रविवार, 27 मार्च 2011

अतीत बदला गया

प्रभु यीशु के जन्म से लगभग ४०० वर्ष पूर्व, युनानी कवि अगाथन ने कहा था, "परमेश्वर भी अतीत को बदल नहीं सकता।" एतिहासिक दृष्टिकोण से यह बात सही है, जो बीत चुका है उसे बदला नहीं जा सकता। लेकिन जब परमेश्वर ने अपने पुत्र को क्रुस पर मरने भेजा, तो उसने हमारे पापमय अतीत को मिटा देने का मार्ग तैयार कर दिया।

जो प्रभु यीशु ने हमारे लिए किया, डौनलड बार्नहाउस उसका वर्णन इन शब्दों में करते हैं: "जैसे, यदि समुद्रतल में कोई छेद या दरार समुद्र के पानी को धरती की गहराईयों में धधकती हुई ज्वालओं तक जाने दे, तो उसके कारण होने वाले विस्फोट से यह धरती फट जाएगी; वैसे ही प्रभु यीशु मसीह के मारे जाने और जी उठने के द्वारा अतीत की पर्तें फट गईं और अनन्त काल अतीत में बह निकला, अतीत की सब बातों को उथल-पुथल और टुकड़े टुकड़े कर दिया। यीशु ने प्रत्येक विश्वास करने वाले के अतीत को लिया, अपने लहू से उसे धो कर साफ किया और उसके जीवन को ऐसा बदल डाला कि अब वह समय की सीमाओं मे बन्धा नहीं रहा वरन अनन्त जीवन उसमें आ गया।"

कवि ने कहा, "काश कोई ऐसा स्थान होता जहाँ पुनः आरंभ संभव हो पाता।" ऐसा स्थान है - प्रभु यीशु में, क्योंकि "...यीशु मसीह का लोहू हमें सब पापों से शुद्ध करता है" (१ यूहन्ना १:७) और "सो यदि कोई मसीह में है तो वह नई सृष्‍टि है: पुरानी बातें बीत गई हैं; देखो, वे सब नई हो गईं।" (२ कुरिन्थियों ५:१७)

यही सुसमाचार का चमत्कार है। जिन्हों ने मसीह यीशु के पाप क्षमा के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है, उनके लिए उसने "विधियों का वह लेख जो हमारे नाम पर और हमारे विरोध में या मिटा डाला, और उस को क्रूस पर कीलों से जड़ कर सामने से हटा दिया है। " (कुलुस्सियों २:१४)

परमेश्वर ने हमारे पापमय अतीत को पूर्णतः साफ कर दिया है। - पौल वैन गोर्डर


प्रभु का उद्धार घोर पापी को भी उत्तम संत बना देता है।

जो पाप से अज्ञात था, उसी को उस ने हमारे लिये पाप ठहराया, कि हम उस में होकर परमेश्वर की धामिर्कता बन जाएं। - २ कुरिन्थियों ५:२१


बाइबल पाठ:

Col 2:1 मैं चाहता हूं कि तुम जान लो, कि तुम्हारे और उन के जो लौदीकिया में हैं, और उन सब के लिये जिन्‍होंने मेरा शारीरिक मुंह नहीं देखा मैं कैसा परिश्रम करता हूं।
Col 2:2 ताकि उन के मनों में शान्‍ति हो और वे प्रेम से आपस में गठे रहें, और वे पूरी समझ का सारा धन प्राप्‍त करें, और परमेश्वर पिता के भेद को अर्थात मसीह को पहिचान लें।
Col 2:3 जिस में बुद्धि और ज्ञान के सारे भण्‍डार छिपे हुए हैं।
Col 2:4 यह मैं इसलिये कहता हूं, कि कोई मनुष्य तुम्हें लुभाने वाली बातों से धोखा न दे।
Col 2:5 क्‍योंकि मैं यदि शरीर के भाव से तुम से दूर हूं, तौभी आत्मिक भाव से तुम्हारे निकट हूं, और तुम्हारे विधि-अनुसार चरित्र और तुम्हारे विश्वास की जो मसीह में है दृढ़ता देखकर प्रसन्न होता हूं।
Col 2:6 सो जैसे तुम ने मसीह यीशु को प्रभु करके ग्रहण कर लिया है, वैसे ही उसी में चलते रहो।
Col 2:7 और उसी में जड़ पकड़ते और बढ़ते जाओ, और जैसे तुम सिखाए गए वैसे ही विश्वास में दृढ़ होते जाओ, और अत्यन्‍त धन्यवाद करते रहो।
Col 2:8 चौकस रहो कि कोई तुम्हें उस तत्‍व-ज्ञान और व्यर्थ धोखे के द्वारा अहेर न करे ले, जो मनुष्यों के परम्पराई मत और संसार की आदि शिक्षा के अनुसार है, पर मसीह के अनुसार नहीं।
Col 2:9 क्‍योंकि उस में ईश्वरत्‍व की सारी परिपूर्णता सदेह वास करती है।
Col 2:10 और तुम उसी में भरपूर हो गए हो जो सारी प्रधानता और अधिकार का शिरोमणि है।
Col 2:11 उसी में तुम्हारा ऐसा खतना हुआ है, जो हाथ से नहीं होता, अर्थात मसीह का खतना, जिस से शारीरिक देह उतार दी जाती है।
Col 2:12 और उसी के साथ बपतिस्मे में गाड़े गए, और उसी में परमेश्वर की शक्ति पर विश्वास करके, जिस ने उस को मरे हुओं में से जिलाया, उसके साथ जी भी उठे।
Col 2:13 और उस ने तुम्हें भी, जो अपने अपराधों, और अपने शरीर की खतनारिहत दशा में मुर्दा थे, उसे साथ जिलाया, और हमारे सब अपराधों को क्षमा किया।
Col 2:14 और विधियों का वह लेख जो हमारे नाम पर और हमारे विरोध में या मिटा डाला, और उस को क्रूस पर कीलों से जड़ कर सामने से हटा दिया है।

एक साल में बाइबल:
  • न्यायियों १-३
  • लूका ४:१-३०