मंगलवार, 7 मार्च 2017

स्थिरता


   बचपन में मेरे पास मुस्कुराते हुए चेहरे और गोलाकार पेंदे वाला प्लास्टिक से बना एक गुड्डा था जिसमें हवा भरकर उसे खड़ा किया जाता था। फुला कर खड़ा करने के बाद उसकी ऊँचाई मेरे बराबर हो जाती थी। मेरे लिए चुनौती थी कि उसे मुक्कों से मारकर नीचे धरती पर लेटा दूँ। परन्तु मैं चाहे जितनी भी ज़ोर से उसे क्यों ना मारूँ, वह तुरंत उठकर खड़ा हो जाता था। इसका रहस्य? उसके गोलाकार पेंदे में लगाया गया सीसे का एक वज़नी टुकड़ा, जो उसे सदा ही खड़ा रखता था।

   पाल नौकाएं भी इसी सिद्धांत द्वारा काम करती हैं - उनके पेंदों में पानी में नीचे की ओर ’कील’ नामक वज़न लगा होता है जिससे उनका पेंदा सदा पानी में नीचे की ओर स्थिर रहता है। पाल पर लगने वाली तेज़ हवाएं यदि पाल नौका को ऊपर से इधर-उधर टेढ़ा भी करें, तो भी उनकी कील का वह वज़न उन्हें वापस सीधा कर देता है, और नौका तेज़ हवाओं में भी स्थिर बनी रहती है।

   मसीही विश्वासी के जीवन में भी ऐसा ही होता है। चुनौतियों का सामना करने की हमारी सामर्थ हमारी अपनी नहीं है, वरन हम में बसने वाले परमेश्वर से है। हम जीवन के थपेड़ों और तूफानों से अछूते तो नहीं हैं, परन्तु सुरक्षित किए गए हैं, क्योंकि हमें स्थिर करने वाला हमारा परमेश्वर हम में रहता है। इसीलिए प्रेरित पौलुस ने लिखा, "हम चारों ओर से क्‍लेश तो भोगते हैं, पर संकट में नहीं पड़ते; निरूपाय तो हैं, पर निराश नहीं होते। सताए तो जाते हैं; पर त्यागे नहीं जाते; गिराए तो जाते हैं, पर नाश नहीं होते" (2 कुरिन्थियों 4:8-9)।

   जीवन मार्ग के उन अनेकों यात्रियों के साथ हो कर चलिए जिन्होंने दुःख और क्लेश के गहरे जल में भी इस तथ्य को थामे रखा कि उन्हें स्थिर रखने वाले परमेश्वर का अनुग्रह हर परिस्थिति में उनके लिए पर्याप्त है; और पौलुस के समान इस विश्वास में बने रहे कि जब हम अपने आप में दुर्बल होते हैं, तब ही परमेश्वर के अनुग्रह द्वारा बलवान होते हैं: "और उसने मुझ से कहा, मेरा अनुग्रह तेरे लिये बहुत है; क्योंकि मेरी सामर्थ निर्बलता में सिद्ध होती है; इसलिये मैं बड़े आनन्द से अपनी निर्बलताओं पर घमण्‍ड करूंगा, कि मसीह की सामर्थ मुझ पर छाया करती रहे" (2 कुरिन्थियों 12:9)। इस विचार को थामे रखना, इसमें दृढ़ रहना हमारे जीवनों को हर परिस्थिति में स्थिरता देगा। - जो स्टोवैल


आपके अन्दर विद्यमान परमेश्वर की सामर्थ, 
आपके चारों ओर की समस्याओं के तनाव और दबाव से कहीं अधिक बढ़कर है।

हे बालको, तुम परमेश्वर के हो: और तुम ने उन पर जय पाई है; क्योंकि जो तुम में है, वह उस से जो संसार में है, बड़ा है। - 1 यूहन्ना 4:4

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 4:7-14
2 Corinthians 4:7 परन्तु हमारे पास यह धन मिट्ठी के बरतनों में रखा है, कि यह असीम सामर्थ हमारी ओर से नहीं, वरन परमेश्वर ही की ओर से ठहरे। 
2 Corinthians 4:8 हम चारों ओर से क्‍लेश तो भोगते हैं, पर संकट में नहीं पड़ते; निरूपाय तो हैं, पर निराश नहीं होते। 
2 Corinthians 4:9 सताए तो जाते हैं; पर त्यागे नहीं जाते; गिराए तो जाते हैं, पर नाश नहीं होते। 
2 Corinthians 4:10 हम यीशु की मृत्यु को अपनी देह में हर समय लिये फिरते हैं; कि यीशु का जीवन भी हमारी देह में प्रगट हो। 
2 Corinthians 4:11 क्योंकि हम जीते जी सर्वदा यीशु के कारण मृत्यु के हाथ में सौंपे जाते हैं कि यीशु का जीवन भी हमारे मरनहार शरीर में प्रगट हो। 
2 Corinthians 4:12 सो मृत्यु तो हम पर प्रभाव डालती है और जीवन तुम पर। 
2 Corinthians 4:13 और इसलिये कि हम में वही विश्वास की आत्मा है, (जिस के विषय मे लिखा है, कि मैं ने विश्वास किया, इसलिये मैं बोला) सो हम भी विश्वास करते हैं, इसी लिये बोलते हैं। 
2 Corinthians 4:14 क्योंकि हम जानते हैं, जिसने प्रभु यीशु को जिलाया, वही हमें भी यीशु में भागी जानकर जिलाएगा, और तुम्हारे साथ अपने साम्हने उपस्थित करेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • व्यवस्थाविवरण 3-4
  • मरकुस 10:32-52