गुरुवार, 6 अगस्त 2020

आनन्द


         पूरा सप्ताह नीरस रहा था, मैं सुस्त और निरुत्साहित अनुभव कर रही थी, और समझ नहीं पा रही थी कि ऐसा क्यों हो रहा था। सप्ताहान्त के निकट मुझे पता चला कि मेरी एक वृद्ध चाची बीमार थी, उनके गुर्दे ठीक से काम नहीं कर रहे थे। मैं जानती थी कि मुझे उनसे मिलने जाना चाहिए, परन्तु मैं अभी के लिए उनके पास जाने को टालना चाह रही थी। फिर भी मैं उनके घर गई, हमने साथ मिलकर भोजन किया, बातें कीं, और प्रार्थना की। उनके साथ वह समय बिताने के बाद मैं उनके घर से निकल कर अपने घर को चली, सप्ताह में पहली बार उत्साहित और सक्रिय अनुभव करते हुए। अपने ऊपर ध्यान लगाए रखने के स्थान पर, किसी और पर ध्यान लगाने के द्वारा मैं अच्छा अनुभव करने लगी थी।


         मनोवैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि किसी को कुछ देने से हमें संतुष्टि प्राप्त होती है, जो कि जिसे दिया गया है उसकी कृतज्ञता को देखने से आती है। कुछ विशेषज्ञों का तो यह भी मानना है कि उदार होना हम मनुष्यों की रचना का एक भाग है।


         परमेश्वर के वचन बाइबल में संभवतः इसीलिए पौलुस ने थिस्स्लुनीकिया की मसीही मंडली को लिखी अपनी पत्री में, जब वह उनसे मसीही विश्वासियों के अपने समुदाय को बढ़ाने की बात लिखता है तो साथ ही उन्हें “दुर्बलों को संभालने” (1 थिस्स्लुनीकियों 5:14) का परामर्श भी देता है। इससे पहले वह प्रभु यीशु की कही बात को भी उद्धृत कर चुका था कि, “लेने से देना धन्य है” (प्रेरितों 20:35); यद्यपि यह बात आर्थिक दान के सन्दर्भ में कही गई थी, यह समय और परिश्रम देने पर भी लागू होती है।


         जब हम देते हैं, तो हमें अनुभव होता है कि परमेश्वर को कैसा लगता होगा। हम समझने पाते हैं कि क्यों परमेश्वर हमें अपना प्रेम देने से इतना आनन्दित होता है; और हम औरों को आशीष पहुंचाने के उसके आनन्द तथा संतुष्टि में सहभागी होने पाते हैं। मुझे जो आनन्द अपनी उस वृद्ध चाची से मिलकर प्राप्त हुआ, उससे मुझे लगता है कि मैं शीघ्र ही तथा बारंबार उनके पास जाऊँगी।

 

देने वाला ही सर्वाधिक पाने वाला भी होता है।


हर एक जन जैसा मन में ठाने वैसा ही दान करे न कुढ़ कुढ़ के, और न दबाव से, क्योंकि परमेश्वर हर्ष से देने वाले से प्रेम रखता है। - 2कुरिन्थियों 9:7


बाइबल पाठ: 1 थिस्स्लुनीकियों 5:12-24

1 थिस्स्लुनीकियों 5:12 और हे भाइयों, हम तुम से बिनती करते हैं, कि जो तुम में परिश्रम करते हैं, और प्रभु में तुम्हारे अगुवे हैं, और तुम्हें शिक्षा देते हैं, उन्हें मानो।

1 थिस्स्लुनीकियों 5:13 और उन के काम के कारण प्रेम के साथ उन को बहुत ही आदर के योग्य समझो: आपस में मेल-मिलाप से रहो।

1 थिस्स्लुनीकियों 5:14 और हे भाइयों, हम तुम्हें समझाते हैं, कि जो ठीक चाल नहीं चलते, उन को समझाओ, कायरों को ढाढ़स दो, निर्बलों को संभालो, सब की ओर सहनशीलता दिखाओ।

1 थिस्स्लुनीकियों 5:15 सावधान! कोई किसी से बुराई के बदले बुराई न करे; पर सदा भलाई करने पर तत्पर रहो आपस में और सब से भी भलाई ही की चेष्टा करो।

1 थिस्स्लुनीकियों 5:16 सदा आनन्दित रहो।

1 थिस्स्लुनीकियों 5:17 निरन्तर प्रार्थना में लगे रहो।

1 थिस्स्लुनीकियों 5:18 हर बात में धन्यवाद करो: क्योंकि तुम्हारे लिये मसीह यीशु में परमेश्वर की यही इच्छा है।

1 थिस्स्लुनीकियों 5:19 आत्मा को न बुझाओ।

1 थिस्स्लुनीकियों 5:20 भविष्यवाणियों को तुच्छ न जानो।

1 थिस्स्लुनीकियों 5:21 सब बातों को परखो: जो अच्छी है उसे पकड़े रहो।

1 थिस्स्लुनीकियों 5:22 सब प्रकार की बुराई से बचे रहो।

1 थिस्स्लुनीकियों 5:23 शान्ति का परमेश्वर आप ही तुम्हें पूरी रीति से पवित्र करे; और तुम्हारी आत्मा और प्राण और देह हमारे प्रभु यीशु मसीह के आने तक पूरे पूरे और निर्दोष सुरक्षित रहें।

1 थिस्स्लुनीकियों 5:24 तुम्हारा बुलाने वाला सच्चा है, और वह ऐसा ही करेगा।

 

एक साल में बाइबल: 

  • भजन 70-71
  • रोमियों 8:22-39