रविवार, 22 नवंबर 2015

छाया


   पचास से भी अधिक वर्ष पूर्व हुई अमेरिका के राष्ट्रपति जौन एफ. केनेडी की हत्या ने सारे विश्व के लोगों को स्तब्ध कर दिया था। हत्या के अगले दिन लंडन से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्र ’द टाइम्स’ ने इस घटना के कारण सारे विश्व के आर्थिक बाज़ारों पर आए प्रभाव के बारे में लिखा। उस अखबार का मुख्य शीर्षक था, "अमेरीकी त्रासदी के छाया अन्य सभी बातों पर।"

   हमारे जीवनों में ऐसे समय आते हैं जब कोई मृत्यु, कोई त्रासदी या घटनाओं का अचानक मोड़े ले लेना अन्य हर एक बात से अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है, प्रत्येक बात पर पर छा जाता है। कुछ ऐसा ही लगभग दो हज़ार वर्ष से कुछ पूर्व एक कुँवारी युवती मरियम के साथ इस्त्राएल में हुआ - परमेश्वर के एक स्वर्गदूत जिब्राईल ने आकर उसे बताया कि वह परमेश्वर के पुत्र और संसार के उद्धारकर्ता की माँ बनेगी (लूका 1:26-33)। जब उस युवती ने स्वर्गदूत से पूछा कि ऐसा कैसे होगा, तो उस स्वर्गदूत ने उत्तर दिया, "...पवित्र आत्मा तुझ पर उतरेगा, और परमप्रधान की सामर्थ तुझ पर छाया करेगी इसलिये वह पवित्र जो उत्पन्न होनेवाला है, परमेश्वर का पुत्र कहलाएगा" (लूका 1:35), और स्वर्गदूत को उसका प्रत्युत्तर आज भी हमें आश्चर्य में डाल देता है: "...देख, मैं प्रभु की दासी हूं, मुझे तेरे वचन के अनुसार हो..." (लूका 1:38)। इतिहास गवाह है कि असंभव प्रतीत होने वाली इस घटना से मरियम के जीवन पर अन्धकार की नहीं वरन परमेश्वर की सामर्थ और महिमा की छाया आई।

   आते सप्ताहों में जब हम क्रिसमस की घटना और संसार में प्रभु यीशु के जन्म के बारे में और पढ़ेंगे तथा विचार करेंगे, तो इस शब्द ’छाया’ पर चिंतन करना लाभदायक रहेगा। यदि प्रभु यीशु की उपस्थिति हमारे जीवनों पर छाया करे तो वह हमारे जीवन के सबसे अन्धकारपूर्ण पलों को भी अपनी ज्योति से रौशन कर देगा। - डेविड मैक्कैसलैंड


हर परिस्थिति में परमेश्वर का सर्वसामर्थी प्रेम हम पर छाया किए रहता है।

परन्तु ये इसलिये लिखे गए हैं, कि तुम विश्वास करो, कि यीशु ही परमेश्वर का पुत्र मसीह है: और विश्वास कर के उसके नाम से जीवन पाओ। - यूहन्ना 20:31 

बाइबल पाठ: लूका 1:26-38
Luke 1:26 छठवें महीने में परमेश्वर की ओर से जिब्राईल स्वर्गदूत गलील के नासरत नगर में एक कुंवारी के पास भेजा गया। 
Luke 1:27 जिस की मंगनी यूसुफ नाम दाऊद के घराने के एक पुरूष से हुई थी: उस कुंवारी का नाम मरियम था। 
Luke 1:28 और स्वर्गदूत ने उसके पास भीतर आकर कहा; आनन्द और जय तेरी हो, जिस पर ईश्वर का अनुग्रह हुआ है, प्रभु तेरे साथ है। 
Luke 1:29 वह उस वचन से बहुत घबरा गई, और सोचने लगी, कि यह किस प्रकार का अभिवादन है? 
Luke 1:30 स्वर्गदूत ने उस से कहा, हे मरियम; भयभीत न हो, क्योंकि परमेश्वर का अनुग्रह तुझ पर हुआ है। 
Luke 1:31 और देख, तू गर्भवती होगी, और तेरे एक पुत्र उत्पन्न होगा; तू उसका नाम यीशु रखना। 
Luke 1:32 वह महान होगा; और परमप्रधान का पुत्र कहलाएगा; और प्रभु परमेश्वर उसके पिता दाऊद का सिंहासन उसको देगा। 
Luke 1:33 और वह याकूब के घराने पर सदा राज्य करेगा; और उसके राज्य का अन्‍त न होगा। 
Luke 1:34 मरियम ने स्वर्गदूत से कहा, यह क्योंकर होगा? मैं तो पुरूष को जानती ही नहीं। 
Luke 1:35 स्वर्गदूत ने उसको उत्तर दिया; कि पवित्र आत्मा तुझ पर उतरेगा, और परमप्रधान की सामर्थ तुझ पर छाया करेगी इसलिये वह पवित्र जो उत्पन्न होने वाला है, परमेश्वर का पुत्र कहलाएगा। 
 Luke 1:36 और देख, और तेरी कुटुम्बिनी इलीशिबा के भी बुढ़ापे में पुत्र होने वाला है, यह उसका, जो बांझ कहलाती थी छठवां महीना है। 
Luke 1:37 क्योंकि जो वचन परमेश्वर की ओर से होता है वह प्रभावरहित नहीं होता। 
Luke 1:38 मरियम ने कहा, देख, मैं प्रभु की दासी हूं, मुझे तेरे वचन के अनुसार हो: तब स्वर्गदूत उसके पास से चला गया।

एक साल में बाइबल: 

  • यहेजकेल 18-19
  • याकूब 4