गुरुवार, 27 जून 2019

प्रार्थना



      प्रार्थना करना परमेश्वर के साथ संवाद करना है, किसी सूत्र या औपचारिकता का निर्वाह करना नहीं। किन्तु फिर भी कभी-कभी हमें अपने प्रार्थना के समय को तरोताज़ा करने के लिए किसी “विधि” की आवश्यकता पड़ती है। हम परमेश्वर के वचन बाइबल से भजन संहिता का या किसी अन्य भाग, जैसे कि प्रभु की प्रार्थना का उपयोग कर सकते हैं; या फिर हम ACTS विधि – Adoration (आराधना), Confession (अंगीकार), Thanksgiving (धन्यवाद), तथा Supplication (विनती) का भी प्रयोग कर सकते हैं। हाल ही में मैंने औरों के लिए प्रार्थना में सहायता के लिए इस “पाँच ऊँगली विधि” के बारे में जाना:
·         जब आप दोनों हाथ मिलाकर जोड़ते हो, तो आपके हाथों के अंगूठे आपके सबसे निकट होते हैं। इसलिए अपने निकट जनों के लिए प्रार्थना के साथ आरंभ करें (फिलिप्पियों 1:3-5)।
·         अगली उँगली तर्जनी है, जो दिशा संकेत देती है। उनके लिए प्रार्थना करें जो शिक्षा प्रदान करते हैं, बाइबल शिक्षक और प्रचारक, और वे जो बच्चों को सिखाते हैं (1 थिस्सलुनीकियों 5:25)।
·         इससे अगली उँगली सबसे लंबी होती है। उनके लिए प्रार्थना करें जो आपके ऊपर अधिकारी हैं – राष्ट्रीय और स्थानीय अगुवे एवँ अधिकारी, और कार्यस्थल पर आपके पर्वेक्षक (1 तिमुथियुस 2:1-2)।
·         चौथी उँगली सामान्यतः सबसे दुर्बल होती है। उनके लिए प्रार्थना करें जो परेशानियों में हैं या दुखों में पड़े हैं (याकूब 5:13-16)।
·         फिर आती है छोटी ऊँगली जो परमेश्वर की महानता के सामने आपके ‘कद’ की सूचक है। परमेश्वर से मांगें कि वह आपकी आवश्यकताओं की पूर्ति करे (फिलिप्पियों 4:6, 19)।

      प्रार्थना के लिए आप कोई भी विधि क्यों न प्रयोग करें, परन्तु परमेश्वर पिता से बातें अवश्य करें। वह आपके मन की बात को सुनना चाहता है। - ऐनी सेटास


प्रार्थना में महत्व हमारे शब्दों का नहीं है; हमारी मनोदशा का है।

निरन्‍तर प्रार्थना मे लगे रहो। - 1 थिस्सलुनीकियों 5:17

बाइबल पाठ: याकूब 5:13-18
James 5:13 यदि तुम में कोई दुखी हो तो वह प्रार्थना करे: यदि आनन्‍दित हो, तो वह स्‍तुति के भजन गाए।
James 5:14 यदि तुम में कोई रोगी हो, तो कलीसिया के प्राचीनों को बुलाए, और वे प्रभु के नाम से उस पर तेल मल कर उसके लिये प्रार्थना करें।
James 5:15 और विश्वास की प्रार्थना के द्वारा रोगी बच जाएगा और प्रभु उसको उठा कर खड़ा करेगा; और यदि उसने पाप भी किए हों, तो उन की भी क्षमा हो जाएगी।
James 5:16 इसलिये तुम आपस में एक दूसरे के साम्हने अपने अपने पापों को मान लो; और एक दूसरे के लिये प्रार्थना करो, जिस से चंगे हो जाओ; धर्मी जन की प्रार्थना के प्रभाव से बहुत कुछ हो सकता है।
James 5:17 एलिय्याह भी तो हमारे समान दुख-सुख भोगी मनुष्य था; और उसने गिड़िगड़ा कर प्रार्थना की; कि मेंह न बरसे; और साढ़े तीन वर्ष तक भूमि पर मेंह नहीं बरसा।
James 5:18 फिर उसने प्रार्थना की, तो आकाश से वर्षा हुई, और भूमि फलवन्‍त हुई।

एक साल में बाइबल: 
  • अय्यूब 8-10
  • प्रेरितों 8:26-40