शनिवार, 15 जून 2019

एक मन



      मेरी एक सहेली के साथ एक विषय को लेकर विचारों में भिन्नता थी, जिसके  लिए मैंने उसे ई-मेल से संपर्क किया; किन्तु उसने कोई प्रत्युत्तर नहीं दिया। उसकी खामोशी देखकर मैं सोचने लगी कि क्या मैंने सीमाएं लाँघ दीन हैं? मैं बारंबार उसे इस बात के लिए संपर्क करके परेशान भी नहीं करना चाहती थी, और मुद्दे को ऐसे ही भी नहीं छोड़ना चाहती थी, यह जानते हुए कि शीघ्र ही वह एक विदेश यात्रा पर जाने वाली है। अगले कुछ दिनों में वह मेरे विचारों में निरन्तर आती रही, और मैं उसके लिए प्रार्थना करती रही, किन्तु आगे बढ़ने के मार्ग को लेकर असमंजस बना रहा। फिर एक प्रातः मैं अपने स्थानीय उद्यान में टहलने गई, तो उसे वहाँ देखा; जैसे ही उसकी नज़र मुझ पर पड़ी, उसके चेहरे पर पीड़ा के भाव उभर आए। किन्तु मैं उसकी ओर चेहरे पर अभिन्दन के भाव के साथ बड़ी सी मुस्कराहट लिए हुई बढ़ी, और मन में ही परमेश्वर का धन्यवाद किया कि मुझे उसके साथ वार्तालाप करने का अवसर मिल गया। हमने खुलकर सभी बातों के विषय बातचीत की, और अपने मतभेदों का समाधान कर सके।

      कभी-कभी जब पीड़ा या खामोशी हमारे संबंधों में बाधा डालने लगते हैं, तो संबंधों को सुधार पाना हमें अपने नियंत्रण के बाहर प्रतीत होता है। किन्तु जैसे परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने इफिसुस की मसीही मण्डली के विश्वासियों को लिखा, हमें परमेश्वर की आत्मा की सहायता से शान्ति और एक मनता में रहने के लिए बुलाया गया है। हमने दीनता, नम्रता, और धैर्य को धारण किए हुए अपने संबंधों को परमेश्वर द्वारा ठीक किए जाने के खोजी रहना है। प्रभु परमेश्वर की लालसा है कि हम मसीही विश्वासी एक मनता में रहें, और अपने पवित्र आत्मा के द्वारा वह लोगों को एक साथ, एक मनता में भी ला सकता है, अनेपक्षित रीति से भी, जैसे तब, जब हम टहलने के लिए निकले हों। - एमी बाउचर पाई


परमेश्वर मसीही विश्वासियों में एकता चाहता है।

देखो, यह क्या ही भली और मनोहर बात है कि भाई लोग आपस में मिले रहें! – भजन 133:1

बाइबल पाठ: इफिसियों 4:1-6
Ephesians 4:1 सो मैं जो प्रभु में बन्‍धुआ हूं तुम से बिनती करता हूं, कि जिस बुलाहट से तुम बुलाए गए थे, उसके योग्य चाल चलो।
Ephesians 4:2 अर्थात सारी दीनता और नम्रता सहित, और धीरज धरकर प्रेम से एक दूसरे की सह लो।
Ephesians 4:3 और मेल के बन्ध में आत्मा की एकता रखने का यत्‍न करो।
Ephesians 4:4 एक ही देह है, और एक ही आत्मा; जैसे तुम्हें जो बुलाए गए थे अपने बुलाए जाने से एक ही आशा है।
Ephesians 4:5 एक ही प्रभु है, एक ही विश्वास, एक ही बपतिस्मा।
Ephesians 4:6 और सब का एक ही परमेश्वर और पिता है, जो सब के ऊपरऔर सब के मध्य में, और सब में है।

एक साल में बाइबल:  
  • नहेम्याह 1-3
  • प्रेरितों 2:1-21