला चहता हूँ। मैं गलती करने वालों को उनके किये की सज़ा मिल्ती देखना चाहता हूँ, विशेष्तया तब जब गलती मेरे विरुद्ध की गई हो। मैं अपना दूसरा गाल दिखाना कभी भी नहीं चाहता, कि उसको दुसरी बार वार करने का कोई मौका मिले।

हेड्डन रोबिन्सन यीशु के पहाड़ी पर के उपदेशों में (मत्ती ५-७) दिये गए महान मापदण्डों पर टिपण्णी करते हुए कहते हैं कि ये शिक्षाएं "लक्षय हैं, न कि असंभव आदर्ष", यीशु चाहता है कि उसके शिष्य इन लक्ष्यों की तरफ बढ़ने के परिश्रम में अपने नये जीवन को सिद्ध करें।" जीवन के अन्यायों के बीच, हमें दूसरा गाल दिखाने की हिम्मत, विश्वास और शक्ति हो। - टिम गुस्ताफ्सन



बदला न लेने के लिये सच्ची शक्ति की ज़रूरत है।
एक साल में बाइबल:
  • उत्पत्ति ४६ - ४८
  • मत्ती १३:१-३०