सोमवार, 4 फ़रवरी 2019

धन्यवाद



      हमारे रहने के स्थान में हम निरन्तर होने वाली बिजली की कटौती को लेकर परेशान रहते हैं और कुड़कुड़ाते रहते हैं। यह कटौती सप्ताह में तीन बार तक हो सकती है, और चौबीस घंटे तक चल सकती है, जिससे सारा क्षेत्र अंधकारमय हो जाता है। इससे होने वाली असुविधा को झेलना कठिन होता है, विशेषकर इसलिए क्योंकि ऐसे में हम घरेलू उपयोग के साधारण उपकरण भी प्रयोग नहीं कर सकते हैं।

      हमारी मसीही पड़ौसन ऐसे में बहुधा कहती है, “क्या यह भी परमेश्वर के प्रति धन्यवादी होने का कारण है?” उसका संदर्भ परमेश्वर के वचन बाइबिल के 1 थिस्सलुनीकियों 5:18 से है जहाँ हर बात के लिए धन्यवादी होने के लिए कहा गया है। तब हमारा उत्तर सदा ही होता है, “हाँ, अवश्य, हमें हर बात के लिए परमेश्वर का धन्यवाद करना है।” परन्तु जिस अनमने भाव से हम यह उत्तर देते हैं, हमारा बिजली की कटौती के समय कुड़कुड़ाना, उसका भी खंडन कर देता है।

      परन्तु एक दिन हर बात में धन्यवादी होने का हमारा यह मानना एक अद्भुत रीति से सार्थक हो गया। मैं जब कार्य से लौट कर घर आया तो पाया कि हमारी वह पड़ौसन बहुत घबराई हुई है, और उसने रोते हुए बताया, “प्रभु यीशु का धन्यवाद हो कि बिजली की कटौती हो रखी थी, अन्यथा मेरा घर जल जाता और मैं और मेरा परिवार नाश हो जाते।”

      एक कूड़ा उठाने वाला ट्रक उस पड़ौसन के घर के सामने लगे बिजली के खम्बे से टकरा गया था, जिससे बिजली के हाई-टेंशन तार टूटकर उसके घर पर गिर पड़ी थीं। यदि उन तारों में उस समय बिजली प्रवाहित हो रही होती, तो भयानक तबाही हो जाती।

      हम जिन कठिन परिस्थितियों का सामने कर रहे हों, उनमें या उनके लिए प्रभु परमेश्वर से “धन्यवाद” कहना कठिन हो सकता है। परन्तु हम चाहे परमेश्वर के उद्देश्यों को समझें या न समझें, पहचाने या न पहचाने, हमें प्रत्येक परिस्थिति में उसका धन्यवादी होना चाहिए, हमारे प्रति उसके प्रेम और उन योजनाओं तथा भलाईयों के लिए जो वह हमारे लिए तैयार करता रहता है। - लॉरेंस दरमानी


परमेश्वर के अनुग्रह से हम प्रत्येक बात के लिए उसके धन्यवादी हो सकते हैं।

और हम जानते हैं, कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उन के लिये सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती है; अर्थात उन्हीं के लिये जो उस की इच्छा के अनुसार बुलाए हुए हैं। - रोमियों 8:28

बाइबल पाठ: 1 थिस्सलुनीकियों 5: 16-22
1 Thessalonians 5:16 सदा आनन्‍दित रहो।
1 Thessalonians 5:17 निरन्‍तर प्रार्थना मे लगे रहो।
1 Thessalonians 5:18 हर बात में धन्यवाद करो: क्योंकि तुम्हारे लिये मसीह यीशु में परमेश्वर की यही इच्छा है।
1 Thessalonians 5:19 आत्मा को न बुझाओ।
1 Thessalonians 5:20 भविष्यद्वाणियों को तुच्‍छ न जानो।
1 Thessalonians 5:21 सब बातों को परखो: जो अच्छी है उसे पकड़े रहो।
1 Thessalonians 5:22 सब प्रकार की बुराई से बचे रहो।
                                                                                                                                                        
एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 34-35
  • मत्ती 22:23-46