शुक्रवार, 28 अगस्त 2015

बचाव का मार्ग


   पश्चिमी वर्जीनिया के अपालाचियन पहाड़ों से होकर गुज़रने वाले राजमार्ग 77 पर अनियंत्रित ट्रकों को मार्ग से किनारे कर के रोक लेने के लिए ढलानों पर अनेक स्थान बने हुए हैं। ये आधे-पक्के किए हुए स्थान राजमार्ग के उस भाग पर स्थित हैं जो 6 मील की दूरी में 1300 फीट नीचे उतर आता है। सड़क के घुमावदार होने के साथ इस तीव्र ढलान के कारण गाड़ियों, विशेषकर ट्रकों के लिए समस्या होने की संभावना सदा बनी रहती है, इसीलिए अधिकारियों ने उनकी सहायता के लिए पहले से ही उपाय बना कर रख दिया है।

   जैसे ढाल पर अनियंत्रित गाड़ी या ट्रक को बचने का मार्ग चाहिए होता है, हमें भी जीवन के मार्ग में कई बातों से बचने में सहायता चाहिए होती है, विशेषकर तब जब अनियंत्रित अभिलाषाएं हमारे आत्मिक जीवन को जोखिम में डालने लगती हैं। हमारा परमेश्वर पिता हमारी इस संभावना और स्थिति को अच्छे से जानता है, इसीलिए उसने हमारी सहायता के लिए पहले ही से साधन बना कर दे दिया है। जब भी हम किसी अनुचित प्रलोभन या लालसा में पड़ें, तो परमेश्वर के वायदे को स्मरण रखें: "...परमेश्वर सच्चा है: वह तुम्हें सामर्थ से बाहर परीक्षा में न पड़ने देगा, वरन परीक्षा के साथ निकास भी करेगा..." (1 कुरिन्थियों 10:13)। परमेश्वर अपने वचन के द्वारा हमें प्रलभोनों को "नहीं" कहने की सामर्थ देता है; जब शैतान ने प्रभु यीशु की सेवकाई के आरंभ में उनके 40 दिनों के उपवास के पश्चात भोजन, अधिकार तथा परमेश्वर पर विश्वास की बातों को लेकर परीक्षा करी तो प्रभु यीशु ने उसके प्रत्येक वार को परमेश्वर के वचन के सही प्रयोग के द्वारा विफल किया।

   जब हम किसी प्रलोभन या परीक्षा में पड़ें तो हमें प्रतीत हो सकता है कि बस अब हमारा विनाश आने ही वाला है, बीते समयों की असफलताएं तथा दूसरों द्वारा हमारे तिरिस्कार की यादें हमारी निराशा को और भी बढ़ा सकती हैं। लेकिन ऐसे में भी हम परमेश्वर पर भरोसा बनाए रख सकते हैं कि हमारी हर परीक्षा में वह हमारे प्रति वफादार और सहायक है; वह ना केवल हमें परीक्षा का सामना करने की सामर्थ देगा वरन उससे बच कर निकल पाने का मार्ग भी देगा। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


प्रलोभन और परीक्षा से बचने का सबसे उत्त्म मार्ग है परमेश्वर कि शरण में भाग जाना।

इसलिये जान रख कि तेरा परमेश्वर यहोवा ही परमेश्वर है, वह विश्वासयोग्य ईश्वर है; और जो उस से प्रेम रखते और उसकी आज्ञाएं मानते हैं उनके साथ वह हजार पीढ़ी तक अपनी वाचा पालता, और उन पर करूणा करता रहता है; - व्यवस्थाविवरण 7:9 

बाइबल पाठ: मत्ती4:1-11 1 कुरिन्थियों 10:12-13
Matthew 4:1 तब उस समय आत्मा यीशु को जंगल में ले गया ताकि इब्‍लीस से उस की परीक्षा हो। 
Matthew 4:2 वह चालीस दिन, और चालीस रात, निराहार रहा, अन्‍त में उसे भूख लगी। 
Matthew 4:3 तब परखने वाले ने पास आकर उस से कहा, यदि तू परमेश्वर का पुत्र है, तो कह दे, कि ये पत्थर रोटियां बन जाएं। 
Matthew 4:4 उसने उत्तर दिया; कि लिखा है कि मनुष्य केवल रोटी ही से नहीं, परन्तु हर एक वचन से जो परमेश्वर के मुख से निकलता है जीवित रहेगा। 
Matthew 4:5 तब इब्‍लीस उसे पवित्र नगर में ले गया और मन्दिर के कंगूरे पर खड़ा किया। 
Matthew 4:6 और उस से कहा यदि तू परमेश्वर का पुत्र है, तो अपने आप को नीचे गिरा दे; क्योंकि लिखा है, कि वह तेरे विषय में अपने स्‍वर्गदूतों को आज्ञा देगा; और वे तुझे हाथों हाथ उठा लेंगे; कहीं ऐसा न हो कि तेरे पांवों में पत्थर से ठेस लगे। 
Matthew 4:7 यीशु ने उस से कहा; यह भी लिखा है, कि तू प्रभु अपने परमेश्वर की परीक्षा न कर। 
Matthew 4:8 फिर शैतान उसे एक बहुत ऊंचे पहाड़ पर ले गया और सारे जगत के राज्य और उसका वैभव दिखाकर 
Matthew 4:9 उस से कहा, कि यदि तू गिरकर मुझे प्रणाम करे, तो मैं यह सब कुछ तुझे दे दूंगा। 
Matthew 4:10 तब यीशु ने उस से कहा; हे शैतान दूर हो जा, क्योंकि लिखा है, कि तू प्रभु अपने परमेश्वर को प्रणाम कर, और केवल उसी की उपासना कर। 
Matthew 4:11 तब शैतान उसके पास से चला गया, और देखो, स्वर्गदूत आकर उस की सेवा करने लगे।

1 Corinthians 10:12 इसलिये जो समझता है, कि मैं स्थिर हूं, वह चौकस रहे; कि कहीं गिर न पड़े। 
1 Corinthians 10:13 तुम किसी ऐसी परीक्षा में नहीं पड़े, जो मनुष्य के सहने से बाहर है: और परमेश्वर सच्चा है: वह तुम्हें सामर्थ से बाहर परीक्षा में न पड़ने देगा, वरन परीक्षा के साथ निकास भी करेगा; कि तुम सह सको।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 123-125
  • 1 कुरिन्थियों 10:1-18