मंगलवार, 11 जनवरी 2011

पाप से उत्पन्न दुख

जब एज़्रा भविष्यद्वक्ता को मालूम चला कि परमेश्वर के निर्देशों के विरुद्ध इस्त्राएलियों में से बहुतेरों ने अन्य जातीय स्त्रीयों से विवाह कर लिये थे तो उसने दुख, ग्लानि और पश्चाताप में अपने वस्त्र फाड़े और अपने सिर और दाढ़ी के बाल नोच डाले। फिर उसने घुटनों के बल गिरकर, रो रो कर परमेश्वर से अपने लोगों के लिये क्षमा की प्रार्थना करी।

पाप बहुत भयानक होता है। पाप से प्रभु को घिन है, आत्मिक लोगों को दुख होता है और पाप करने वाले को अनगिनित कष्टों को भोगना पड़ता है।

एज़्रा के उदहरण में, इस्त्राएल के लोगों ने अपनी अन्य जातीय पत्नियों को वापस उनके लोगों में भेज दिया, निश्चय ही इससे बहुतों को बहुत दुख हुआ होगा। लेकिन यह कठोर कदम इस्त्राएल को, आत्मिक पतन के इससे भी अधिक दुखदाई परिणामों से बचाने के लिये अनिवार्य था।

मुझे अनेक बार ऐसे पत्रों का उत्तर देना पड़ा है जहां परिवार के एक सदस्य के पाप के कारण पूरे परिवार को दुख उठाना पड़ा और परिवार टूटने की कगार पर आ गया था। ऐसे पत्रों का उत्तर देते समय मुझे स्मरण आता है कि अनाज्ञाकारिता कितनी तकलीफ लेकर आती है, और मुझपर इस बात की छाप और गहरी हो जाती है कि अन्ततः हमारे संसार में सभी दुखों का कारण पाप ही है। यद्यपि पाप के प्रभाव के कारण कष्ट हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गए हैं, फिर भी बहुत से लोग पाप के प्रति लापरवाही से अनैतिकता और व्यभिचार में धंसते चले जाते हैं तथा अपने कष्टों को कई गुणा बढ़ा लेते हैं।

हमें पाप के प्रति और अधिक संवेदनशील होना चाहिये और पाप के जंजाल में फंसे लोगों के उद्धार के लिये और अधिक बोझिल होना चाहिये। पाप से उत्पन्न दुख और सर्वनाश इतने भयंकर हैं कि हमारे जीवनों में पाप के प्रति ज़रा भी लापरवाही नहीं होनी चाहिये। - हर्ब वैन्डर लुग्ट


सबसे भयानक बुराईयों में से एक है किसी भी बुराई को हलके में लेना या उसे नज़रांदाज़ करना।

दुष्ट को तो बहुत पीड़ा होगी; परन्तु जो यहोवा पर भरोसा रखता है वह करूणा से घिरा रहेगा। - भजन ३२:१०


बाइबल पाठ: भजन ३२:१-११

क्या ही धन्य है वह जिसका अपराध क्षमा किया गया, और जिसका पाप ढांपा गया हो।
क्या ही धन्य है वह मनुष्य जिसके अधर्म का यहोवा लेखा न ले, और जिसकी आत्मा में कपट न हो।
जब मैं चुप रहा तब दिन भर कराहते कराहते मेरी हडि्डयां पिघल गई।
क्योंकि रात दिन मैं तेरे हाथ के नीचे दबा रहा, और मेरी तरावट धूप काल की सी झुर्राहट बनती गई।
जब मैं ने अपना पाप तुझ पर प्रगट किया और अपना अधर्म न छिपाया, और कहा, मैं यहोवा के साम्हने अपने अपराधों को मान लूंगा, तब तू ने मेरे अधर्म और पाप को क्षमा कर दिया।
इस कारण हर एक भक्त तुझ से ऐसे समय में प्रार्थना करे जब कि तू मिल सकता है। निश्चय जब जल की बड़ी बाढ़ आए तौभी उस भक्त के पास न पहुंचेगी।
तू मेरे छिपने का स्थान है, तू संकट से मेरी रक्षा करेगा, तू मुझे चारों ओर से छुटकारे के गीतों से घेर लेगा।
मैं तुझे बुद्धि दूंगा, और जिस मार्ग में तुझे चलना होगा उस में तेरी अगुवाई करूंगा; मैं तुझ पर कृपादृष्टि रखूंगा और सम्मत्ति दिया करूंगा।
तुम घोड़े और खच्चर के समान न बनो जो समझ नहीं रखते, उनकी उमंग लगाम और बाग से रोकनी पड़ती है, नहीं तो वे तेरे वश में नहीं आने के।
दुष्ट को तो बहुत पीड़ा होगी, परन्तु जो यहोवा पर भरोसा रखता है वह करूणा से घिरा रहेगा।
हे धर्मियों यहोवा के कारण आनन्दित और मगन हो, और हे सब सीधे मन वालों आनन्द से जयजयकार करो!

एक साल में बाइबल:
  • उत्पत्ति २७-२८
  • मत्ती ८:१८-३४