शुक्रवार, 19 मार्च 2010

परवाह से भरा हृदय

अमेरिका के उत्तरी कैरोलीना विश्वविद्यालय के चैपल हिल कैंपस में एक जवान जैसन रे आनन्द की किरण था। तीन सालों तक वह एक बड़े से मेढ़े "रैमसिस" का, जो उस विश्वविद्यालय का पहचान चिन्ह था, अभिनय करता रहा। कभी खेल प्रतियोगिताओं में दर्शकों को प्रसन्न करने, तो कभी अस्पताल में बच्चों से मिलने और उन्हें आनन्दित करने के लिये, वह उस मेढ़े का बड़ा सा मुखौटा और कपड़े पहने आता था। फिर अचानक मार्च २००७ में, जब वह अपनी बास्केटबाल टीम के साथ जा रहा था, तो २१ वर्षीय जैसन एक मोटर दुर्घटना का शिकार हो गया। उसके परिवार के देखते देखते ही अस्पताल में उसकी मृत्यु हो गई।

लेकिन जैसन की कहानी यहीं समाप्त नहीं होती। मरने से दो साल पहले ही जैसन ने अपने मरणोप्रांत अपने अंगों और शरीर के भागों को दान करने से संबंधित कानूनी कागज़ तैयार करवा लिये थे। समय रहते किये गये उसके इस दयालुता के कार्य के कारण चार लोगों का जीवन बच सका और दर्जनों लोगों को सहायता मिली। एक जवान, अपने जीवन के सबसे अच्छे समय में, अपने भविष्य को संवारने की चिंता करने के स्थान पर न केवल दुसरों के सुख के लिये चिंतित था, वरन उसने उसके अनुरूप कार्यवाही भी की। वे सारे लोग और उनके परिवार जिन्हें जैसन की इस दयालुता से सहायता मिली उसके कृतज्ञ हैं।

जैसन का यह कार्य फिलिप्पियों को लिखी पत्री के दूसरे अध्याय में पौलुस द्वारा दी गई सलाह की याद दिलाता है। वह उन्हें कहता है कि केवल अपनी ही नहीं वरन दुसरों के हितों की भी चिंता करो।

एक दिल जो दूसरों की भलाइ के लिये उन तक पहुँचने का प्रयास करता है, वासतव में एक स्वस्थ दिल है। - बिल क्राउडर


दुसरों की ज़रूरतों का ध्यान रखना मसीह को आदर देता है।


बाइबल पाठ: फिलिप्पियों २:१-११


एक दुसरे को अपने से अच्छा समझो। हर एक अपनी ही हित की नहीं, वरन दुसरों के हित की भी चिंता करे। - फिलिप्पियों २:३,४


एक साल में बाइबल:
  • यहोशु १-३
  • मरकुस १६