सोमवार, 6 जून 2011

परमेश्वर - हमारी ढाल

मैं एक अंतरिक्ष संग्रहालय देखने गया, और वहँ रखे उन अंतरिक्ष कैप्सूलों को देखकर अचंभित हुआ जिनमें अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष यात्रा करके वापस आते थे। इन कैप्सूलों पर लगे ताप प्रतिरोधक ढाल की ओर मेरा ध्यान आकर्षित हुआ। विशेष रीति और वस्तुओं से बनाए गए और परत के उपर परत करके लगाए गए ये ताप प्रतिरोधक ही थे जिन्होंने कैप्सूल के अन्दर बैठे अंतरिक्ष यात्रियों को जल कर भस्म होने से बचाए रखा, जब उनका अंतरिक्ष यान पुनः धरती के वायुमण्डल में प्रवेश करके नीचे उतरता था और वायुघर्षण से यान का बाहरी तापमान अत्यंत उच्च हो जाता था। यदि यह रक्षक ढाल न होती तो अंतरिक्ष यात्रा से लौट पाना भी संभव नहीं होता।

लेकिन एक और रक्षक ढाल है जो मुझे इससे भी अधिक आश्चर्य में डालती है - पृथ्वी को घेरे हुए विशाल चुम्बकीय क्षेत्र की ढाल, जिसे वैज्ञानिक हीलियोस्फीयर कहते हैं और जो पृथ्वी और उस पर बसने वाले प्राणियों को अत्याधिक उर्जामय बाह्य अंतरिक्ष से आने वाली किरणों cosmic rays द्वारा होने वाले नुकसान से बचाए रखती है। यदि यह हीलियोस्फीयर की ढाल न हो तो ये किरणें पृथ्वी तक पहुँच जाएं और तब पृथ्वी पर जीवन संभव ही नहीं है।

जब मैं अंतरिक्ष यात्रियों की ताप प्रतिरोधक ढाल और पृथ्वी की हीलियोस्फीयर ढाल के बारे में सोच रहा था तो मुझे एक और ढाल का ध्यान आया, जो हर परिस्थिति के लिए सबसे उत्तम और कारगर ढाल है - स्वयं परमेश्वर। दाउद ने अपने भजन में लिखा, "यहोवा मेरी चट्टान, और मेरा गढ़ और मेरा छुड़ाने वाला है; मेरा ईश्वर, मेरी चट्टान है, जिसका मैं शरणागत हूं, वह मेरी ढ़ाल और मेरी मुक्ति का गढ़ है" (भजन १८:२)। दाउद जानता था कि परमेश्वर ही है जो उसे विरोधी संसार में सुरक्षित रख सकता है, और उसने परमेश्वर की इस अद्भुत सुरक्षा को अपने जीवन की प्रत्येक परिस्थिति में सदैव अनुभव किया।

दाउद के समान हम भी अपना विश्वास उस जीवते परमेश्वर पर रख सकते हैं और उसकी सुरक्षा को अनुभव कर सकते हैं। चाहे शैतान हमारा कितना भी विरोध करे और संसार हमारा कैसा भी बैरी हो, हमारा प्रभु सदैव हमारा रक्षक बना रहता है। जब कभी हमें परिस्थितियों से घबराहट हो, या यह लगे कि हमारे विरोधी अति प्रबल हैं, तो यह वास्तविकता हमें सांत्वना और शांति देती है कि हमारी सुरक्षा की ढाल, हमारा प्रभु परमेश्वर, संसार या शैतान से कहीं अधिक बलवंत है और उनके द्वारा किये जाने वाले किसी भी प्रहार से हमारी रक्षा भली भांति कर सकता है। - डेव एग्नर


जीवन की आँधियों के विरुद्ध नहीं वरन जीवन की आँधियों में परमेश्वर हमारी सिद्ध सुरक्षा रहता है।

यहोवा मेरी चट्टान, और मेरा गढ़ और मेरा छुड़ाने वाला है; मेरा ईश्वर, मेरी चट्टान है, जिसका मैं शरणागत हूं, वह मेरी ढ़ाल और मेरी मुक्ति का गढ़ है। - भजन १८:२



बाइबल पाठ: भजन १८:१-६

Psa 18:1 हे परमेश्वर, हे मेरे बल, मैं तुझ से प्रेम करता हूं।
Psa 18:2 यहोवा मेरी चट्टान, और मेरा गढ़ और मेरा छुड़ाने वाला है; मेरा ईश्वर, मेरी चट्टान है, जिसका मैं शरणागत हूं, वह मेरी ढ़ाल और मेरी मुक्ति का गढ़ है।
Psa 18:3 मैं यहोवा को जो स्तुति के योग्य है पुकारूंगा, इस प्रकार मैं अपने शत्रुओं से बचाया जाऊंगा।
Psa 18:4 मृत्यु की रस्सियों से मैं चारो ओर से घिर गया हूं, और अधर्म की बाढ़ ने मुझ को भयभीत कर दिया;
Psa 18:5 पाताल की रस्सियां मेरे चारो ओर थीं, और मृत्यु के फन्दे मुझ पर आए थे।
Psa 18:6 अपने संकट में मैं ने यहोवा परमेश्वर को पुकारा, मैं ने अपने परमेश्वर को दोहाई दी। और उस ने अपने मन्दिर में से मेरी बातें सुनी। और मेरी दोहाई उसके पास पहुंचकर उसके कानों में पड़ी।

एक साल में बाइबल:
  • २ इतिहास २५-२७
  • यूहन्ना १६