शनिवार, 10 सितंबर 2011

संयम

   गाड़ी चलाने का लाईसेंस मिलने की आयु से पहले मुझे गाड़ी चलाने के बारे में सोचने मात्र से ही अजीब सा डर लगता था। मुझे लगता था कि अपने सामने खुली सड़क देखकर मैं अपने आप पर काबू नहीं रख पाऊंगा और जितनी तेज़ संभव हो उतनी तेज़ गाड़ी चलाने लगूंगा। मुझे लगता ही नहीं था कि मुझ में इतना आत्म संयम होगा कि मैं नियमों और परिस्थितियों की आज्ञा से अधिक तेज़ गाड़ी को न चलाऊं। लेकिन जब समय आने पर मुझे गाड़ी चलाने का लाईसेंस मिला, तो साथ ही मैंने यह भी जाना कि गाड़ी को नियंत्रित करना मेरे वश में है न कि मैं गाड़ी के वश में हूँ। यद्यपि मैं गाड़ी का एक्सलरेटर पूरा दबाकर तेज़ चला सकता हूँ, लेकिन इसका यह तात्पर्य नहीं है कि मुझे ऐसा करना ही है; कर पाने की क्षमता या संभावना अनिवार्यतः करना नहीं है।

   यही जीवन में होने वाले पापों के लिए भी लागू होता है। लोग बहाने बनाते हैं कि उनके सामने अचानक संयम की सीमा से बाहर परीक्षा आ गई, और वे पाप कर बैठे। कभी कोई पाप के लिए यह भी बहाना बनाता है कि जिस समय किसी बात की उन्हें बहुत आवश्यक्ता थी उसे पाने का सरल मार्ग उन्हें मिल गया, चाहे वह अनुचित ही था, लेकिन यदि अवसर आवश्यक्ता का पूरक हो गया तो इसमें बुरा क्या है?

   प्रभु यीशु पर आई परीक्षाओं के अध्ययन से हम सीखते हैं कि जब भी पाप और गलती करने की परीक्षा आएगी, परमेश्वर उसका सामना करने की सामर्थ और उससे निकासी का मार्ग भी देगा। परमेश्वर हमसे आशा रखता है कि हम ऐसी परिक्षाओं और परिस्थितियों की पहचान में सक्षम हों तथा इस बात का भी बोध रखें, जैसे अपनी परीक्षा के समय प्रभु यीशु ने रखा, कि हम भी परीक्षा से निकलने और पाप से बचने के लिए उसके वचन और उसकी आत्मा की सामर्थ पर प्रभु यीशु के समान भरोसा रख सकते हैं।

   हमारा मसीह यीशु में विश्वास और उससे उत्पन्न संयम हमें हर परीक्षा तथा पाप करने की लालसा से बचा कर रख सकता है। - मार्ट डी हॉन

प्रत्येक परीक्षा परमेश्वर की निकटता में आने का अवसर है।

तब उस समय आत्मा यीशु को जंगल में ले गया ताकि इब्‍लीस से उस की परीक्षा हो। - मत्ती ४:१
बाइबल पाठ: लूका ४:१-१३
    Luk 4:1  फिर यीशु पवित्र आत्मा से भरा हुआ, यरदन से लौटा और चालीस दिन तक आत्मा के सिखाने से जंगल में फिरता रहा; और शैतान उस की परीक्षा करता रहा।
    Luk 4:2  उन दिनों में उस ने कुछ न खाया और जब वे दिन पूरे हो गए, तो उसे भूख लगी।
    Luk 4:3  और शैतान ने उस से कहा, यदि तू परमेश्वर का पुत्र है, तो इस पत्थर से कह, कि रोटी बन जाए;
    Luk 4:4  यीशु ने उसे उत्तर दिया कि लिखा है, मनुष्य केवल रोटी से जीवित न रहेगा।
    Luk 4:5  तब शैतान उसे ले गया और उस को पल भर में जगत के सारे राज्य दिखाए।
    Luk 4:6  और उस से कहा मैं यह सब अधिकार, और इन का वैभव तुझे दूंगा, क्‍योंकि वह मुझे सौंपा गया है: और जिसे चाहता हूं, उसी को दे देता हूं।
    Luk 4:7  इसलिये, यदि तू मुझे प्रणाम करे, तो यह सब तेरा हो जाएगा।
    Luk 4:8  यीशु ने उसे उत्तर दिया, लिखा है कि तू प्रभु अपने परमेश्वर को प्रणाम कर और केवल उसी की उपासना कर।
    Luk 4:9  तब उस ने उसे यरूशलेम में ले जाकर मन्‍दिर के कंगूरे पर खड़ा किया, और उस से कहा, यदि तू परमेश्वर का पुत्र है, तो अपने आप को यहां से नीचे गिरा दे।
    Luk 4:10  क्‍योंकि लिखा है, कि वह तेरे विषय में अपने स्‍वर्गदूतों को आज्ञा देगा, कि वे तेरी रक्षा करें।
    Luk 4:11  और वे तुझे हाथों हाथ उठा लेंगे ऐसा न हो कि तेरे पांव में पत्थर से ठेस लगे।
    Luk 4:12  यीशु ने उस को उत्तर दिया, यह भी कहा गया है, कि तू प्रभु अपने परमेश्वर की परीक्षा न करना।
    Luk 4:13  जब शैतान सब परीक्षा कर चुका, तब कुछ समय के लिये उसके पास से चला गया।
एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन ८-९ 
  • २ कुरिन्थियों ३