रविवार, 13 दिसंबर 2020

विश्वासयोग्य

 

          मैंने अपने क्रिसमस ट्री को रंग-बिरंगी चमकने वाली बत्तियों से लपेटा और उसकी टहनियों पर गुलाबी और नीले रिबन लगाए, और उसका नाम “बच्चे की आशा” क्रिसमस ट्री रख दिया। मैं और मेरे पति पिछले चार वर्ष से बच्चे को गोद लेने की प्रतीक्षा कर रहे थे; और मेरी इच्छा थी कि क्रिसमस तक हमारी यह इच्छा निश्चय ही पूरी हो जाए।

          हर प्रातः मैं उस पेड़ के पास रुकती, प्रार्थना करती, अपने आप को परमेश्वर की विश्वासयोग्यता का ध्यान दिलाती थी। फिर हमें 21 दिसंबर को समाचार मिला – इस वर्ष भी हमें बच्चा नहीं मिल पाएगा। मैं बहुत टूटा हुआ और हताश होकर उस क्रिसमस ट्री के पास रुकी, जो मेरे लिए परमेश्वर के प्रावधानों का प्रतीक बन गया था। क्या परमेश्वर अभी भी विश्वासयोग्य था? क्या मैं कुछ गलत कर रही थी?

          कभी कभी परमेश्वर अपने प्रेम में हमें अनुशासित करने के लिए प्रार्थनाओं के उत्तर रोक कर रखता है; और कुछ अन्य समयों पर, हमारे विश्वास को बढ़ाने के लिए, उत्तरों को देने में विलम्ब करता है। परमेश्वर के वचन बाइबल में विलापगीत में हम यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता द्वारा वर्णित इस्राएल के परमेश्वर द्वारा सुधारे जाने को पढ़ते हैं। परमेश्वर की उस ताड़ना को देखने से यिर्मयाह को होने वाली पीड़ा प्रगट है; यिर्मयाह कहता है, उसने अपनी तीरों से मेरे हृदय को बेध दिया है” (3:13)। लेकिन उस सब में भी यिर्मयाह परमेश्वर की विश्वासयोग्यता में अपने पूर्ण अडिग भरोसे को लिखता है, हम मिट नहीं गए; यह यहोवा की महाकरुणा का फल है, क्योंकि उसकी दया अमर है। प्रति भोर वह नई होती रहती है; तेरी सच्चाई महान है” (पद 22, 23)।

          मैंने अपने उस क्रिसमस ट्री को क्रिसमस के बाद भी वैसे ही बने रहने दिया, और रोज़ सुबह वहाँ प्रार्थना करना ज़ारी रखा। आखिरकार, ईस्टर के सप्ताहांत पर, हमें हमारी बेटी मिली। परमेश्वर सदा विश्वासयोग्य है, चाहे वह हमारे समय के अनुसार, और हमेशा हमारी इच्छा के अनुसार कार्य न भी करे।

          मेरे बच्चे अब तीस वर्ष से अधिक की आयु के हैं, परन्तु प्रति वर्ष मैं उस क्रिसमस ट्री का एक छोटा रूप लगाती और सजाती हूँ – अपने आप को तथा औरों को स्मरण दिलाने के लिए कि हमारा प्रभु परमेश्वर सदा विश्वासयोग्य है। - एलिसा मॉर्गन

 

हमारी आशा का सर्वोत्तम कारण परमेश्वर की विश्वासयोग्यता है।


क्योंकि चाहे अंजीर के वृक्षों में फूल न लगें, और न दाखलताओं में फल लगें, जलपाई  के वृक्ष से केवल धोखा पाया जाए और खेतों में अन्न न उपजे, भेड़शालाओं में भेड़-बकरियां न रहें, और न थानों में गाय बैल हों, तौभी मैं यहोवा के कारण आनन्दित और मगन रहूंगा, और अपने उद्धारकर्ता परमेश्वर के द्वारा अति प्रसन्न रहूंगा। - हबक्कूक 3:17-18

बाइबल पाठ: विलापगीत 3:1-3, 13-24

विलापगीत 3:1 उसके रोष की छड़ी से दु:ख भोगने वाला पुरुष मैं ही हूं;

विलापगीत 3:2 वह मुझे ले जा कर उजियाले में नहीं, अन्धियारे ही में चलाता है;

विलापगीत 3:3 उसका हाथ दिन भर मेरे ही विरुद्ध उठता रहता है।

विलापगीत 3:13 उसने अपनी तीरों से मेरे हृदय को बेध दिया है;

विलापगीत 3:14 सब लोग मुझ पर हंसते हैं और दिन भर मुझ पर ढालकर गीत गाते हैं,

विलापगीत 3:15 उसने मुझे कठिन दु:ख से भर दिया, और नागदौना पिलाकर तृप्त किया है।

विलापगीत 3:16 उसने मेरे दांतों को कंकरी से तोड़ डाला, और मुझे राख से ढांप दिया है;

विलापगीत 3:17 और मुझ को मन से उतार कर कुशल से रहित किया है; मैं कल्याण भूल गया हूँ;

विलापगीत 3:18 इसलिए मैं ने कहा, मेरा बल नाश हुआ, और मेरी आशा जो यहोवा पर थी, वह टूट गई है।

विलापगीत 3:19 मेरा दु:ख और मारा मारा फिरना, मेरा नागदौने और-और विष का पीना स्मरण कर!

विलापगीत 3:20 मैं उन्हीं पर सोचता रहता हूँ, इस से मेरा प्राण ढला जाता है।

विलापगीत 3:21 परन्तु मैं यह स्मरण करता हूँ, इसीलिये मुझे आशा है:

विलापगीत 3:22 हम मिट नहीं गए; यह यहोवा की महाकरुणा का फल है, क्योंकि उसकी दया अमर है।

विलापगीत 3:23 प्रति भोर वह नई होती रहती है; तेरी सच्चाई महान है।

विलापगीत 3:24 मेरे मन ने कहा, यहोवा मेरा भाग है, इस कारण मैं उस में आशा रखूंगा।

 

एक साल में बाइबल: 

  • होशे 12-14
  • प्रकाशितवाक्य 4