सोमवार, 15 सितंबर 2014

आवश्यकता


   दिल दुखाने वाली बातें सुनने को मिलती ही रहती हैं - वह मित्र जिसकी व्यस्क पुत्री अपने पति और बच्चों को छोड़कर चली गई; वे माता-पिता जिनके किशोरावसथा में आ रहे बच्चे कार दुर्घटना में मारे गए; चर्च का वह अति कार्यकारी व्यक्ति जो अपनी नौकरी से सेवा-निवृत्ति के बाद किसी ना किसी बिमारी या परेशानी से जूझने को मजबूर है - आप सब ने ऐसी कहानियाँ सुनी होंगी, आपके पास भी ऐसी ही अपनी कहानियाँ भी होंगी।

   जब संघर्ष और पीड़ा हमारे विश्वास को झकझोरें और हमारे आनन्द के अन्तिम बून्द तक को निचोड़ डालें, तब हम कहाँ और किसके पास जाएँ? ऐसे में परमेश्वर के वचन बाइबल में 2 कुरिन्थियों 1:3 सही स्थान होगा - वह पद आशा, सहायता और संभावनाओं से भरा हुआ है।

   देखिए कि यह पद हम से क्या कहता है: प्रेरित पौलुस, व्यक्तिगत रीति से जिसके पास हम में से अधिकांश की तुलना में कहीं अधिक संघर्ष और परेशानियाँ थीं, इस पद में परमेश्वर के सम्मुख दो स्तर पर आराधना उठाता है। पहले तो वह परमेश्वर का, जो केवल हमारा ही नहीं वरन प्रभु यीशु का भी पिता और परमेश्वर है, धन्यवाद करता है - ज़रा इसके तात्पर्य में छिपी सामर्थ और प्रेम के बारे में सोचिए। दूसरे, फिर पौलुस इस से भी अधिक अच्छा समाचार देता है - हमारा परमेश्वर पिता दया और करुणा का परमेश्वर है, अर्थात वह हमसे अनन्त काल का प्रेम करता है और अपने अनुग्रह की दृष्टि हम पर बनाए रहता है; इतना ही नहीं वह सभी शान्ति का भी परमेश्वर है।

   क्या आज आपको अनुकंपा की, सांत्वना की, शान्ति की आवश्यकता है - अपने पिता परमेश्वर के पास जाएं। उसके पास आपके लिए आपकी आवश्यकता से भी कहीं बढ़कर सब कुछ उपलब्ध है और वह उन सब बातों को आप पर बहुतायत से उँडेलने को भी तैयार है। आवश्यकता तथा परेशानी में परमेश्वर ही है जो हमें संभाल सकता है। - डेव ब्रैनन


परमेश्वर की शान्ति और सांत्वना भरी धीमी आवाज़ हमारी परेशानियों के कोलाहल को शान्त करने के लिए काफी है।

हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर, और पिता का धन्यवाद हो, जो दया का पिता, और सब प्रकार की शान्‍ति का परमेश्वर है। - 2 कुरिन्थियों 1:3

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 1:1-7
2 Corinthians 1:1 पौलुस की ओर से जो परमेश्वर की इच्छा से मसीह यीशु का प्रेरित है, और भाई तीमुथियुस की ओर से परमेश्वर की उस कलीसिया के नाम जो कुरिन्थुस में है; और सारे अखया के सब पवित्र लोगों के नाम।
2 Corinthians 1:2 हमारे पिता परमेश्वर और प्रभु यीशु मसीह की ओर से तुम्हें अनुग्रह और शान्‍ति मिलती रहे।
2 Corinthians 1:3 हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर, और पिता का धन्यवाद हो, जो दया का पिता, और सब प्रकार की शान्‍ति का परमेश्वर है। 
2 Corinthians 1:4 वह हमारे सब क्‍लेशों में शान्‍ति देता है; ताकि हम उस शान्‍ति के कारण जो परमेश्वर हमें देता है, उन्हें भी शान्‍ति दे सकें, जो किसी प्रकार के क्‍लेश में हों। 
2 Corinthians 1:5 क्योंकि जैसे मसीह के दुख हम को अधिक होते हैं, वैसे ही हमारी शान्‍ति भी मसीह के द्वारा अधिक होती है। 
2 Corinthians 1:6 यदि हम क्‍लेश पाते हैं, तो यह तुम्हारी शान्‍ति और उद्धार के लिये है और यदि शान्‍ति पाते हैं, तो यह तुम्हारी शान्‍ति के लिये है; जिस के प्रभाव से तुम धीरज के साथ उन क्‍लेशों को सह लेते हो, जिन्हें हम भी सहते हैं। 
2 Corinthians 1:7 और हमारी आशा तुम्हारे विषय में दृढ़ है; क्योंकि हम जानते हैं, कि तुम जैसे दुखों के वैसे ही शान्‍ति के भी सहभागी हो।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 37-39