शुक्रवार, 22 जून 2018

प्रावधान



      ट्रिस्टान डा कुन्हा द्वीप अपनी भौगोलिक स्थिति और एकान्तता के लिए प्रसिद्ध है। उसपर निवास करने वाले 288 लोगों के कारण, वह विश्व का सबसे दूरस्त बसा हुआ द्वीप है। यह द्वीप दक्षिणी अटलांटिक महासागर में, दक्षिणी अफ्रीका से 1,750 मील दूर स्थित है, जो इससे निकटतम भूभाग है, और यदि किसी को वहाँ जाना हो तो उसे नाव से सात दिन की यात्रा करनी पड़ेगी, क्योंकि उस द्वीप पर कोई हवाई-पट्टी नहीं है।

      प्रभु यीशु मसीह और उसके अनुयायी एक एकांत स्थल पर थे जब प्रभु ने हज़ारों भूखे लोगों के लिए आश्चर्यकर्म द्वारा भोजन का प्रावधान किया। यह आश्चर्यकर्म करने से पहले प्रभु ने अपने अनुयायियों से कहा, “मुझे इस भीड़ पर तरस आता है, क्योंकि यह तीन दिन से बराबर मेरे साथ हैं, और उन के पास कुछ भी खाने को नहीं। यदि मैं उन्हें भूखा घर भेज दूं, तो मार्ग में थक कर रह जाएंगे; क्योंकि इन में से कोई कोई दूर से आए हैं” (मरकुस 8:2-3)। क्योंकि वे निर्जन स्थान में थे जहाँ भोजन सरलता से उपलब्ध नहीं था, इसलिए उन्हें पूर्णतः प्रभु यीशु पर निर्भर होना था। उनके पास और कोई विकल्प नहीं था।

      कभी-कभी परमेश्वर हमें ऐसे सुनसान स्थानों में आ लेने देता है जहाँ केवल वह ही हमारी सहायता हो सकता है। उसके द्वारा हमारी आवश्यकताओं की पूर्ति होना हमारी परिस्थितयों पर निर्भर नहीं है। यदि परमेश्वर इस सृष्टि को ‘कुछ नहीं’ से बना सकता है तो निश्चय ही वह हमारी प्रत्येक आवश्यकता को भी पूरा कर सकता है, हमारी परिस्थिति चाहे कैसी भी हो। परमेश्वर अपनी महिमा के धन के अनुसार प्रभु यीशु में होकर, सदा हमारे लिए प्रावधान कर सकता है। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


हम भरोसा रख सकते हैं कि परमेश्वर वह कर सकता है जो हम नहीं कर सकते हैं।

और मेरा परमेश्वर भी अपने उस धन के अनुसार जो महिमा सहित मसीह यीशु में है तुम्हारी हर एक घटी को पूरी करेगा। - फिलिप्पियों 4:19

बाइबल पाठ: मरकुस 8:1-13
Mark 8:1 उन दिनों में, जब फिर बड़ी भीड़ इकट्ठी हुई, और उन के पास कुछ खाने को न था, तो उसने अपने चेलों को पास बुलाकर उन से कहा।
Mark 8:2 मुझे इस भीड़ पर तरस आता है, क्योंकि यह तीन दिन से बराबर मेरे साथ हैं, और उन के पास कुछ भी खाने को नहीं।
Mark 8:3 यदि मैं उन्हें भूखा घर भेज दूं, तो मार्ग में थक कर रह जाएंगे; क्योंकि इन में से कोई कोई दूर से आए हैं।
Mark 8:4 उसके चेलों ने उसको उत्तर दिया, कि यहां जंगल में इतनी रोटी कोई कहां से लाए कि ये तृप्‍त हों?
Mark 8:5 उसने उन से पूछा; तुम्हारे पास कितनी रोटियां हैं? उन्होंने कहा, सात।
Mark 8:6 तब उसने लोगों को भूमि पर बैठने की आज्ञा दी, और वे सात रोटियां लीं, और धन्यवाद कर के तोड़ीं, और अपने चेलों को देता गया कि उन के आगे रखें, और उन्होंने लोगों के आगे परोस दिया
Mark 8:7 उन के पास थोड़ी सी छोटी मछिलयां भी थीं; और उसने धन्यवाद कर के उन्हें भी लोगों के आगे रखने की आज्ञा दी।
Mark 8:8 सो वे खाकर तृप्‍त हो गए और शेष टृकड़ों के सात टोकरे भरकर उठाए।
Mark 8:9 और लोग चार हजार के लगभग थे; और उसने उन को विदा किया।
Mark 8:10 और वह तुरन्त अपने चेलों के साथ नाव पर चढ़कर दलमनूता देश को चला गया।
Mark 8:11 फिर फरीसी निकलकर उस से वाद-विवाद करने लगे, और उसे जांचने के लिये उस से कोई स्‍वर्गीय चिन्ह मांगा।
Mark 8:12 उसने अपनी आत्मा में आह मार कर कहा, इस समय के लोग क्यों चिन्‍ह ढूंढ़ते हैं? मैं तुम से सच कहता हूं, कि इस समय के लोगों को कोई चिन्ह नहीं दिया जाएगा।
Mark 8:13 और वह उन्हें छोड़कर फिर नाव पर चढ़ गया और पार चला गया।
                                                 

एक साल में बाइबल: 
  • एस्तेर 6-8
  • प्रेरितों 6