बुधवार, 13 जुलाई 2016

अनुग्रह


   मैंने अपनी कार को उपनाम दिया है - "अनुग्रहरहित"। कार के साथ इतवार की प्रातः मेरे लिए सबसे भारी होती है। मुझे चर्च के लिए जो कुछ चाहिए होता है, वह सब कार में रखकर, चर्च जाने के लिए कार की अपनी सीट पर बैठती हूँ, कार के दरवाज़े बन्द करती हूँ, मेरे पति कार को गैराज से बाहर निकालना आरंभ ही करते हैं कि मेरे सीट-बेल्ट ना बांधने की चेतावनी-सूचक बजना आरंभ हो जाता है! मैं कहती हूँ, "बस एक मिनिट और; मैं अपने स्थान पर व्यवस्थित हो रही हूँ, और फिर मैं बेल्ट बाँध लूँगी" लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ता, वह चेतावनी सूचक बजता ही रहता है जब तक मैं बेल्ट बाँध नहीं लेती - मेरी परिस्थितियों पर उसे कोई दया नहीं आती, मुझे उससे कभी कोई माफी नहीं मिलती।

   छोटी सी यह दिक्कत मुझे स्मरण दिलाती है कि जीवन कितना कठिन हो जाए यदि अनुग्रह और दया हमारे जीवनों ना हो। यदि ऐसा हो जाए तो हम में से प्रत्येक को, हर छोटी से छोटी गलती के लिए भी तुरंत ही हिसाब देने के लिए खड़े होना पड़ेगा; हमें पश्चाताप करने या अपनी गलती को सुधारने या अपने व्यवहार को बदलने का कोई अवसर ही नहीं मिलेगा। कोई क्षमा नहीं होगी, कोई दया नहीं की जाएगी, बेहतर हो जाने या सुधरने की कोई आशा नहीं रहेगी।

   आज के इस संसार में जीना कभी-कभी ऐसा ही लगता है मानो हम अनुग्रहरहितता के दलदल में डाल दिए गए हों। जब हमारे छोटे-छोटे अविवेकपूर्ण कार्य या बातें लोगों के समक्ष बढ़ा-चढ़ा कर बड़ी गलतियाँ बना कर प्रस्तुत किए जाते हैं, जब लोग दूसरों की कमियों या गलतियों को नज़रन्दाज़ करना नहीं चाहते, वरन उन्हें स्वार्थसिद्धी की सीढ़ीयाँ बनाकर स्वयं आगे बढ़ जाना चाहते हैं, तो जीवन ऐसे बोझ तले दबा प्रतीत होता है जिस बोझ को हमें उठाने ही नहीं था। लेकिन हम मसीही विश्वासियों के पास एक विलक्षण आशा है - परमेश्वर पिता ने हमारे, तथा संसार के सभी लोगों के पाप के सभी बोझों को उठा लेने के लिए प्रभु यीशु को संसार में भेजा है (मत्ती 11:28)। जो कोई भी साधारण विश्वास के साथ प्रभु यीशु से अपने पापों की माफी माँग लेता है, अपना जीवन उसे समर्पित कर देता है, प्रभु परमेश्वर अपने अनुग्रह में होकर उसके पाप के सभी बोझ उठा लेता है, उसे उन बोझों और उनके दुषपरिणामों से मुक्त कर देता है।

   अब जिनपर प्रभु परमेश्वर की ओर से यह अनुग्रह हुआ है, जिन्होंने प्रभु के इस अनुग्रह की भेंट को स्वीकार किया है, उअनकी यह ज़िम्मेदारी है कि वे इस अनुग्रह के बारे में औरों को बताएँ भी और अपने जीवनों से दूसरों को इसे दिखाएँ भी "जो मनुष्य बुद्धि से चलता है वह विलम्ब से क्रोध करता है, और अपराध को भुलाना उसको सोहता है" (नीतिवचन 19:11)। - जूली ऐकैरमैन लिंक


जब हम अपने प्रति परमेश्वर के अनुग्रह को सधन्यवाद स्वीकारते हैं, 
तब हम इस अनुग्रह को आनन्द के साथ उन्हें भी बाँटते हैं जिन्हें इसकी आवश्यकता है।

हे सब परिश्रम करने वालों और बोझ से दबे लोगों, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें विश्राम दूंगा। - मत्ती 11:28

बाइबल पाठ: 1 पतरस 4:1-11
1 Peter 4:1 सो जब कि मसीह ने शरीर में हो कर दुख उठाया तो तुम भी उस ही मनसा को धारण कर के हथियार बान्‍ध लो क्योंकि जिसने शरीर में दुख उठाया, वह पाप से छूट गया। 
1 Peter 4:2 ताकि भविष्य में अपना शेष शारीरिक जीवन मनुष्यों की अभिलाषाओं के अनुसार नहीं वरन परमेश्वर की इच्छा के अनुसार व्यतीत करो। 
1 Peter 4:3 क्योंकि अन्यजातियों की इच्छा के अनुसार काम करने, और लुचपन की बुरी अभिलाषाओं, मतवालापन, लीलाक्रीड़ा, पियक्कड़पन, और घृणित मूर्तिपूजा में जहां तक हम ने पहिले समय गंवाया, वही बहुत हुआ। 
1 Peter 4:4 इस से वे अचम्भा करते हैं, कि तुम ऐसे भारी लुचपन में उन का साथ नहीं देते, और इसलिये वे बुरा भला कहते हैं। 
1 Peter 4:5 पर वे उसको जो जीवतों और मरे हुओं का न्याय करने को तैयार है, लेखा देंगे। 
1 Peter 4:6 क्योंकि मरे हुओं को भी सुसमाचार इसी लिये सुनाया गया, कि शरीर में तो मनुष्यों के अनुसार उन का न्याय हो, पर आत्मा में वे परमेश्वर के अनुसार जीवित रहें। 
1 Peter 4:7 सब बातों का अन्‍त तुरन्त होने वाला है; इसलिये संयमी हो कर प्रार्थना के लिये सचेत रहो। 
1 Peter 4:8 और सब में श्रेष्ठ बात यह है कि एक दूसरे से अधिक प्रेम रखो; क्योंकि प्रेम अनेक पापों को ढांप देता है। 
1 Peter 4:9 बिना कुड़कुड़ाए एक दूसरे की पहुनाई करो। 
1 Peter 4:10 जिस को जो वरदान मिला है, वह उसे परमेश्वर के नाना प्रकार के अनुग्रह के भले भण्‍डारियों की नाईं एक दूसरे की सेवा में लगाए। 
1 Peter 4:11 यदि कोई बोले, तो ऐसा बोले, मानों परमेश्वर का वचन है; यदि कोई सेवा करे; तो उस शक्ति से करे जो परमेश्वर देता है; जिस से सब बातों में यीशु मसीह के द्वारा, परमेश्वर की महिमा प्रगट हो: महिमा और साम्राज्य युगानुयुग उसी की है। आमीन।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 7-9
  • प्रेरितों 18