शनिवार, 23 नवंबर 2013

बहुतायत का संसार


   जिस कंपनी से मैंने अपने टी.वी. का केबल कनेक्शन लिया है, उसने मुझे हाल ही में अपने  विज्ञापन का एक पोस्टकार्ड भेजा जिसमें उसके द्वारा आरंभ किए गए नवीनत्म चैनलों के प्रसारण के विषय में जानकारी दी थी। यदि मैं उन नए चैनलों को देखने में रुचि रखूँ तो मुझे कंपनी से संपर्क कर के एक नया डिजिटल उपकरण लेना पड़ेगा, जिसे टी.वी. के साथ जोड़ने और सक्रीय करने के निर्देश भी दिए गए थे। इतना करने के बाद, उस पोस्टकार्ड में लिखा था, बस मुझे आराम से पैर फैला कर बैठना था और "बहुतायत के संसार" का मज़ा लेना था।

   उस पोस्टकार्ड ने मुझे हम मसीही विश्वासियों को परमेश्वर के अनुग्रह से उपलब्ध एक अन्य "बहुतायत के संसार" के विषय में विचार करने को विवश किया। हमारे पापों से पश्चाताप करने, प्रभु यीशु से उनकी क्षमा माँगने और अपना जीवन उसे समर्पित कर देने से हमारे लिए एक नया ही जीवन आरंभ हो जाता है, जहाँ हम पाप के अन्धकार से छुड़ाए जाकर परमेश्वर की अद्भुत ज्योति में उसके साथ उसके "बहुतायत के संसार" में सम्मिलित हो जाते हैं (1 पतरस 2:9)।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में रोमियों की पत्री के 5वें अध्याय में हम परमेश्वर से हमें प्राप्त होने वाली इस बहुतायत के बारे में कुछ और बातें पाते हैं: प्रभु यीशु में हो कर परमेश्वर के साथ हमारा मेल-मिलाप हो गया (पद 10), इसलिए अब परमेश्वर के पास हमारी पहुँच भी है और हम उसके अनुग्रह के भी भागी हैं (पद 1-2)। इस मेल के कारण हम क्लेषों में भी आनन्दित रह सकते हैं क्योंकि अब हम यह जानते-समझते हैं कि ये हर परिस्थिति में परमेश्वर पर विश्वास बनाए रखने के द्वारा हमारे लिए चरित्र निर्माण तथा उन्नति के अवसर हैं (पद 3-4)। साथ ही परमेश्वर का पवित्र आत्मा भी हमें प्रदान किया गया है जो परमेश्वर का प्रेम हमारे हृदयों में भरता है (पद 5); तथा अब पाप की हम पर पहले के समान पकड़ नहीं रह गई है (रोमियों 6:18)।

   मसीही विश्वासी होने के कारण हमें वास्तव में एक अद्भुत बहुतायत के संसार में प्रवेश दिया गया है, जो इस पार्थिव जीवन के बाद भी हमारे साथ बना रहेगा। यदि एक केबल कंपनी केवल क्षणिक मनोरंजन और अपने व्यवसाय के लिए सबको निमंत्रण भेज सकती है, तो फिर यदि हम अनन्त काल तक आशीष वाले इस अति-विशिष्ट संसार में आने का अन्य लोगों को निमंत्रण ना दें तो क्या यह उचित होगा? - ऐनी सेटास


परमेश्वर का हो जाना अनगिनत आशीषों को साथ ले आता है।

परन्तु जैसा लिखा है, कि जो आंख ने नहीं देखी, और कान ने नहीं सुना, और जो बातें मनुष्य के चित्त में नहीं चढ़ीं वे ही हैं, जो परमेश्वर ने अपने प्रेम रखने वालों के लिये तैयार की हैं। - 1 कुरिन्थियों 2:9 

बाइबल पाठ: रोमियों 5:1-11
Romans 5:1 ​सो जब हम विश्वास से धर्मी ठहरे, तो अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर के साथ मेल रखें। 
Romans 5:2 जिस के द्वारा विश्वास के कारण उस अनुग्रह तक, जिस में हम बने हैं, हमारी पहुंच भी हुई, और परमेश्वर की महिमा की आशा पर घमण्ड करें। 
Romans 5:3 केवल यही नहीं, वरन हम क्लेशों में भी घमण्ड करें, यही जानकर कि क्लेश से धीरज। 
Romans 5:4 ओर धीरज से खरा निकलना, और खरे निकलने से आशा उत्पन्न होती है। 
Romans 5:5 और आशा से लज्ज़ा नहीं होती, क्योंकि पवित्र आत्मा जो हमें दिया गया है उसके द्वारा परमेश्वर का प्रेम हमारे मन में डाला गया है। 
Romans 5:6 क्योंकि जब हम निर्बल ही थे, तो मसीह ठीक समय पर भक्तिहीनों के लिये मरा। 
Romans 5:7 किसी धर्मी जन के लिये कोई मरे, यह तो र्दुलभ है, परन्तु क्या जाने किसी भले मनुष्य के लिये कोई मरने का भी हियाव करे। 
Romans 5:8 परन्तु परमेश्वर हम पर अपने प्रेम की भलाई इस रीति से प्रगट करता है, कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिये मरा। 
Romans 5:9 सो जब कि हम, अब उसके लोहू के कारण धर्मी ठहरे, तो उसके द्वारा क्रोध से क्यों न बचेंगे? 
Romans 5:10 क्योंकि बैरी होने की दशा में तो उसके पुत्र की मृत्यु के द्वारा हमारा मेल परमेश्वर के साथ हुआ फिर मेल हो जाने पर उसके जीवन के कारण हम उद्धार क्यों न पाएंगे? 
Romans 5:11 और केवल यही नहीं, परन्तु हम अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा जिस के द्वारा हमारा मेल हुआ है, परमेश्वर के विषय में घमण्ड भी करते हैं।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 20-21 
  • याकूब 5