शुक्रवार, 24 अप्रैल 2020

प्रतीक्षा



     बच्चों की अनेकों पुस्तकों के लेखक, डॉक्टर सियुस का कहना है, “चाहे मछली के कांटे में फंसने की हो, या पतंग उड़ाने के लिए हवा के चलने की, या सप्ताहांत आरंभ होने के लिए शुक्रवार संध्या की, प्रतीक्षा सभी को रहती है।” हमारे जीवनों का बहुत बड़ा भाग प्रतीक्षा से संबंधित है, किन्तु परमेश्वर कभी उतावली में नहीं होता है। पुरानी कहावत है, “परमेश्वर का अपना समय और विलम्ब होता है।” इसलिए हम प्रतीक्षा में रहते हैं।

     प्रतीक्षा करना कठिन होता है; हम प्रतीक्षा में बैठे अपने अंगूठे मटकाते हैं, पैर हिलाते हैं, उबासियों को दबाते हैं, और अन्दर से उठ रही खिसियाहट को नियंत्रण में रखने के लिए लम्बी साँसें लेते हैं, कुछ शारीरिक गतिविधि करते रहते हैं। हमें कितनी ही बातों के लिए प्रतीक्षा करनी पड़ती है, जैसे कि, ‘इस अटपटे व्यक्ति के साथ...’, ‘इस उबाऊ काम को करने के लिए...’, ‘इस शर्मनाक व्यवहार के साथ...’, ‘इस स्वास्थ्य समस्या के साथ जिसका कोई उपाय नहीं है...’,मुझे ही क्यों रहना पड़ रहा है? परमेश्वर इनके बारे में कुछ करता क्यों नहीं है? और परमेश्वर का उत्तर होता है, “थोड़ी प्रतीक्षा करो और देखो कि मैं क्या कर के दिखाऊँगा!”

     प्रतीक्षा जीवन के सबसे अच्छे शिक्षकों में से एक है, क्योंकि इसी के द्वारा हम सही समय के महत्व को सीखते हैं, हम में होकर या हमारे लिए परमेश्वर द्वारा किए जा रहे कार्य के महत्त्व को जानना सीखते हैं। परमेश्वर का वचन बाइबल हमें बताती है कि प्रतीक्षा में होकर ही हम धीरज रखना, परमेश्वर की भलाई और प्रेम पर भरोसा रखना सीखने पाते हैं, चाहे बातें हमारी इच्छा के अनुसार या हमारे अनुरूप न भी जा रही हों (भजन 70:5)।

     किन्तु ऐसा नहीं है कि हम मसीही विश्वासियों के लिए प्रतीक्षा करना उदासीन होकर, दांत-पीस कर बैठे रहना हो। हम प्रभु के समय और अवसर की प्रतीक्षा करते हुए प्रभु में आनंदित रह सकते हैं, स्वयं उत्साहित तथा औरों को प्रोत्साहित कर सकते हैं, हमारे उज्जवल अनंत भविष्य की आशा के सुसमाचार को औरों तक पहुँचा सकते हैं, क्योंकि हम जानते और मानते हैं कि अपने समय में, अपने तरीके द्वारा, परमेश्वर हमें इन परिस्थितियों से छुड़ा लेगा। परमेश्वर चाहे कभी उतावली में न हो, वह कभी विलम्ब भी नहीं करता है। - डेविड एच. रोपर

हमारी प्रतीक्षा में भी परमेश्वर हमारे साथ है।

हर एक बात का एक अवसर और प्रत्येक काम का, जो आकाश के नीचे होता है, एक समय है। - सभोपदेशक 3:1

बाइबल पाठ: भजन 70
भजन संहिता 70:1 हे परमेश्वर मुझे छुड़ाने के लिये, हे यहोवा मेरी सहायता करने के लिये फुर्ती कर!
भजन संहिता 70:2 जो मेरे प्राण के खोजी हैं, उनकी आशा टूटे, और मुंह काला हो जाए! जो मेरी हानि से प्रसन्न होते हैं, वे पीछे हटाए और निरादर किए जाएं।
भजन संहिता 70:3 जो कहते हैं, आहा, आहा, वे अपनी लज्जा के मारे उलटे फेरे जाएं।
भजन संहिता 70:4 जितने तुझे ढूंढ़ते हैं, वे सब तेरे कारण हर्षित और आनन्दित हों! और जो तेरा उद्धार चाहते हैं, वे निरन्तर कहते रहें, कि परमेश्वर की बड़ाई हो।
भजन संहिता 70:5 मैं तो दीन और दरिद्र हूं; हे परमेश्वर मेरे लिये फुर्ती कर! तू मेरा सहायक और छुड़ाने वाला है; हे यहोवा विलम्ब न कर!

