रविवार, 14 अगस्त 2016

आचरण


   मुझे आज भी अपने मित्र जे इलियट का वह चकित चेहरा याद है जब लगभग 50 वर्ष पूर्व मैं उसके घर के सामने के दरवाज़े से अचानक ही अन्दर घुसा था और मेरे चारों ओर मधुमखियाँ मण्डरा रही थीं। भागता हुआ मैं जब उसके पिछले दरवाज़े से बाहर निकला तो मुझे एहसास हुआ कि अब वे मधुमखियाँ मेरे साथ नहीं थीं - मैं उन्हें जे के घर के अन्दर छोड़ आया था। फिर कुछ ही क्षणों के पश्चात जे अपने पिछले दरवाज़े से भागता हुआ बाहर आया, और उसके पीछे वे मधुमखियाँ थीं जो मैं उसके घर ले आया था!

   उन मधुमखियों ने मुझे दर्जन से भी अधिक बार डंक मारा था, परन्तु मुझे इसका कोई विशेष दुषप्रभाव नहीं हुआ था। परन्तु जे के साथ ऐसा नहीं था; उसे तो एक या दो बार ही "मेरी" मधुमखियों का डंक झेलना पड़ा था, लेकिन फिर भी एलर्जिक प्रतिक्रिया के कारण उसकी आँखें तथा गला सूज गए जो उसके लिए बहुत दर्दनाक हो गया; मेरा कार्य मेरे मित्र के लिए बहुत कष्ट का कारण बन गया था।

   यही बात हमारे पारस्परिक व्यवहार एवं संबंधों में भी लागू होती है। जब हमारा आचरण और व्यवहार हमारे मसीही विश्वास के अनुरूप नहीं होता, हम दूसरों के लिए बहुत कष्ट का कारण बन जाते हैं। हम चाहे अपने गलत आचरण के लिए क्षमा भी माँग लें, फिर भी हमारे द्वारा दिए गए उस डंक की चुभन और निशानी तो रह ही जाती है।

   मसीह यीशु के अनुयायियों से लोग धैर्य और नम्रता के आचरण की आशा रखते हैं। हम मसीही विश्वासी कई दफा यह भूल जाते हैं कि विश्वास या जीवन या फिर दोनों ही से संघर्ष कर रहे लोग अकसर हमारी ओर सही मार्गदर्शन पाने की आशा के साथ देखते हैं। उन्हें उम्मीद होती है कि हम से उन्हें क्रोध की बजाए करुणा, कटुता की बजा अनुकंपा और आलोचना की बजाए प्रोत्साहन मिलेगा। प्रभु यीशु तथा प्रेरित पतरस ने हमें यही निर्देश दिए हैं कि हम ऐसे जीवन जीकर दिखाएं जिनमें हमारे आचरण से परमेश्वर को महिमा मिल सके (मत्ती 5:16, 1 पतरस 2:12)। होने दें कि हमारे आचरण और प्रतिक्रियाओं से हमारे संपर्क में आने वाले लोग हमारे प्रेमी, दयालु परमेश्वर पिता को जान और पहचान सकें। - रैंडी किलगोर


काश लोगों को मुझ में मैं कम और प्रभु यीशु अधिक दिखाई दें।

उसी प्रकार तुम्हारा उजियाला मनुष्यों के साम्हने चमके कि वे तुम्हारे भले कामों को देखकर तुम्हारे पिता की, जो स्वर्ग में हैं, बड़ाई करें। - मत्ती 5:16

बाइबल पाठ: 1 पतरस 2:1-12
1 Peter 2:1 इसलिये सब प्रकार का बैर भाव और छल और कपट और डाह और बदनामी को दूर करके। 
1 Peter 2:2 नये जन्मे हुए बच्‍चों की नाईं निर्मल आत्मिक दूध की लालसा करो, ताकि उसके द्वारा उद्धार पाने के लिये बढ़ते जाओ। 
1 Peter 2:3 यदि तुम ने प्रभु की कृपा का स्‍वाद चख लिया है। 
1 Peter 2:4 उसके पास आकर, जिसे मनुष्यों ने तो निकम्मा ठहराया, परन्तु परमेश्वर के निकट चुना हुआ, और बहुमूल्य जीवता पत्थर है। 
1 Peter 2:5 तुम भी आप जीवते पत्थरों की नाईं आत्मिक घर बनते जाते हो, जिस से याजकों का पवित्र समाज बन कर, ऐसे आत्मिक बलिदान चढ़ाओ, जो यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर को ग्राह्य हों। 
1 Peter 2:6 इस कारण पवित्र शास्त्र में भी आया है, कि देखो, मैं सिय्योन में कोने के सिरे का चुना हुआ और बहुमूल्य पत्थर धरता हूं: और जो कोई उस पर विश्वास करेगा, वह किसी रीति से लज्ज़ित नहीं होगा। 
1 Peter 2:7 सो तुम्हारे लिये जो विश्वास करते हो, वह तो बहुमूल्य है, पर जो विश्वास नहीं करते उन के लिये जिस पत्थर को राजमिस्त्रीयों ने निकम्मा ठहराया था, वही कोने का सिरा हो गया। 
1 Peter 2:8 और ठेस लगने का पत्थर और ठोकर खाने की चट्टान हो गया है: क्योंकि वे तो वचन को न मान कर ठोकर खाते हैं और इसी के लिये वे ठहराए भी गए थे। 
1 Peter 2:9 पर तुम एक चुना हुआ वंश, और राज-पदधारी याजकों का समाज, और पवित्र लोग, और (परमेश्वर की) निज प्रजा हो, इसलिये कि जिसने तुम्हें अन्धकार में से अपनी अद्भुत ज्योति में बुलाया है, उसके गुण प्रगट करो। 
1 Peter 2:10 तुम पहिले तो कुछ भी नहीं थे, पर अब परमेश्वर ही प्रजा हो: तुम पर दया नहीं हुई थी पर अब तुम पर दया हुई है।
1 Peter 2:11 हे प्रियों मैं तुम से बिनती करता हूं, कि तुम अपने आप को परदेशी और यात्री जान कर उस सांसारिक अभिलाषाओं से जो आत्मा से युद्ध करती हैं, बचे रहो। 
1 Peter 2:12 अन्यजातियों में तुम्हारा चालचलन भला हो; इसलिये कि जिन जिन बातों में वे तुम्हें कुकर्मी जान कर बदनाम करते हैं, वे तुम्हारे भले कामों को देख कर; उन्‍हीं के कारण कृपा दृष्टि के दिन परमेश्वर की महिमा करें।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 89-90
  • रोमियों 14