सोमवार, 10 अगस्त 2020

विलाप


    बाहमास के नासाऊ में स्थित क्लिफटन हेरिटेज नैशनल पार्क जाना, इतिहास के एक त्रासदी पूर्ण समय में जाना है। जहाँ पर पानी और भूमि मिलते हैं, वहाँ से पत्थर की सीढ़ियाँ ऊपर चट्टान पर स्थित स्थान को ले जाती हैं। अठारहवीं शताब्दी में जो दास जहाज़ों द्वारा बाहमास लाए जाते थे, वे उन्हीं सीढ़ियों को चढ़कर ऊपर आते थे, बहुधा अपने परिवारों को पीछे छोड़ कर एक अमानवीय बर्ताव में कदम रखने के लिए। वहाँ के सबसे ऊंचे स्थान पर उन दासों के लिए एक स्मारक बनाया गया है। देवदार के पेड़ों पर स्त्रियों की मूर्तियाँ तराशी गई हैं, जो समुद्र की ओर देख रही हैं, अपनी मातृभूमि और उन रिश्तेदारों की लालसा में जिन्हें वे अब खो चुकी हैं। प्रत्येक मूर्ति पर दासों को लाने वाले जहाज़ों के कप्तानों के कोड़ों के निशान भी बने हुए हैं।

    उन स्त्रियों की ये मूर्तियाँ जो उसका शोक कर रही हैं जो उन्होंने खो दिया है, मुझे स्मरण दिलाती हैं कि संसार के अन्याय और टूटी हुई प्रणालियों को पहचानने की कितनी आवश्यकता है, और उनके लिए शोक तथा विलाप करने की। विलाप करने का यह अर्थ नहीं है कि हमारे पास कोई आशा नहीं है; वरन यह परमेश्वर के साथ सत्यनिष्ठ होने का एक तरीका है। यह मसीहियों के लिए एक परिचित बात होनी चाहिए; परमेश्वर के वचन बाइबल में भजन संहिता के लगभग चालीस प्रतिशत भजन, विलाप के भजन हैं, और विलापगीत की पुस्तक में परमेश्वर के लोग उसके सामने विलाप करते हैं क्योंकि आक्रमणकारियों ने उनके नगर में घुसकर उसे नष्ट कर दिया था।

    विलाप करना सताव के दुःख की एक उचित प्रतिक्रिया है और इससे परमेश्वर के साथ दुःख और परेशानी में संपर्क किया जा सकता है। अन्ततः विलाप करना आशावादी होता है, जब हम उसके लिए विलाप करते हैं जो सही नहीं है, और हम अपने आप से तथा औरों से उससे संबंधित परिवर्तन को लाने के लिए सक्रिय होने और बदलाव लाने की अपेक्षा करते हैं।

    और इसी लिए नासाऊ के उस मूर्तियों के बगीचे का नाम “जेनिसिस” (उत्पत्ति) रखा गया है – विलाप के उस स्थान को एक नए आरंभ का स्थान भी माना गया है। - एमी पीटरसन

 

हम भरोसा रख सकते हैं कि हमारे विलाप के समयों में से परमेश्वर कुछ नया आरंभ करेगा।


मैं धीरज से यहोवा की बाट जोहता रहा; और उसने मेरी ओर झुककर मेरी दुहाई सुनी। उसने मुझे सत्यानाश के गड़हे और दलदल की कीच में से उबारा, और मुझ को चट्टान पर खड़ा कर के मेरे पैरों को दृढ़ किया है। - भजन 40:1-2

बाइबल पाठ: विलापगीत 3:49-58

विलापगीत 3:49 मेरी आंख से लगातार आंसू बहते रहेंगे,

विलापगीत 3:50 जब तक यहोवा स्वर्ग से मेरी ओर न देखे;

विलापगीत 3:51 अपनी नगरी की सब स्त्रियों का हाल देखने पर मेरा दु:ख बढ़ता है।

विलापगीत 3:52 जो व्यर्थ मेरे शत्रु बने हैं, उन्होंने निर्दयता से चिडिय़ा के समान मेरा अहेर किया है;

विलापगीत 3:53 उन्होंने मुझे गड़हे में डाल कर मेरे जीवन का अन्त करने के लिये मेरे ऊपर पत्थर लुढ़काए हैं;

विलापगीत 3:54 मेरे सिर पर से जल बह गया, मैं ने कहा, मैं अब नाश हो गया।

विलापगीत 3:55 हे यहोवा, गहरे गड़हे में से मैं ने तुझ से प्रार्थना की;

विलापगीत 3:56 तू ने मेरी सुनी कि जो दुहाई देकर मैं चिल्लाता हूँ उस से कान न फेर ले!

विलापगीत 3:57 जब मैं ने तुझे पुकारा, तब तू ने मुझ से कहा, मत डर!

विलापगीत 3:58 हे यहोवा, तू ने मेरा मुक़द्दमा लड़ कर मेरा प्राण बचा लिया है।

 

एक साल में बाइबल: 

  • भजन 79-80
  • रोमियों 11:1-18