शुक्रवार, 2 दिसंबर 2011

उद्धार

   थोमस बिलेने सन १५३१ में अपने मसीही विश्वास के लिए शहीद हुए थे। उन्होंने अपने उद्धार पाने के अनुभव को इन शब्दों में बयान किया था: "मेरी आत्मा परेशान थी और मैं किसी प्रकार शान्ति पाने ले लिए बेचैन था, लेकिन शान्ति मुझे कहीं नहीं मिल पा रही थी...अन्ततः मैं ने प्रभु यीशु के बारे में सुना। उस समय इराज़्मस द्वारा लैटिन भाषा में प्रकाशित बाइबल का नया नियम पहली बार उपलब्ध हुआ। मैं ने उसे खरीदा, मेरी रुचि लैटिन भाषा में थी ना कि परमेश्वर के वचन में, क्योंकि उस समय मैं यह नहीं जानता था कि ’परमेश्वर का वचन’ क्या होता है। जब मैं ने पहली बार उसे पढ़ना आरंभ किया तो संयोग वश मेरे सामने ये शब्द आए ’यह बात सच और हर प्रकार से मानने के योग्य है, कि मसीह यीशु पापियों का उद्धार करने के लिये जगत में आया, जिन में सब से बड़ा मैं हूं’ (१ तिमुथियुस १:१५)। परमेश्वर ने, इस एक वाक्य के द्वारा, मेरे अन्धेरे और घायल मन को प्रकाशित कर दिया और मेरी हड्डियों तक में अद्भुत आनन्द भर गया। ऐसा लगा जैसे एक लंबी अन्धेरी रात के बाद अचानक दिन की रौशनी फैल गई।"

   जब लोगों को एक पवित्र परमेश्वर के सामने अपने पाप की घोर भयानकता का एहसास होता है तो हो सकता है कि वे निराशा और बेबसी से भर जाएं; क्योंकि उन्हें यह भी बोध होता है कि वे सवयं अपने आप को पाप और उसके दुषप्रभावों से बचा नहीं सकते। लेकिन जो आशा थोमस बिलेने ने पाई वह सभी के लिए उपलब्ध है। प्रभु यीशु सभी पापियों के लिए मरे, और वे हर एक पापी के जीवन में निराशा और बेबसी के स्थान पर आशा और असीमित आनन्द भर सकते हैं।

   पाप क्षमा और उद्धार के लिए ना तो कोई रीति-रिवाज़ है और ना कोई नाम/धर्म/वेश्भूषा इत्यादि बदलने की आवश्यक्ता। अपने पापों का अंगीकार करना उद्धार पाने के लिए पहला कदम होता है, फिर उसके बाद मसीह यीशु में अपना विश्वास रख कर उस से उद्धार का दान स्वीकार कर लें, उसी क्षण से आपका जीवन बदल जाएगा, प्रभु यीशु का अनन्त जीवन और आनन्द आप में आ जाएगा। यह सब केवल एक सच्चे मन और विश्वास से करी गई छोटी सी प्रार्थना - हे यीशु मुझ पापी पर दया करें, मेरे पाप क्षमा करें, मुझे अपनी शरण में ले लें द्वारा संभव है। - डेव एग्नर


जो पापों में मरे हुए हैं, केवल यीशु ही उन्हें पापों के लिए मरा हुआ बना सकता है।
 
यह बात सच और हर प्रकार से मानने के योग्य है, कि मसीह यीशु पापियों का उद्धार करने के लिये जगत में आया, जिन में सब से बड़ा मैं हूं। - १ तिमुथियुस १:१५
 
बाइबल पाठ: १ तिमुथियुस १:१२-१७
1Ti 1:12  और मैं, अपने प्रभु मसीह यीशु का, जिस ने मुझे सामर्थ दी है, धन्यवाद करता हूं; कि उस ने मुझे विश्वासयोग्य समझ कर अपनी सेवा के लिये ठहराया।
1Ti 1:13  मैं तो पहिले निन्‍दा करने वाला, और सताने वाला, और अन्‍धेर करने वाला था; तौभी मुझ पर दया हुई, क्‍योंकि मैं ने अविश्वास की दशा में बिन समझे बूझे, ये काम किए थे।
1Ti 1:14  और हमारे प्रभु का अनुग्रह उस विश्वास और प्रेम के साथ जो मसीह यीशु में है, बहुतायत से हुआ।
1Ti 1:15  यह बात सच और हर प्रकार से मानने के योग्य है, कि मसीह यीशु पापियों का उद्धार करने के लिये जगत में आया, जिन में सब से बड़ा मैं हूं।
1Ti 1:16  पर मुझ पर इसलिये दया हुई, कि मुझ सब से बड़े पापी में यीशु मसीह अपनी पूरी सहनशीलता दिखाए, कि जो लोग उस पर अनन्‍त जीवन के लिये विश्वास करेंगे, उन के लिये मैं एक आदर्श बनूं।
1Ti 1:17  अब सनातन राजा अर्थात अविनाशी अनदेखे अद्वैत परमेश्वर का आदर और महिमा युगानुयुग होती रहे। आमीन।
 
एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल ४२-४४ 
  • १ युहन्ना १