शनिवार, 8 जून 2013

उद्देश्य


   मेरी पत्नि मार्टी बहुत अच्छा भोजन बनाती है। व्यस्त दिनचर्या के बाद शाम को आराम से बैठकर उसके बनाए भोजन का स्वाद तथा आनन्द लेना बहुत भला लगता है। कभी-कभी शाम के भोजन के बाद वह कुछ अन्य छोटे-मोटे कार्य करने में व्यस्त हो जाती है, और मेरे लिए दो ही विकल्प रह जाते हैं - बैठकर टेलिविज़न देखूँ, या फिर रसोई की साफ-सफाई करूँ। जब मैं अपने भले व्यवहार को प्रदर्शित करने की मनोदशा में होता हूँ, तो मैं अपनी आस्तीनें चढ़ा कर रसोई में जुट जाता हूँ और सब गन्दे बर्तनों की सफाई कर देता हूँ। यह सब करते हुए मेरा उद्देश्य रहता है कि इस सब को देखकर जब मार्टी कृतज्ञता के कुछ शब्द कहे, जैसे "अरे वाह जो, क्या बात है! वैसे तुम्हें यह करने की आवश्यकता नहीं थी" तो मैं तुरंत प्रत्युत्तर में उससे कह सकूँ, "मैंने तो यह सब बस तुम्हारे प्रति अपने प्रेम को जताने के लिए किया था"।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रभु यीशु ने इफसुस की मण्डली को इसलिए डाँटा क्योंकि उन्होंने प्रभु यीशु के प्रति "अपना पहला सा प्रेम" छोड़ दिया था (प्रकाशितवाक्य 2:4)। उस मण्डली के लोग बहुत कुछ कर तो रहे थे, लेकिन उनके वे भले कार्य प्रभु यीशु के प्रति प्रेम के कारण नहीं थे। यद्यपि प्रभु यीशु ने उनके धीरज और विश्वास में बने रहने की प्रशंसा करी, लेकिन मसीह यीशु के दृष्टिकोण से उनका यह सब परिश्रम व्यर्थ था क्योंकि इन भले कार्यों को करने में उनका उद्देश्य सही नहीं था।

   मसीही विश्वास में भला व्यवहार मसीह की उपासना के समान है। अपने विश्वास की परीक्षाओं का सामना करना, क्षमाशील होना, दूसरों की सेवा करना, एक दूसरे से प्रेम रखना आदि सभी बातें प्रभु से कोई शाबाशी पाने, पीठ थपथाए जाने या मण्डली में प्रशंसा पाने और नाम कमाने के उद्देश्य से नहीं वरन प्रगट रूप में अपने मसीही विश्वास को जी कर दिखाने और मसीह यीशु के प्रति अपने प्रेम को प्रगट करने के अवसर होने चाहिएं।

   ज़रा सोच कर देखिए, मसीह यीशु के प्रति अपने प्रेम को प्रगट करने के लिए आपने कोई "भला" कार्य आखिरी बार कब किया था? - जो स्टोवैल


व्यावाहरिक प्रेम ही वस्तविक प्रेम है।

पर मुझे तेरे विरुद्ध यह कहना है कि तू ने अपना पहिला सा प्रेम छोड़ दिया है। - प्रकाशितवाक्य 2:4 

बाइबल पाठ: प्रकाशितवाक्य 2:1-7
Revelation 2:1 इफिसुस की कलीसिया के दूत को यह लिख, कि, जो सातों तारे अपने दाहिने हाथ में लिये हुए है, और सोने की सातों दीवटों के बीच में फिरता है, वह यह कहता है कि
Revelation 2:2 मैं तेरे काम, और परिश्रम, और तेरा धीरज जानता हूं; और यह भी, कि तू बुरे लोगों को तो देख नहीं सकता; और जो अपने आप को प्रेरित कहते हैं, और हैं नहीं, उन्हें तू ने परख कर झूठा पाया।
Revelation 2:3 और तू धीरज धरता है, और मेरे नाम के लिये दु:ख उठाते उठाते थका नहीं।
Revelation 2:4 पर मुझे तेरे विरुद्ध यह कहना है कि तू ने अपना पहिला सा प्रेम छोड़ दिया है।
Revelation 2:5 सो चेत कर, कि तू कहां से गिरा है, और मन फिरा और पहिले के समान काम कर; और यदि तू मन न फिराएगा, तो मैं तेरे पास आकर तेरी दीवट को उस स्थान से हटा दूंगा।
Revelation 2:6 पर हां तुझ में यह बात तो है, कि तू नीकुलइयों के कामों से घृणा करता है, जिन से मैं भी घृणा करता हूं।
Revelation 2:7 जिस के कान हों, वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है: जो जय पाए, मैं उसे उस जीवन के पेड़ में से जो परमेश्वर के स्‍वर्गलोक में है, फल खाने को दूंगा।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 इतिहास 30-31 
  • यूहन्ना 18:1-18