मंगलवार, 1 जून 2010

भोले भक्त

जब परमेश्वर ने ऐब्राम से बात करी तो उसने तुरन्त परमेश्वर की आज्ञा मान ली और एक अनजान देश की ओर निकल पड़ा, केवल एक प्रतिज्ञा के भरोसे। वह निःसन्तान था, किंतु भोलेपन से उसने परमेश्वर पर विश्वास किया कि वह उससे एक बड़ी जाति बनायेगा (उत्पत्ति १२:२)।

परमेश्वर अपना कार्य अक्सर ऐसे ही "भोले भक्तों" के माध्यम से करता है - भोलेपन से भरोसा रखने वाले जो अविश्वसनीय विश्वास के साथ काम कर जाते हैं। जबकि मैं अपने प्रत्येक निर्णय को बड़े नाप-तौल के और नियंत्रण के साथ लेता हूं।

शिकागो में, एक भारी विपत्ति के समय, हमारी मण्डली ने एक सारी रात्रि की प्रार्थना सभा आयोजित करी। हमने उस सभा की व्यावाहरिकता और उपयोगिता पर बहुत चर्चा करी और तब उस में सम्मिलित होने का निर्णय लिया। हमारी मण्डली के कुछ सदस्य जो गरीब एवं बुज़ुर्ग थे और मकान बनाने के कार्य में एक स्थान पर मज़दूरी कर रहे थे, उन्हों ने उस सभा का बहुत उत्साह से स्वागत किया। मैं सोचने लगा कि कई सालों से उन्हें न जाने कितनी प्रार्थनाओं का कोई अनुकूल उत्तर नहीं मिला होगा, फिर भी उन्होंने प्रार्थना की सामर्थ पर बच्चों जैसे भोलेपन से विश्वास किया। उनके आने-जाने के लिये गाड़ियों के प्रबंध के विचार से, मैंने उन से पूछा "आप कितनी देर तक रुकना चाहते हैं, एक या दो घंटा?" उन्होंने कहा, "हम तो सारी रात रहेंगे।"

उनमें से एक ९० वर्षीय महिला ने समझाया, "हम प्रार्थना कर सकते हैं। हमारे पास समय है और विश्वास है। वैसे भी हममें से कुछ तो ज़्यादा सोते नहीं हैं, हम रात भर प्रार्थना कर सकते हैं।" और उन्होंने ऐसा ही किया।

उनसे हमने एक महत्वपूर्ण पाठ सीखा - विश्वास कई बार वहां मिलता है जहां उसकी आशा नहीं होती और जहां बहुतायत से मिलना चाहिए वहां वह कम पाया जाता है। - फिलिप यैनसी


प्रार्थना विश्वास की पुकार है।


बाइबल पाठ: उत्पत्ति १२:१-५


विश्वास करने वाले के लिये सब कुछ हो सकता है। - मरकुस ९:२३


एक साल में बाइबल:
  • २ इतिहास १५, १६
  • यूहन्ना १२:२७-५०