रविवार, 16 दिसंबर 2012

महान आश्चर्यकर्म


   एक प्रसिद्ध ब्रिटिश सुसमाचार प्रचारक लियोनार्ड रैव्नहिल (१९०७-१९९४) ने एक बार कहा था: "परमेश्वर द्वारा किया जाने वाला एक महान अश्चर्यकर्म है कि वह एक पापी मनुष्य को पापी संसार में से लेकर उसे पवित्र बना दे और उसे फिर से पापी संसार में रख दे और फिर उस संसार में रहते हुए भी उस मनुष्य की पवित्रता को बनाए रखे।" परमेश्वर ने यही यशायाह भविष्यद्वक्ता के साथ किया जब परमेश्वर ने उसे अपने लोगों तक अपना सन्देश पहुँचाने के लिए नियुक्त किया।

   यहूदा के सफल राजाओं में से एक, राजा उज़्ज़ियाह की मृत्यु के बाद यशायाह को परमेश्वर का एक दर्शन मिला जिसमें यशायाह ने परमेश्वर को सृष्टि के अधिपति के रूप में अपनी महिमा में एक भव्य सिंहासन पर बैठे देखा। उस दर्शन में यशायाह ने देखा कि साराप (स्वर्गदूत) परमेश्वर की आराधना कर रहे हैं, उसे पवित्र, पराक्रमी और महिमावान कह रहे हैं।

   परमेश्वर की वास्तविकता को देख कर यशायाह को अपनी वास्तविकता का बोध हुआ, कि परमेश्वर के सम्मुख वह कैसा पापी और अपवित्र है, और यशायाह पुकार उठा "...हाय! हाय! मैं नाश हूआ; क्योंकि मैं अशुद्ध होंठ वाला मनुष्य हूं, और अशुद्ध होंठ वाले मनुष्यों के बीच में रहता हूं..." (यशायाह ६:५)। अपनी अपवित्रता और पाप के इस बोध ने उसे परमेश्वर के शुद्ध और पवित्र करने वाले अनुग्रह की आवश्यकता और उपलब्धता का एहसास कराया (पद ७); यशायाह शुद्ध और पवित्र किया गया और फिर परमेश्वर के वचन को लोगों तक पहुँचाने के लिए उसने परमेश्वर की पुकार को स्वीकार किया और नियुक्त किया गया। तब परमेश्वर ने यशायाह को एक अपवित्र संसार में अपवित्र लोगों के बीच में भेजा कि वह एक पवित्र जीवन व्यतीत करे और पवित्र परमेश्वर के बारे में लोगों को बताए।

   आज भी अपने विश्वासियों को परमेश्वर अपनी पवित्रता और उनकी वास्तविकता का बोध कराना चाहता है जिससे कि वे उसके अनुग्रह और पवित्रता की, उनके जीवनों में घोर आवश्यकता को पहचान सकें, उससे वह प्राप्त कर सकें और फिर उसके लिए उपयोगी पात्र बनकर उसके सन्देश को संसार में पहुँचाने वाले बन सकें। यह महान आश्चर्यकर्म वह आपके जीवन में भी करना चाहता है, यदि आप उसको समर्पण के लिए तैयार हैं। - मार्विन विलियम्स


पाप के अन्धकार से भरे जीवनों को परमेश्वर के अनुग्रह की ज्योति पवित्रता से रौशन कर देती है।

और उस ने उस से मेरे मुंह को छूकर कहा, देख, इस ने तेरे होंठों को छू लिया है, इसलिये तेरा अधर्म दूर हो गया और तेरे पाप क्षमा हो गए। - यशायाह ६:७

बाइबल पाठ: यशायाह ६:१-८
Isa 6:1  जिस वर्ष उज्जिय्याह राजा मरा, मैं ने प्रभु को बहुत ही ऊंचे सिंहासन पर विराजमान देखा; और उसके वस्त्र के घेर से मन्दिर भर गया। 
Isa 6:2  उस से ऊंचे पर साराप दिखाई दिए; उनके छ: छ: पंख थे; दो पंखों से वे अपने मुंह को ढांपे थे और दो से अपने पांवों को, और दो से उड़ रहे थे। 
Isa 6:3  और वे एक दूसरे से पुकार पुकार कर कह रहे थे: सेनाओं का यहोवा पवित्र, पवित्र, पवित्र है; सारी पृथ्वी उसके तेज से भरपूर है। 
Isa 6:4  और पुकारने वाले के शब्द से डेवढिय़ों की नेवें डोल उठीं, और भवन धूंए से भर गया। 
Isa 6:5  तब मैं ने कहा, हाय! हाय! मैं नाश हूआ; क्योंकि मैं अशुद्ध होंठ वाला मनुष्य हूं, और अशुद्ध होंठ वाले मनुष्यों के बीच में रहता हूं; क्योंकि मैं ने सेनाओं के यहोवा महाराजाधिराज को अपनी आंखों से देखा है! 
Isa 6:6  तब एक साराप हाथ में अंगारा लिए हुए, जिसे उस ने चिमटे से वेदी पर से उठा लिया था, मेरे पास उड़ कर आया। 
Isa 6:7  और उस ने उस से मेरे मुंह को छूकर कहा, देख, इस ने तेरे होंठों को छू लिया है, इसलिय तेरा अधर्म दूर हो गया और तेरे पाप क्षमा हो गए। 
Isa 6:8  तब मैं ने प्रभु का यह वचन सुना, मैं किस को भेंजूं, और हमारी ओर से कौन जाएगा? तब मैं ने कहा, मैं यहां हूं! मुझे भेज।

एक साल में बाइबल: 
  • अमोस ४-६ 
  • प्रकाशितवाक्य ७