सोमवार, 20 सितंबर 2010

विश्वास के अनजाने, अनपहचाने योद्धा

अपने लड़कपन के समय अक्सर, ग्रीष्म कल की अपनी छुट्टियों में से कुछ समय मैं अपने दादा-दादी के साथ बिताती थी। कई बार दोपहर को घर के पीछे के आंगन में टंगे झूले में लेट कर दादा के पुस्तक संग्रह में से पुस्तकें पढ़ती थी। उनमें से एक पुस्तक जो मैंने पढ़ी वह थी Foxe's Book of Martyrs - जो मसीही विश्वास के लिये शहीद हुए विश्वासियों की जीवन गाथाओं का संकलन था। मेरी छोटी उम्र के हिसाब से यह गंभीर और गहन अध्ययन की पुस्तक थी, परन्तु मैं उसमें दिये मसीही विश्वासियों के विश्वास की परीक्षा के वृतांत में पूरी तरह मग्न हो जाती थी - कैसे उन्हें अपने विश्वास से पीछे हटने को मजबूर करने के लिये सताया जाता था और उनके इन्कार करने पर उन्हें कैसी दर्दनाक और भयनाक मृत्यु से होकर जाना पड़ता था।

इब्रानियों की पत्री के ११वें अध्याय में भी ऐसी ही कुछ विश्वासियों के बारे में लिखा है, जिन्होंने परमेश्वर के प्रति असीम विश्वास प्रदर्शित किया। क्लेशों, परीक्षाओं और भारी सताव से निकलने वालों की सूचि में कुछ जाने-पहचाने नामों के बाद वर्णन आता है कई अनाम लोगों का जिन्हें लेखक सिर्फ "कितने’ और "कई और" करके संबोधित करता है (पद ३५, ३६)। यद्यपि उनके नाम तो नहीं दिये गए हैं परन्तु पद ३८ उन्हें यह कह कर श्रद्धांजलि देता है कि "संसार उन के योग्य न था" - यीशु के लिये उन्होंने साहसपूर्वक मृत्यु को गले लगा लिया।

आज भी हम सारे संसार में अपने विश्वास के लिये सताये जाने वाले मसीही विश्वासियों के बारे में सुनते हैं, किंतु हम में से बहुतेरे अभी इस हद तक परखे नहीं गए हैं। मैं अपने विश्वास के बारे में सोचती हूं कि ऐसे सताव, परीक्षा और मृत्यु के जोखिम में क्या मैं विश्वास में स्थिर रह पाउंगी? मैं चाहती हूं कि यदि मुझे इन परिस्थितियों से होकर निकलना पड़े तो मेरा रवैया पौलुस के समान हो जिसने कहा यद्यपि बन्धन और क्लेश मेरा इन्तज़ार कर रहे हैं तौभी मैं अपनी सेवकाई को आनन्द सहित पूरी करूं (प्रेरितों २०:२३, २४)।

क्या हम अपने जीवन को मसीह में ऐसे स्थिर विश्वास से जी रहे हैं? - सिंडी हैस कैस्पर


सताव में भी आनन्दित रहने के लिये यीशु को अपने आनन्द का आधार बनाओ।

धन्य हो तुम, जब मनुष्य मेरे कारण झूठ बोल बोलकर तुम्हारे विरोध में सब प्रकार की बुरी बात कहें। आनन्‍दित और मगन होना क्‍योंकि तुम्हारे लिये स्‍वर्ग में बड़ा फल है इसलिये कि उन्‍होंने उन भविष्यद्वक्ताओं को जो तुम से पहिले थे इसी रीति से सताया था। - मत्ती ५:१०, ११


बाइबल पाठ: इब्रानियों ११:३२-४०

अब और क्‍या कहूँ क्‍योंकि समय नहीं रहा, कि गिदोन का, और बाराक और समसून का, और यिफतह का, और दाऊद का और शामुएल का, और भविष्यद्वक्ताओं का वर्णन करूं।
इन्‍होंने विश्वास ही के द्वारा राज्य जीते, धर्म के काम किए, प्रतिज्ञा की हुई वस्‍तुएं प्राप्‍त की, सिंहों के मुंह बन्‍द किए।
आग ही ज्‍वाला को ठंडा किया, तलवार की धार से बच निकले, निर्बलता में बलवन्‍त हुए, लड़ाई में वीर निकले, विदेशियों की फौजों को मार भगाया।
स्‍त्रियों ने अपने मरे हुओं को फिर जीवते पाया, कितने तो मार खाते खाते मर गए और छुटकारा न चाहा इसलिये कि उत्तम पुनरूत्थान के भागी हों।
कई एक ठट्ठों में उड़ाए जाने, और कोड़े खाने, वरन बान्‍धे जाने, और कैद में पड़ने के द्वारा परखे गए।
पत्थरवाह किए गए, आरे से चीरे गए, उन की परीक्षा की गई, तलवार से मारे गए, वे कंगाली में और क्‍लेश में और दुख भोगते हुए भेड़ों और बकिरयों की खालें ओढ़े हुए, इधर उधर मारे मारे फिरे।
और जंगलों, और पहाड़ों, और गुफाओं में, और पृथ्वी की दरारों में भटकते फिरे।
संसार उन के योग्य न था: और विश्वास ही के द्वारा इन सब के विषय में अच्‍छी गवाही दी गई, तोभी उन्‍हें प्रतिज्ञा की हुई वस्‍तु न मिली।
क्‍योंकि परमेश्वर ने हमारे लिये पहिले से एक उत्तम बात ठहराई, कि वे हमारे बिना सिद्धता को न पहुंचें।

एक साल में बाइबल:
  • सभोपदेशक ४-६
  • २ कुरिन्थियों १२