सोमवार, 14 जुलाई 2014

दो पाठ


   इस पुस्तिका, Our Daily Bread के लिए नियम पालन करने की आवश्यकता पर लेख लिखने के कुछ ही सप्ताह के अन्दर मुझे इस से संबंधित दो पाठ सीखने को मिले। एक पाठ तो मैंने तब सीखा जब मैं 850 मील गाड़ी चलाने की यात्रा पर निकला; मैंने निश्चय किया कि मैं निर्धारित गति सीमा से अधिक रफतार से गाड़ी नहीं चलाऊँगा। एक छोटे से नगर में से होकर निकलते समय मैं गाड़ी चलाते हुए खाने के प्रयास में सैण्डविच का बाहरी आवरण खोलने लगा और वहाँ लगे गति संबंधी संकेतों पर तथा अपनी गाड़ी की गति पर ध्यान देना भूल गया - परिणाम था मुझे सीमा से अधिक रफतार से गाड़ी चलाने के लिए चालान का भुगतान करना पड़ा। तो मेरा पहला पाठ था कि जानबूझकर गति सीमा का उल्लंघन किया जाय या यह अनजाने में हो जाए, दोनों का परिणाम एक ही होता है! और अभी मुझे 700 मील गाड़ी और चलानी बाकी थी।

   इसके साथ ही जो दूसरा पाठ मैंने सीखा वह था कि हमारे प्रत्येक निर्णय की परीक्षा अवश्य ही होगी। मुझे मूसा द्वारा इस्त्राएलियों को कहे गए शब्द स्मरण हो आए, जब वे वाचा किए हुए देश में प्रवेश करने की तैयारी में थे: "और स्मरण रख कि तेरा परमेश्वर यहोवा उन चालीस वर्षों में तुझे सारे जंगल के मार्ग में से इसलिये ले आया है, कि वह तुझे नम्र बनाए, और तेरी परीक्षा कर के यह जान ले कि तेरे मन में क्या क्या है, और कि तू उसकी आज्ञाओं का पालन करेगा वा नहीं" (व्यस्थाविवरण 8:2)।

   लेखक एवं प्रचारक यूजीन पीटरसन ने मसीह यीशु का अनुकरण करने की प्रक्रिया को "आज्ञाकारिता का एक लंबा मार्ग" कहा है। परमेश्वर के आज्ञाकारी होने के प्रत्येक निर्णय के साथ उस आज्ञाकारिता में बने रहने के अनेक निर्णय करना आवश्यक रहता है। परमेश्वर ने मुझे नम्र किया और सिखाया कि उसके पीछे चलने के लिए कितना महत्वपूर्ण है उसकी आज्ञाकारिता के लिए अपने मन को तैयार करना और मार्ग के संकेतों तथा बातों का ध्यान रखते हुए अपने निर्णय को निभाते रहना। - डेविड मैक्कैसलैंण्ड


परमेश्वर से प्रेम करने का अर्थ है परमेश्वर का आज्ञाकारी होना।

इस बात पर भी तुम ने अपने उस परमेश्वर यहोवा पर विश्वास नहीं किया, जो तुम्हारे आगे आगे इसलिये चलता रहा, कि डेरे डालने का स्थान तुम्हारे लिये ढूंढ़े, और रात को आग में और दिन को बादल में प्रगट हो कर चला, ताकि तुम को वह मार्ग दिखाए जिस से तुम चलो। - व्यस्थाविवरण 1:32-33

बाइबल पाठ: व्यस्थाविवरण 8:1-10
Deuteronomy 8:1 जो जो आज्ञा मैं आज तुझे सुनाता हूं उन सभों पर चलने की चौकसी करना, इसलिये कि तुम जीवित रहो और बढ़ते रहो, और जिस देश के विषय में यहोवा ने तुम्हारे पूर्वजों से शपथ खाई है उस में जा कर उसके अधिकारी हो जाओ। 
Deuteronomy 8:2 और स्मरण रख कि तेरा परमेश्वर यहोवा उन चालीस वर्षों में तुझे सारे जंगल के मार्ग में से इसलिये ले आया है, कि वह तुझे नम्र बनाए, और तेरी परीक्षा कर के यह जान ले कि तेरे मन में क्या क्या है, और कि तू उसकी आज्ञाओं का पालन करेगा वा नहीं। 
Deuteronomy 8:3 उसने तुझ को नम्र बनाया, और भूखा भी होने दिया, फिर वह मन्ना, जिसे न तू और न तेरे पुरखा ही जानते थे, वही तुझ को खिलाया; इसलिये कि वह तुझ को सिखाए कि मनुष्य केवल रोटी ही से नहीं जीवित रहता, परन्तु जो जो वचन यहोवा के मुंह से निकलते हैं उन ही से वह जीवित रहता है। 
Deuteronomy 8:4 इन चालीस वर्षों में तेरे वस्त्र पुराने न हुए, और तेरे तन से भी नहीं गिरे, और न तेरे पांव फूले। 
Deuteronomy 8:5 फिर अपने मन में यह तो विचार कर, कि जैसा कोई अपने बेटे को ताड़ना देता है वैसे ही तेरा परमेश्वर यहोवा तुझ को ताड़ना देता है। 
Deuteronomy 8:6 इसलिये अपने परमेश्वर यहोवा की आज्ञाओं का पालन करते हुए उसके मार्गों पर चलना, और उसका भय मानते रहना। 
Deuteronomy 8:7 क्योंकि तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे एक उत्तम देश में लिये जा रहा है, जो जल की नदियों का, और तराइयों और पहाड़ों से निकले हुए गहिरे गहिरे सोतों का देश है। 
Deuteronomy 8:8 फिर वह गेहूं, जौ, दाखलताओं, अंजीरों, और अनारों का देश है; और तेलवाली जलपाई और मधु का भी देश है। 
Deuteronomy 8:9 उस देश में अन्न की महंगी न होगी, और न उस में तुझे किसी पदार्थ की घटी होगी; वहां के पत्थर लोहे के हैं, और वहां के पहाड़ों में से तू तांबा खोदकर निकाल सकेगा। 
Deuteronomy 8:10 और तू पेट भर खाएगा, और उस उत्तम देश के कारण जो तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे देगा उसका धन्य मानेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 8-11