गुरुवार, 11 अक्तूबर 2018

अनुग्रह



      अमरीकी गृह युद्ध के अंतिम दिन, ऑफिसर जोशुआ चैमबरलेन विजयी यूनियन सेना का नेतृत्व कर रहे थे। जिस मार्ग से पराजित हुई कॉन्फेडरेट सेना को समर्पण के लिए निकलना था, उसकी दोनों ओर यूनियन सेना के जवान पंक्तिबद्ध खड़े थे। बड़ी नाज़ुक स्थिति थी, क्योंकि किसी के भी द्वारा कहा गया एक अपशब्द, कोई गलत भाव या प्रक्रिया, और वह वाँछित शान्ति तुरंत नरसंहार में परिवर्तित हो जाती। ऐसे में चैमबरलेन द्वारा अपने सैनिकों को दिया गया आदेश न केवल अत्यंत बुद्धिमता पूर्ण था, वरन मर्मस्पर्शी भी था; उन्होंने सैनिकों से कहा कि वे उस मार्ग से निकलने वाली पराजित सैनिकों को अपनी बंदूकें और तलवारें ऊँची उठा कर सलामी तथा आदर दें! कोई ताना नहीं, कोई तीखे शब्द नहीं, केवल सलामी में आदर देने के लिए उठाई गई तलवारें और बंदूकें

      जब प्रभु यीशु मसीह ने, परमेश्वर के वचन बाइबल में लूका 6 में दर्ज क्षमा के विषय शिक्षा दी, तो वे हमारी सहायता कर रहे थे कि हम अनुग्रह के लोगों और अनुग्रह रहित लोगों के मध्य अन्तर को समझ सकें। हम मसीही विश्वासी, जिन्होंने प्रभु यीशु की क्षमा को अनुभव किया है, हमें औरों से बिलकुल भिन्न व्यक्ति होना है। हमें वैसे व्यवहार करना है, जिसे और लोग असंभव समझते हैं: अपने शत्रुओं को क्षमा करने और उनसे प्रेम करने वाले; जैसा कि प्रभु यीशु मसीह ने कहा था, “जैसा तुम्हारा पिता दयावन्‍त है, वैसे ही तुम भी दयावन्‍त बनो” (लूका 6:36)।

      उस प्रभाव की कल्पना कीजिए जो हमारे कार्यस्थलों, और परिवारों में दिखाई देगा, जब हम प्रभु की इस शिक्षा को अपने जीवनों में लागू करेंगे। यदि सलामी देने मात्र से सेनाएं परस्पर एक हो सकती हैं, तो हम में होकर प्रतिबिंबित होने वाले प्रभु यीशु के अनुग्रह में कितनी अधिक सामर्थ्य होगी। पवित्रशास्त्र में हम इसके उदाहरण पाते हैं, जब एसव ने अपने धोखेबाज़ भाई को क्षमा करके गले लगाया (उत्पत्ति 33:4); महसूल लेने वाले ज़क्कई के आनन्द के साथ मन-फिराव करने में (लूका 19:1-10); और पिता द्वारा उड़ाऊ पुत्र को क्षमा के साथ वापस घर में स्वागत करके उसके स्थान पर बहाल करने में (लूका 15)।

      होने दें कि मसीह के अनुग्रह के द्वारा, हमारे बैरियों और विरोधियों के प्रति हमारी कड़ुवाहट का यह अंतिम दिन हो। - रैंडी किल्गोर


अनुग्रह के समक्ष क्रोध लगभग सदा ही लुप्त हो जाता है।

हे प्रियो अपना पलटा न लेना; परन्तु क्रोध को अवसर दो, क्योंकि लिखा है, पलटा लेना मेरा काम है, प्रभु कहता है मैं ही बदला दूंगा। परन्तु यदि तेरा बैरी भूखा हो तो उसे खाना खिला; यदि प्यासा हो, तो उसे पानी पिला; क्योंकि ऐसा करने से तू उसके सिर पर आग के अंगारों का ढेर लगाएगा। बुराई से न हारो परन्तु भलाई से बुराई का जीत लो। - रोमियों 12:19-21

बाइबल पाठ: लूका 6:27-36
Luke 6:27 परन्तु मैं तुम सुनने वालों से कहता हूं, कि अपने शत्रुओं से प्रेम रखो; जो तुम से बैर करें, उन का भला करो।
Luke 6:28 जो तुम्हें श्राप दें, उन को आशीष दो: जो तुम्हारा अपमान करें, उन के लिये प्रार्थना करो।
Luke 6:29 जो तेरे एक गाल पर थप्पड़ मारे उस की ओर दूसरा भी फेर दे; और जो तेरी दोहर छीन ले, उसको कुरता लेने से भी न रोक।
Luke 6:30 जो कोई तुझ से मांगे, उसे दे; और जो तेरी वस्तु छीन ले, उस से न मांग।
Luke 6:31 और जैसा तुम चाहते हो कि लोग तुम्हारे साथ करें, तुम भी उन के साथ वैसा ही करो।
Luke 6:32 यदि तुम अपने प्रेम रखने वालों के साथ प्रेम रखो, तो तुम्हारी क्या बड़ाई? क्योंकि पापी भी अपने प्रेम रखने वालों के साथ प्रेम रखते हैं।
Luke 6:33 और यदि तुम अपने भलाई करने वालों ही के साथ भलाई करते हो, तो तुम्हारी क्या बड़ाई? क्योंकि पापी भी ऐसा ही करते हैं।
Luke 6:34 और यदि तुम उसे उधार दो, जिन से फिर पाने की आशा रखते हो, तो तुम्हारी क्या बड़ाई? क्योंकि पापी पापियों को उधार देते हैं, कि उतना ही फिर पाएं।
Luke 6:35 वरन अपने शत्रुओं से प्रेम रखो, और भलाई करो: और फिर पाने की आस न रखकर उधार दो; और तुम्हारे लिये बड़ा फल होगा; और तुम परमप्रधान के सन्तान ठहरोगे, क्योंकि वह उन पर जो धन्यवाद नहीं करते और बुरों पर भी कृपालु है।
Luke 6:36 जैसा तुम्हारा पिता दयावन्‍त है, वैसे ही तुम भी दयावन्‍त बनो।


एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 37-38
  • कुलुस्सियों 3