सोमवार, 4 जुलाई 2011

तराशा हुआ हीरा

एक हीरा अपने स्वाभाविक स्वरूप में कंकड़ या छोटे पत्थर के समान ही दिखता है, उसकी सुन्दरता तराशे जाने के बाद ही निखर कर बाहर आने लगती है तथा तराशे जाने के बाद जब उसे चमकाया जाता है और तब उसकी चमक देखने लायक होती है तथा उसकी कीमत बन जाती है। साधारण कंकड़ से बहुमूल्य हीरा बनाने के लिए निपुण कारीगर उसे कठोर सान पर लगा कर चारों ओर से घिसता है, जिससे उसके बेडौल स्वाभाविक स्वरूप को सुन्दर स्वरूप में बदल सके। यह एक बहुत बारीकी से करी गई कारिगरी की प्रक्रिया है जिसमें बहुत ध्यान और समय लगता है। स्वरूप देने के बाद कारीगर फिर उसे निखारने के लिए रगड़ कर उसे चमकाता है।

यह प्रक्रिया उस प्रक्रिया के समान है जो परमेश्वर अपनी सन्तान के साथ करता है। जिन कठोर परिस्थितियों का सामना हमें प्रति दिन करना पड़ता है वे उस सान के समान हैं जो हीरे को स्वरूप देती है। परमेश्वर जीवन की कठिनाईयों और विषम परिस्थितियों द्वारा हमें तराशता और चमकाता है जिससे हमारा चरित्र निखर कर सिद्ध हो जाए और हम एक दिन उसके साथ स्वर्ग में सुन्दर और तेजोमय हो सकें। अवश्य ही यह प्रक्रिया सुखद नहीं होती, और ना ही उस ईश्वरीय कारीगर का उद्देश्य इसका सुखदाई होना है। उसकी नज़र हमारे अन्तिम तेजोमय स्वरूप पर है, और उस स्वरूप में बदलने के लिए वह हमारे जीवन और चरित्र से हर अनावश्यक बात तराश कर निकालता रहता है और हमें रगड़ कर चमकाता रहता है।

पतरस प्रेरित ने कहा "... कि अब कुछ दिन तक नाना प्रकार की परीक्षाओं के कारण उदास हो" (१ पतरस १:६), लेकिन जब हम इन परीक्षाओं के उद्देश्य को समझ लेंगे तो अपनी इन परीक्षाओं की आवश्यक्ता और कीमत को भी जान सकेंगे। परमेश्वर का, इस निखारे जाने की प्रक्रिया के दौरान, अपनी सन्तान के लिए एक ही ध्येय है: "और यह इसलिये है कि तुम्हारा परखा हुआ विश्वास, जो आग से ताए हुए नाशमान सोने से भी कहीं अधिक बहुमूल्य है, यीशु मसीह के प्रगट होने पर प्रशंसा, और महिमा, और आदर का कारण ठहरे" (१ पतरस १:७)।

अपने जीवन में आने वाली परेशानियों और कठिनाईयों के उद्देश्य को जानते और पहचानते हुए, हमें परमेश्वर और हमारे प्रति उसके प्रेम पर शक नहीं करना चाहिए, वरन इन बातों के आगे आने वाले तेजोमय भविष्य पर अपनी नज़रें लगा कर वर्तमान में भी आनन्दित रहना चाहिए ना कि उन से निराशा होना चाहिए। - पौल वैन गौर्डर


जैसे सान पर लगाए बिना हीरा तराशा नहीं जा सकता, वैसे ही कठिनाईयों की रगड़ लगे बिना मनुष्य निखर नहीं सकता।

और यह इसलिये है कि तुम्हारा परखा हुआ विश्वास, जो आग से ताए हुए नाशमान सोने से भी कहीं, अधिक बहुमूल्य है, यीशु मसीह के प्रगट होने पर प्रशंसा, और महिमा, और आदर का कारण ठहरे।" - १ पतरस १:७


बाइबल पाठ: १ पतरस १:१-९

1Pe 1:1 पतरस की ओर से जो यीशु मसीह का प्रेरित है, उन परदेशियों के नाम, जो पुन्‍तुस, गलतिया, कप्‍पदुकिया, आसिया, और बितुनिया में तित्तर बित्तर होकर रहते हैं।
1Pe 1:2 और परमेश्वर पिता के भविष्य ज्ञान के अनुसार, आत्मा के पवित्र करने के द्वारा आज्ञा मानने, और यीशु मसीह के लोहू के छिड़के जाने के लिये चुने गए हैं। तुम्हें अत्यन्‍त अनुग्रह और शान्‍ति मिलती रहे।
1Pe 1:3 हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर और पिता का धन्यवाद दो, जिस ने यीशु मसीह को मरे हुओं में से जी उठने के द्वारा, अपनी बड़ी दया से हमें जीवित आशा के लिये नया जन्म दिया।
1Pe 1:4 अर्थात एक अविनाशी और निर्मल, और अजर मीरास के लिये।
1Pe 1:5 जो तुम्हारे लिये स्‍वर्ग में रखी है, जिन की रक्षा परमेश्वर की सामर्थ से, विश्वास के द्वारा उस उद्धार के लिये, जो आने वाले समय में प्रगट होने वाली है, की जाती है।
1Pe 1:6 और इस कारण तुम मगन होते हो, यद्यपि अवश्य है कि अब कुछ दिन तक नाना प्रकार की परीक्षाओं के कारण उदास हो।
1Pe 1:7 और यह इसलिये है कि तुम्हारा परखा हुआ विश्वास, जो आग से ताए हुए नाशमान सोने से भी कहीं अधिक बहुमूल्य है, यीशु मसीह के प्रगट होने पर प्रशंसा, और महिमा, और आदर का कारण ठहरे।
1Pe 1:8 उस से तुम बिन देखे प्रेम रखते हो, और अब तो उस पर बिन देखे भी विश्वास कर के ऐसे आनन्‍दित और मगन होते हो, जो वर्णन से बाहर और महिमा से भरा हुआ है।
1Pe 1:9 और अपने विश्वास का प्रतिफल अर्थात आत्माओं का उद्धार प्राप्‍त करते हो।

एक साल में बाइबल:
  • अय्युब २८-२९
  • प्रेरितों १३:१-२५