सोमवार, 22 जुलाई 2019

भय


      एक किशोरी ने फेसबुक पर अपने मित्रों के लिए एक हृदय-स्पर्शी बात लिखी, “मैं बहुत भयभीत हूँ!” उसने उन्हें बताया कि उसे कुछ चिकित्सा संबंधी जांचों के लिए जाकर अस्पताल में भर्ती होना है, जो उसके घर से तीन घंटे की दूरी पर स्थित है, और उसे वहाँ तब तक रहना पड़ेगा जब तक कि डॉक्टर उसकी गंभीर चिकित्सीय समस्याओं के संबंध में किसी निर्णय पर नहीं पहुँच जाते हैं।

      हम चाहे युवा हों या वृद्ध, जब भी हमारे सामने अनचाही गंभीर समस्याएँ आती हैं, तो हम से कौन है जो उस किशोरी के समान भयभीत नहीं होता है? ऐसे में हम सहायता के लिए किस की ओर मुड़ें? ऐसी परिस्थितियों में पवित्र-शास्त्र हमें कैसी शान्त और साहस प्रदान करता है?

        परमेश्वर के वचन बाइबल में दी गई वास्तविकता कि परमेश्वर हमारी परीक्षाओं में हमारे साथ-साथ चलता रहेगा हमें आश्वस्त करता है और हमारी सहायता करता है। यशायाह 41:13 में लिखा है, “क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर यहोवा, तेरा दहिना हाथ पकड़कर कहूंगा, मत डर, मैं तेरी सहायता करूंगा।”

      इसके अतिरिक्त, हम जब परमेश्वर के सामने अपने विनती और निवेदन प्रस्तुत करते हैं, तो हमारी कठिनाइयों के संबंध में परमेश्वर हमें अवर्णनीय तथा हृदयों को सुरक्षित रखने वाली शान्ति प्रदान करता है (फिलिप्पियों 4:6-7)।
      परमेश्वर की हमारे साथ सदा बनी रहने वाली उपस्थिति और शान्ति के द्वारा हमें प्रत्येक परिस्थिति को सहने और उस पर विजयी होने के लिए जिस आशा और सहायता की आवश्यकता होती है, वह हमें मिलती है, हमें हमारे प्रत्येक भय से छुड़ाती है। - डेव ब्रैनन


हमारे सभी संघर्षों में परमेश्वर हमारे साथ रहता है।

इतना हो कि तू हियाव बान्धकर और बहुत दृढ़ हो कर जो व्यवस्था मेरे दास मूसा ने तुझे दी है उन सब के अनुसार करने में चौकसी करना; और उस से न तो दाहिने मुड़ना और न बांए, तब जहां जहां तू जाएगा वहां वहां तेरा काम सफल होगा। - यहोशू 1:7

बाइबल पाठ: फिलिप्पियों 4:4-9
Philippians 4:4 प्रभु में सदा आनन्‍दित रहो; मैं फिर कहता हूं, आनन्‍दित रहो।
Philippians 4:5 तुम्हारी कोमलता सब मनुष्यों पर प्रगट हो: प्रभु निकट है।
Philippians 4:6 किसी भी बात की चिन्‍ता मत करो: परन्तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और बिनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख अपस्थित किए जाएं।
Philippians 4:7 तब परमेश्वर की शान्‍ति, जो समझ से बिलकुल परे है, तुम्हारे हृदय और तुम्हारे विचारों को मसीह यीशु में सुरिक्षत रखेगी।
Philippians 4:8 निदान, हे भाइयों, जो जो बातें सत्य हैं, और जो जो बातें आदरणीय हैं, और जो जो बातें उचित हैं, और जो जो बातें पवित्र हैं, और जो जो बातें सुहावनी हैं, और जो जो बातें मनभावनी हैं, निदान, जो जो सदगुण और प्रशंसा की बातें हैं, उन्‍हीं पर ध्यान लगाया करो।
Philippians 4:9 जो बातें तुम ने मुझ से सीखीं, और ग्रहण की, और सुनी, और मुझ में देखीं, उन्‍हीं का पालन किया करो, तब परमेश्वर जो शान्‍ति का सोता है तुम्हारे साथ रहेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 31-32
  • प्रेरितों 23:16-35