सोमवार, 22 मार्च 2010

परछाईं डालना

कहा जाता है कि महान चित्रकार माईकलएन्जेलो, चित्र बनाते समय एक हाथ में मोमबत्ती और दूसरे में कूची रखता था, ताकि उसकी महान कृति पर उसकी अपनी ही परछाईं न पड़ने पाये।

यदि अपने जीवन के पटल पर हम परमेश्वर की महिमा दिखाना चाहते हैं तो हमें भी ऐसी ही प्रवृति रखनी चाहिये। किंतु दुर्भाग्य की बात है कि हमारी जीवन शैली अक्सर लोगों को हमारी ही तरफ आकर्शित करने का प्रयास होती है। हमारी मोटरगाड़ियाँ, हमारे कपड़े, हमारी नौकरी, हमारा पद, हमारी कुशलता हमारी सफलता, आदि। अगर ज़िंदगी अपने आप ही से संबन्धित है, तो फिर हममें यीशु को देख पाना लोगों के लिये कठिन है। हमारा उद्धार करके, यीशु ने चाहा कि हम उसकी महिमा को औरों को दिखाएं (रोमियों ८:२९)। लेकिन अगर हम अपने ही लिये जीते हैं तो हमारी अपनी परछाई हमारे जीवन में उसकी उपस्थिति पर पड़ती है।

जब कुरिन्थ के विश्वासी अपने ही में मगन थे तो पौलुस ने उनको चिताया कि "कोई प्राणी परमेश्वर के सामने घमंड न करने पाये" (१ कुरिन्थियों १:२१), और उन्हें यर्मियाह नबी के शब्द याद दिलाये कि, "जो घमंड करे वह प्रभु में घमंड करे" (पद ३१; यर्मियाह ९:२४)।

अपने जीवन को एक ऐसे चित्रपटल के समान जानिये जिस पर चित्रकार अभी चित्र बना रहा है। चित्र पूरा होने पर आप क्या चाहेंगे कि लोग देखने पाएं - यीशु की एक महान मनोहर कृति या आपकी अपनी बेरंग परछाईं? एक महान चित्र की रचना में बाधा न बनें; ऐसे जीएं कि लोग आप में यीशु को देख सकें। - जो स्टोवैल


एक मसीही का जीवन वह चित्रपटल है जिस पर लोग यीशु को देख सकते हैं।


बाइबल पाठ: १ कुरिन्थियों १:१८-३१


कोई प्राणी परमेश्वर के सामने घमंड न करने पाए। - १ कुरिन्थियों १:२१


एक साल में बाइबल:
  • यहोशु १०-१२
  • लूका ९:३९-५६