बुधवार, 22 जनवरी 2020

दृष्टिकोण



      रेजिना घर लौट रही थी, थकी हुई और निराश। उसके दिन का आरंभ एक मित्र से मिले दुखद समाचार के साथ हुआ था; जो फिर दफतर में होने वाली मीटिंग्स में और बिगड़ता चला गया क्योंकि उसके सहकर्मी उसके किसी भी सुझाव को स्वीकार करके उनके साथ काम करने के लिए तैयार नहीं थे। कार चलाते हुए रेजिना जब प्रभु के साथ अपने दिन के विषय वार्तालाप कर रही थी, तो उसे लगा कि दिन भर की उन परेशानियों को एक ओर करके उसे अपनी एक वृद्ध सहेली, मारिया, से मिलने एक वृद्धाश्रम में जाना चाहिए, और वह उसके लिए कुछ फूल लेकर उसके पास वहाँ पहुँच गई। वहां पहुँचने पर रेजिना का मन तरोताज़ा हो गया जब मारिया ने उसके साथ अपने अनुभव को बाँटा कि प्रभु परमेश्वर उसके साथ कितना भला बना हुआ है। मारिया ने कहा, “मेरे पास अपना बिस्तर है, कुर्सी है, मुझे तीन बार भोजन मिलता है, और यहाँ की नर्सें मेरा ध्यान रखती हैं, मेरी सहायता करती हैं। और कभी-कभी परमेश्वर मेरी खिड़की पर मेरे पसंदीदा पक्षी बुलबुल को भी भेज देता है, क्योंकि वह जानता है कि मैं उन से प्रेम करती हूँ, और परमेश्वर मुझ से प्रेम करता है।”

      दृष्टिकोण। स्वभाव। पुरानी कहावत है, “जीवन 10 प्रतिशत वह है जो हमारे साथ होता है और 90 प्रतिशत वह है कि हम उसे क्या प्रतिक्रिया देते हैं।” परमेश्वर के वचन बाइबल में याकूब ने जिन लोगों को पत्र लिखा था, वे अपने मसीही विश्वास के कारण सताव झेलते हुए बेघर और तित्तर बित्तर हो रखे थे, और याकूब ने उनसे कहा कि वे अपनी कठिनाइयों के प्रति अपने दृष्टिकोण पर गौर करें। उसने, उन्हें इस शब्दों के साथ चुनौती दी: “हे मेरे भाइयों, जब तुम नाना प्रकार की परीक्षाओं में पड़ो तो इसको पूरे आनन्द की बात समझो...” (याकूब 1:2-3)।  

      हम में से प्रत्येक अपनी कठिन परिस्थितियों और समस्याओं के साथ परमेश्वर पर भरोसा बनाए रखना सीखने की जीवन यात्रा में है। याकूब ने जिस आनंदपूर्ण दृष्टिकोण की बात की, वह तब ही आता है जब हम यह मानना सीख लेते हैं कि परमेश्वर कठिन परिस्थितियों तथा संघर्षों को हमारे विश्वास को परिपक्व करने के लिए उपयोग करता है। - एनी सेटास

परमेश्वर हमारे दुःख के समयों को हमारी उन्नति के समय बना सकता है।

धन्य हो तुम, जब मनुष्य के पुत्र के कारण लोग तुम से बैर करेंगे, और तुम्हें निकाल देंगे, और तुम्हारी निन्‍दा करेंगे, और तुम्हारा नाम बुरा जानकर काट देंगे। उस दिन आनन्‍दित हो कर उछलना, क्योंकि देखो, तुम्हारे लिये स्वर्ग में बड़ा प्रतिफल है: उन के बाप-दादे भविष्यद्वक्ताओं के साथ भी वैसा ही किया करते थे। - लूका 6:22-23

बाइबल पाठ: याकूब 1:1-12
James 1:1 परमेश्वर के और प्रभु यीशु मसीह के दास याकूब की ओर से उन बारहों गोत्रों को जो तित्तर बित्तर हो कर रहते हैं नमस्‍कार पहुंचे।
James 1:2 हे मेरे भाइयों, जब तुम नाना प्रकार की परीक्षाओं में पड़ो
James 1:3 तो इसको पूरे आनन्द की बात समझो, यह जान कर, कि तुम्हारे विश्वास के परखे जाने से धीरज उत्पन्न होता है।
James 1:4 पर धीरज को अपना पूरा काम करने दो, कि तुम पूरे और सिद्ध हो जाओ और तुम में किसी बात की घटी न रहे।
James 1:5 पर यदि तुम में से किसी को बुद्धि की घटी हो, तो परमेश्वर से मांगे, जो बिना उलाहना दिए सब को उदारता से देता है; और उसको दी जाएगी।
James 1:6 पर विश्वास से मांगे, और कुछ सन्‍देह न करे; क्योंकि सन्‍देह करने वाला समुद्र की लहर के समान है जो हवा से बहती और उछलती है।
James 1:7 ऐसा मनुष्य यह न समझे, कि मुझे प्रभु से कुछ मिलेगा।
James 1:8 वह व्यक्ति दुचित्ता है, और अपनी सारी बातों में चंचल है।
James 1:9 दीन भाई अपने ऊंचे पद पर घमण्‍ड करे।
James 1:10 और धनवान अपनी नीच दशा पर: क्योंकि वह घास के फूल के समान जाता रहेगा।
James 1:11 क्योंकि सूर्य उदय होते ही कड़ी धूप पड़ती है और घास को सुखा देती है, और उसका फूल झड़ जाता है, और उस की शोभा जाती रहती है; उसी प्रकार धनवान भी अपने मार्ग पर चलते चलते धूल में मिल जाएगा।
James 1:12 धन्य है वह मनुष्य, जो परीक्षा में स्थिर रहता है; क्योंकि वह खरा निकल कर जीवन का वह मुकुट पाएगा, जिस की प्रतिज्ञा प्रभु ने अपने प्रेम करने वालों को दी है।

एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 4-6
  • मत्ती 14:22-36