शुक्रवार, 4 मार्च 2016

पक्षपात


   न्यूज़वीक पत्रिका द्वारा सन 2010 में किए गए एक सर्वेक्षण से कुछ चौंका देने वाले आँकड़े सामने आए। इस सर्वेक्षण के अनुसार, लोगों को काम के लिए चुनने और रखने वाले प्रबंधकों में से 57% का मानना था कि देखने में अनाकर्षक व्यक्ति का नौकरी के लिए चुने जाना कठिन था चाहे वह उस कार्य के लिए योग्य शिक्षा रखता हो; 84% प्रबंधकों का मानना था कि उनके अधिकारी अपने से बड़ी उम्र के व्यक्ति को नौकरी के लिए चुनने में आनाकानी करेंगे और 64% का मानना था कि कंपनियों को नौकरी के लिए लोगों के रूप-रंग के अनुसार चुनने की स्वतंत्रता होनी चाहिए। ये सभी अनुचित और अस्वीकारीय पक्षपात के उदाहरण हैं।

   पक्षपात कोई नई बात नहीं है, और शायद ही कोई स्थान हो जहाँ यह किसी ना किसी रूप में ना मिलता हो। पक्षपात मसीही विश्वासियों की आरंभिक मण्डली में भी दिखाई देने लगा था और प्रभु यीशु के अनुयायी तथा मण्डली के अगुवे याकूब ने इसका सीधे-सीधे सामना किया। एक पास्टर के संवेदनशील हृदय और मण्डली के भविष्य का ध्यान रखते हुए याकूब ने लिखा, "हे मेरे भाइयों, हमारे महिमायुक्त प्रभु यीशु मसीह का विश्वास तुम में पक्षपात के साथ न हो" (याकूब 2:1) और इस पक्षपात का उदाहरण भी दिया: गरीबों की अवहेलना करना और धनी व्यक्तियों का पक्ष लेना (पद 2-4)। याकूब ने समझाया कि ऐसा करना प्रभु यीशु में लाए गए विश्वास के अनुकूल क्यों नहीं है (पद 1); क्योंकि ऐसा करना परमेश्वर के अनुग्रह के साथ विश्वासघात है (पद 5-7), प्रेम के नियम का उल्लंघन है (पद 8) और पाप है (पद 9)। ऐसे पक्षपात करने से बचने का उपाय है प्रभु यीशु के उदाहरण, अपने पड़ौसी से अपने समान प्रेम करो (पद 8), का अनुसरण करना।

   परमेश्वर ने जो प्रेम हमारे प्रति दिखाया है जब हम उसे दूसरों के प्रति दिखाए गए प्रेम और व्यावहार में अपने जीवनों से पूर्णतः प्रगट होने देते हैं, तो हम पक्षपात करने के पाप से बचे रहते हैं। - मार्विन विलियम्स

प्रभु यीशु की ओर ऊपर देखते रहने से हम दूसरों को नीची नज़रों से कभी नहीं देख सकते।

उसने उस से कहा, तू परमेश्वर अपने प्रभु से अपने सारे मन और अपने सारे प्राण और अपनी सारी बुद्धि के साथ प्रेम रख। बड़ी और मुख्य आज्ञा तो यही है। और उसी के समान यह दूसरी भी है, कि तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख। - मत्ती 22:37-39

बाइबल पाठ: याकूब 2:1-10
James 2:1 हे मेरे भाइयों, हमारे महिमायुक्त प्रभु यीशु मसीह का विश्वास तुम में पक्षपात के साथ न हो। 
James 2:2 क्योंकि यदि एक पुरूष सोने के छल्ले और सुन्‍दर वस्‍त्र पहिने हुए तुम्हारी सभा में आए और एक कंगाल भी मैले कुचैले कपड़े पहिने हुए आए। 
James 2:3 और तुम उस सुन्‍दर वस्‍त्र वाले का मुंह देख कर कहो कि तू वहां अच्छी जगह बैठ; और उस कंगाल से कहो, कि तू यहां खड़ा रह, या मेरे पांव की पीढ़ी के पास बैठ। 
James 2:4 तो क्या तुम ने आपस में भेद भाव न किया और कुविचार से न्याय करने वाले न ठहरे? 
James 2:5 हे मेरे प्रिय भाइयों सुनो; क्या परमेश्वर ने इस जगत के कंगालों को नहीं चुना कि विश्वास में धनी, और उस राज्य के अधिकारी हों, जिस की प्रतिज्ञा उसने उन से की है जो उस से प्रेम रखते हैं 
James 2:6 पर तुम ने उस कंगाल का अपमान किया: क्या धनी लोग तुम पर अत्याचार नहीं करते? और क्या वे ही तुम्हें कचहिरयों में घसीट घसीट कर नहीं ले जाते? 
James 2:7 क्या वे उस उत्तम नाम की निन्‍दा नहीं करते जिस के तुम कहलाए जाते हो? 
James 2:8 तौभी यदि तुम पवित्र शास्त्र के इस वचन के अनुसार, कि तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख, सचमुच उस राज व्यवस्था को पूरी करते हो, तो अच्छा ही करते हो। 
James 2:9 पर यदि तुम पक्षपात करते हो, तो पाप करते हो; और व्यवस्था तुम्हें अपराधी ठहराती है। 
James 2:10 क्योंकि जो कोई सारी व्यवस्था का पालन करता है परन्तु एक ही बात में चूक जाए तो वह सब बातों में दोषी ठहरा।

एक साल में बाइबल: 
  • गिनती 31-33
  • मरकुस 9:1-29