एक साल में बाइबल: 
  • 2 शमुएल 19-20
  • लूका 18:1-23



शांत



     क्या कुछ ऐसा है जो आपको रात को ठीक से सोने नहीं देता है? हाल ही में मैं ठीक से सो नहीं पा रही हूँ, बिस्तर पर इधर से उधर करवट बदलती रहती हूँ, और फिर मुझे चिंता होने लगती है कि मैं आने वाले दिन की समस्याओं का सामना करने के लिए पर्याप्त आराम नहीं करने पाऊँगी। क्या आप का भी यही अनुभव रहता है? किसी संबंध को लेकर चिंता, भविष्य की अनिश्चितता, या अन्य जो भी बात हो – हम सभी कभी न कभी चिंता करते ही हैं।

     परमेश्वर के वचन बाइबल में हम देखते हैं कि राजा दाऊद वास्तव में परेशानियों में था, जब उस ने भजन 4 लिखा था। लोग मिथ्या, आधारहीन आरोप लगा कर उसकी साख़ को ख़राब कर रहे थे (पद 2)। कुछ तो उस के राज करने की योग्यता पर प्रश्न चिह्न लगा रहे थे (पद 6)। संभवतः ऐसे अनुचित व्यवहार के कारण दाऊद क्रोधित भी हो रहा होगा। लेकिन फिर भी हम ये अद्भुत शब्द पढ़ते हैं: “मैं शान्ति से लेट जाऊंगा और सो जाऊंगा; क्योंकि, हे यहोवा, केवल तू ही मुझ को एकान्त में निश्चिन्त रहने देता है” (पद 8)।

     सुविख्यात मसीही प्रचारक चार्ल्स स्पर्जन ने पद 8 की बहुत सुन्दर व्याख्या की है; वे कहते हैं, “इस प्रकार से लेट जाने के द्वारा...[दाऊद] ने अपने आप को एक अन्य के हाथों में छोड़ दिया; उस ने ऐसा संपूर्णतः किया, क्योंकि वह फिर निश्चिन्त हो कर सो गया; उसे पूरा भरोसा था।” उसे यह भरोसा क्यों था? आरम्भ से ही दाऊद को विश्वास था कि परमेश्वर उस की प्रार्थनाएं सुनेगा और उन का उत्तर देगा (पद 3)। और वह निश्चित था कि क्योंकि परमेश्वर ने उस से प्रेम करना चुना है, इस लिए वह अपने प्रेम में होकर उस की प्रत्येक आवश्यकता को पूरा भी करेगा।

     जब भी हमें चिंताएँ सताएँ, परमेश्वर हमारी सहायता करे कि हम उसकी सामर्थ्य और उपस्थिति में शांत हो सकें। हम उस की सर्वशक्तिशाली और प्रेम भरी बाहों में शांत हो कर लेट जाएं और सो जाएं। - पोह फैंग चिया

हम पूर्णतः विश्वासयोग्य परमेश्वर में अपना पूरा भरोसा रख सकते हैं।

चुप हो जाओ, और जान लो, कि मैं ही परमेश्वर हूं। मैं जातियों में महान हूं, मैं पृथ्वी भर में महान हूं!  - भजन 46:10

बाइबल पाठ: भजन 4
भजन संहिता 4:1 हे मेरे धर्ममय परमेश्वर, जब मैं पुकारूं तब तू मुझे उत्तर दे; जब मैं सकेती में पड़ा तब तू ने मुझे विस्तार दिया। मुझ पर अनुग्रह कर और मेरी प्रार्थना सुन ले।
भजन संहिता 4:2 हे मनुष्यों के पुत्रों, कब तक मेरी महिमा के बदले अनादर होता रहेगा? तुम कब तक व्यर्थ बातों से प्रीति रखोगे और झूठी युक्ति की खोज में रहोगे?
भजन संहिता 4:3 यह जान रखो कि यहोवा ने भक्त को अपने लिये अलग कर रखा है; जब मैं यहोवा को पुकारूंगा तब वह सुन लेगा।
भजन संहिता 4:4 कांपते रहो और पाप मत करो; अपने अपने बिछौने पर मन ही मन सोचो और चुपचाप रहो।
भजन संहिता 4:5 धर्म के बलिदान चढ़ाओ, और यहोवा पर भरोसा रखो।
भजन संहिता 4:6 बहुत से हैं जो कहते हैं, कि कौन हम को कुछ भलाई दिखाएगा? हे यहोवा तू अपने मुख का प्रकाश हम पर चमका!
भजन संहिता 4:7 तू ने मेरे मन में उस से कहीं अधिक आनन्द भर दिया है, जो उन को अन्न और दाखमधु की बढ़ती से होता था।
भजन संहिता 4:8 मैं शान्ति से लेट जाऊंगा और सो जाऊंगा; क्योंकि, हे यहोवा, केवल तू ही मुझ को एकान्त में निश्चिन्त रहने देता है।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 इतिहास 22-24
  • यूहन्ना 8:28-59