गुरुवार, 22 सितंबर 2011

प्रसन्नता और पवित्रता

   चर्च में बैठकर एक लंबे प्रचार को सुनने के बाद जब एक बालक झुंझलाया हुआ बाहर निकला, उसका चेहरा तमतमाया हुआ था; कारण था कि लंबे उपदेश को सुनते सुनते वह ऊब कर इधर-उधर ताक-झांक कर रहा था, और उसे नियंत्रण में रखने के लिए उसके पिता ने उसके कान उमेठा था। उसे देख कर चर्च के एक पदाधिकारी ने उससे पूछा, "क्या हुआ? तुम दुखी प्रतीत होते हो?" बालक ने उत्तर दिया, "जी हाँ, मैं दुखी हुँ। मुझे लगता है कि प्रसन्नता और पवित्रता, दोनो को एक साथ पा लेना कठिन है।"

   शायद उस बालक ने हम में से अधिकांश लोगों की भावना को व्यक्त किया था; लेकिन यह धारणा सही नहीं है। दक्षिण अफ्रीका में १९वीं सदी में कार्य करने वाले प्रचारक एन्ड्रयु मुरे ने इस सन्दर्भ में कहा, "सच्चे आनन्द के लिए पवित्रता अनिवार्य है; और सच्ची पवित्रता के लिए प्रसन्नता अनिवार्य है। यदि आप आनन्द चाहते हैं, आनन्द की भरपूरी चाहते हैं, एक ऐसा स्थाई आनन्द चाहते हैं जो कभी नष्ट नहीं हो सकता, तो जैसा परमेश्वर पवित्र है, आप भी पवित्र बनिए। पवित्र होना, आशीशित होना है; यदि आप पवित्र मसीही विश्वासी बनना चाहते हैं तो सर्वदा आनन्दित रहने वाले मसीही विश्वासी बन जाईए। परमेश्वर ने मसीह यीशु को आनन्द के तेल से अभिषिक्त किया, और वह भी अपने सब अनुयायियों को उसी से अभिषेक करता है। प्रभु यीशु के आनन्द को हमारे जीवनों में उसकी पवित्रता के साथ संचार करते रहना चाहिए। यदि उसके आनन्द का यह तेल हमारे जीवनों में नहीं है, तो पवित्रता के प्रयास की हमारी गाड़ी को चलने में बहुत कठिनाई होगी।

   जब हम पवित्रता और प्रसन्नता के इस संबंध को भली भांति सीख जाएंगे, हम आत्मिक परिपक्वता में और आगे बढ़ जाएंगे। - डेव एग्नर



जो पवित्र है, वह आनन्दित भी है।

धन्य हैं वे, जिन के मन शुद्ध हैं, क्‍योंकि वे परमेश्वर को देखेंगे। - मत्ती ५:८
 
बाइबल पाठ: १ पतरस १:१३-२२
    1Pe 1:13  इस कारण अपनी अपनी बुद्धि की कमर बान्‍ध कर, और सचेत रह कर उस अनुग्रह की पूरी आशा रखो, जो यीशु मसीह के प्रगट होने के समय तुम्हें मिलने वाला है।
    1Pe 1:14  और आज्ञाकारी बालकों की नाईं अपनी अज्ञानता के समय की पुरानी अभिलाषाओं के सदृश न बनो।
    1Pe 1:15  पर जैसा तुम्हारा बुलाने वाला पवित्र है, वैसे ही तुम भी अपने सारे चाल चलन में पवित्र बनो।
    1Pe 1:16  क्‍योंकि लिखा है, कि पवित्र बनो, क्‍योंकि मैं पवित्र हूं।
    1Pe 1:17  और जब कि तुम, हे पिता, कह कर उस से प्रार्थना करते हो, जो बिना पक्षपात हर एक के काम के अनुसार न्याय करता है, तो अपने परदेशी होने का समय भय से बिताओ।
    1Pe 1:18  क्‍योंकि तुम जानते हो, कि तुम्हारा निकम्मा चाल-चलन जो बाप-दादों से चला आता है उस से तुम्हारा छुटकारा चान्‍दी सोने अर्थात नाशमान वस्‍तुओं के द्वारा नहीं हुआ।
    1Pe 1:19  पर निर्दोष और निष्‍कलंक मेम्ने अर्थात मसीह के बहुमूल्य लोहू के द्वारा हुआ।
    1Pe 1:20  उसका ज्ञान तो जगत की उत्‍पत्ति के पहिले ही से जाना गया था, पर अब इस अन्‍तिम युग में तुम्हारे लिये प्रगट हुआ।
    1Pe 1:21  जो उसके द्वारा उस परमेश्वर पर विश्वास करते हो, जिस ने उसे मरे हुओं में से जिलाया, और महिमा दी; कि तुम्हारा विश्वास और आशा परमेश्वर पर हो।
    1Pe 1:22  सो जब कि तुम ने भाई-चारे की निष्‍कपट प्रीति के निमित्त सत्य के मानने से अपने मनों को पवित्र किया है, तो तन मन लगा कर एक दूसरे से अधिक प्रेम रखो।
 
एक साल में बाइबल: 
  • सभोपदेशक १०-१२ 
  • गलतियों १