रविवार, 25 दिसंबर 2016

ज्योति


   एक गौशाला? भला जगत के मसीहा के जन्म के लिए यह कैसा स्थान? हमारे तथा समस्त संसार के उद्धारकर्ता, मुक्तिदाता का अपने मानवीय शरीर में पहला अनुभव गौशाला की गन्ध तथा ध्वनियाँ थीं। अन्य शिशुओं के समान ही, वहाँ के जानवरों की आवाज़ों तथा उसके अस्थायी पालने के आस-पास आने-जाने वाले अपरिचित लोगों के कारण संभव है कि, वह भी रोया होगा। यदि वह रोया था, तो आने वाले समय के साथ बहने वाले आँसुओं में उसके ये पहले आँसू थे। समय के साथ प्रभु यीशु ने मानवीय हानि और दुःख को, तथा उस सन्देह को जो उसके भाई और परिवार जन उसके प्रति रखते थे, अनुभव किया था। उन्होंने उस वेदना को भी देखा तथा अनुभव किया जो उनके सताए जाने तथा क्रूस पर बलिदान किए जाने के समय में उनकी माता ने अनुभव की थी।

   अपने जीवन की पहली रात्रि में सो जाने का प्रयास कर रहे उस शिशु के सामने उपरोक्त सभी तथा अनेक अन्य कठिनाईयाँ मुँह बाए खड़ी थीं। लेकिन फिर भी, अपने जन्म के पहले पल से ही, प्रभु यीशु समस्त मानव जाति के लिए "परमेश्वर हमारे साथ" (मत्ति 1:23) थे; और वे जानते थे कि मनुष्य होने का अर्थ क्या होता है। मनुष्य होने के उनके ये अनुभव तीन दशक से अधिक समय तक ज़ारी रहे, और क्रूस पर उनकी मृत्यु के साथ समाप्त हुए।

   मेरे और आपके प्रति उनके प्रेम के कारण ही प्रभु यीशु पूर्णतः मनुष्य बने। उनके मनुष्य होने के और मनुष्यों के सभी अनुभवों से होकर निकलने के कारण वे हमारी प्रत्येक परिस्थिति भली-भांति समझते हैं और उनके तथा हमारे मध्य एकात्मता संभव है। हम यह कभी नहीं कह सकते हैं कि कोई हमें तथा हमारी व्यथा को समझ नहीं सकता है; क्योंकि प्रभु यीशु सब जानते और समझते हैं।

   जीवन की वह ज्योति जो उस रात मानव रूप में अवतरित होकर संसार में आई, आपके जीवन के प्रत्येक स्थान, आत्मा के छिपे हुए गहरे से गहरे कोने को भी रौशन कर दे, अपनी शान्ति और प्रेम की ज्योति से भर दे, और वह शान्ति प्रदान करे जिस के बारे में उस रात स्वर्गदूतों ने कहा था। - रैंडी किलगोर


प्रभु यीशु सब जानता और समझता है

कि, देखो एक कुंवारी गर्भवती होगी और एक पुत्र जनेगी और उसका नाम इम्मानुएल रखा जाएगा जिस का अर्थ यह है “परमेश्वर हमारे साथ”। - मत्ती 1:23

बाइबल पाठ: लूका 2:6-20
Luke 2:6 उन के वहां रहते हुए उसके जनने के दिन पूरे हुए। 
Luke 2:7 और वह अपना पहिलौठा पुत्र जनी और उसे कपड़े में लपेटकर चरनी में रखा: क्योंकि उन के लिये सराय में जगह न थी। 
Luke 2:8 और उस देश में कितने गड़ेरिये थे, जो रात को मैदान में रहकर अपने झुण्ड का पहरा देते थे। 
Luke 2:9 और प्रभु का एक दूत उन के पास आ खड़ा हुआ; और प्रभु का तेज उन के चारों ओर चमका, और वे बहुत डर गए। 
Luke 2:10 तब स्वर्गदूत ने उन से कहा, मत डरो; क्योंकि देखो मैं तुम्हें बड़े आनन्द का सुसमाचार सुनाता हूं जो सब लोगों के लिये होगा। 
Luke 2:11 कि आज दाऊद के नगर में तुम्हारे लिये एक उद्धारकर्ता जन्मा है, और यही मसीह प्रभु है। 
Luke 2:12 और इस का तुम्हारे लिये यह पता है, कि तुम एक बालक को कपड़े में लिपटा हुआ और चरनी में पड़ा पाओगे। 
Luke 2:13 तब एकाएक उस स्वर्गदूत के साथ स्‍वर्गदूतों का दल परमेश्वर की स्‍तुति करते हुए और यह कहते दिखाई दिया। 
Luke 2:14 कि आकाश में परमेश्वर की महिमा और पृथ्वी पर उन मनुष्यों में जिनसे वह प्रसन्न है शान्‍ति हो।
Luke 2:15 जब स्वर्गदूत उन के पास से स्वर्ग को चले गए, तो गड़ेरियों ने आपस में कहा, आओ, हम बैतलहम जा कर यह बात जो हुई है, और जिसे प्रभु ने हमें बताया है, देखें। 
Luke 2:16 और उन्होंने तुरन्त जा कर मरियम और यूसुफ को और चरनी में उस बालक को पड़ा देखा। 
Luke 2:17 इन्हें देखकर उन्होंने वह बात जो इस बालक के विषय में उन से कही गई थी, प्रगट की। 
Luke 2:18 और सब सुनने वालों ने उन बातों से जो गड़िरयों ने उन से कहीं आश्चर्य किया। 
Luke 2:19 परन्तु मरियम ये सब बातें अपने मन में रखकर सोचती रही। 
Luke 2:20 और गड़ेरिये जैसा उन से कहा गया था, वैसा ही सब सुनकर और देखकर परमेश्वर की महिमा और स्‍तुति करते हुए लौट गए।

एक साल में बाइबल: 
  • सपन्याह 1-3
  • प्रकाशितवाक्य 16