रविवार, 31 जनवरी 2010

दीवार में दरार

४००० मील लंबी चीन कि बड़ी दीवार उत्तर के आक्रमणकारियों को रोकने को बनाई गयी। पहली दीवार इसवीं पूर्व २५९-२१० के बीच रहे चीन के सम्राट शी हुआंगडी ने बनाई थी। १६४४ ईस्वीं में मानचूस जाति ने चीन की बड़ी दीवार को भेद दिया और चीन को पराजित किया। उन्होंने मिंग वंश के एक सेनापति को घूस दी और उसने दीवार का फाटक खोल दिया।

प्राचीन यरूशलेम के पुनर्निर्माण के समय नहेमयाह ने शहरपनाह के पुनर्निर्माण में बाधा डालने वाले बैरियों से होने वाले खतरे को समझा। इसलिए उसने बहुत सावधानी बरतने की आज्ञा दी। आधे लोग निर्माण में लगते थे तो आधे निगरानी के काम में रहते थे (नहेमयाह ४:१३-१८)।

हम मसीहीयों को सावधानी बरतनी है कि हमारी आत्मिक सुरक्षा कमज़ोर पड़ने न पाए। बहुत परिपक्व विश्वासी भी इस सावधानी में ज़रा भी ढील नहीं कर सकते।

प्रेरित युहन्ना हमें तीन प्रकार के शत्रुओं से सावधान करता है - "शरीर की अभिलाषा, आंखों की अभिलाषा और जीविका का घमंड" (१ युहन्ना २:१६)। ये शत्रु हमें लुभा कर परमेश्वर और उसके वचन से दूर करते हैं और शत्रु के अन्दर आने के लिये दरार बना डालते हैं।

हम ऐसे प्रलभनों से सचेत रहें। थोड़ी सी चूक पाप के लिये द्वार खोल देती है, जो बढ़कर फिर आदत बन जाती है और फिर हमें पूरी तरह अपने वश में कर लेती है। दीवार में दरार होने ही न दो। - सी.पी.हिया


संसार और उसकी अभिलाषाएं दोनो मिटते जाते हैं, पर जो परमेश्वर की इच्छा पर चलता है वह सर्वदा बना रहेगा। - १ युहन्ना २:१७

शरीर की अभिलाषा और आंखों की अभिलाषा और जीविका का घमंड, वह पिता की ओर से नहीं है। - १ युहन्ना २:१६

बाइबल पाठ: नहेमयाह ४:७-१८

एक साल में बाइबल:
  • निर्गमन २५, २६
  • मत्ती २०:१७-३४