रविवार, 28 फ़रवरी 2021

प्रेम और दया

 

          स्थानीय समाचार पत्र में छपा लेख छोटा, किन्तु हृदय-स्पर्शी था। बंदी-गृह में कैदियों के लिए आयोजित किए गए एक कार्यक्रम में, जिसमें मसीही विश्वास पर आधारित होकर अच्छे और दृढ़ पारिवारिक संबंध बनाने के बारे में बताया गया, उस कार्यक्रम में भाग लेने वाले कैदियों के लिए एक विशेष प्रयोजन किया गया – उन्हें काँच की दीवारों के पीछे से नहीं वरन खुले में अपने परिवारों से मिलने का समय दिया गया। उन में से कुछ ऐसे थे जिन्होंने अपने बच्चों को वर्षों से नहीं देखा था। परिवारों के लोगों को एक दूसरे से गले मिलने, एक-दूसरे को छूने, उनके हाथ थामने का यह एक अभूतपूर्व अवसर था। ऐसा करने में वे लोग बे-झिझक होकर, खुलकर रो रहे थे; वहाँ से बहुत से परिवार के लोग परस्पर एक-दूसरे के निकट आने लगे और मनों के घाव भरने आरंभ हुए।

          समाचार-पत्र के अधिकांश पाठकों के लिए यह घटना एक कहानी-मात्र थी; परन्तु इन परिवारों के लिए, एक-दूसरे को छूना और मिलना, जीवन परिवर्तन करने वाली घटना थी – और कुछ लोगों के लिए क्षमा और मेल-मिलाप की प्रक्रिया के आरंभ होने का समय था।

          परमेश्वर के वचन बाइबल हमें बताती है कि प्रभु यीशु मसीह में विश्वास लाने के द्वारा हमें पापों से क्षमा प्रदान करने और उसके साथ मेल-मिलाप कर लेने के लिए जो मार्ग परमेश्वर ने बना कर दिया है, वह मसीही विश्वास का एक तथ्य मात्र ही नहीं है। समाचार पत्र के उस लेख में मेल-मिलाप होने का समाचार हमें स्मरण करवाता है कि प्रभु यीशु का बलिदान एक अति महान समाचार है, न केवल मेरे और आप के लिए, वरन समस्त संसार के लिए भी।

           जब हम अपने आप को, स्वयं द्वारा किए गए किसी गलत कार्य के दोष के एहसास से अभिभूत अनुभव करते हैं, प्रभु यीशु के हमारे लिए दिए गए बलिदान की बात, वह दृढ़ चट्टान होती है जिस पर आकर हम अपने आप को स्थिर कर सकते हैं। यही वह समय होता है जब परमेश्वर की कभी अन्त न होने वाली दया का तथ्य हमारे लिए व्यक्तिगत हो जाता है। क्योंकि प्रभु यीशु ने हमारे पापों की कीमत कलवरी के क्रूस पर पूर्णतः चुका दी है, इसलिए अब प्रभु में होकर हम पिता के सामने धुले हुए, शुद्ध, और “हिम से भी श्वेत” (भजन 51:7) होकर आ सकते हैं। ऐसे समयों में भी, जब हम जानते हैं कि हम परमेश्वर की दया के योग्य नहीं हैं, हम इस एक बात को फिर भी बिना किसी संदेह के थामे रह सकते हैं – प्रभु यीशु मसीह में होकर हमारे प्रति परमेश्वर का कभी न टलने वाला प्रेम और उसकी सदैव उपलब्ध रहने वाली दया। - लेसली कोह

 

प्रभु यीशु में पापों की क्षमा केवल महान समाचार ही नहीं है; 

यह अद्भुत, जीवन बदलने वाला सुसमाचार है।


परन्तु परमेश्वर हम पर अपने प्रेम की भलाई इस रीति से प्रगट करता है, कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिये मरा। सो जब कि हम, अब उसके लहू के कारण धर्मी ठहरे, तो उसके द्वारा क्रोध से क्यों न बचेंगे? - रोमियों 5:8-9

बाइबल पाठ: भजन 51:1-7

भजन 51:1 हे परमेश्वर, अपनी करुणा के अनुसार मुझ पर अनुग्रह कर; अपनी बड़ी दया के अनुसार मेरे अपराधों को मिटा दे।

भजन 51:2 मुझे भली भांति धोकर मेरा अधर्म दूर कर, और मेरा पाप छुड़ाकर मुझे शुद्ध कर!

भजन 51:3 मैं तो अपने अपराधों को जानता हूं, और मेरा पाप निरन्तर मेरी दृष्टि में रहता है।

भजन 51:4 मैं ने केवल तेरे ही विरुद्ध पाप किया, और जो तेरी दृष्टि में बुरा है, वही किया है, ताकि तू बोलने में धर्मी और न्याय करने में निष्कलंक ठहरे।

भजन 51:5 देख, मैं अधर्म के साथ उत्पन्न हुआ, और पाप के साथ अपनी माता के गर्भ में पड़ा।

भजन 51:6 देख, तू हृदय की सच्चाई से प्रसन्न होता है; और मेरे मन ही में ज्ञान सिखाएगा।

भजन 51:7 जूफा से मुझे शुद्ध कर, तो मैं पवित्र हो जाऊंगा; मुझे धो, और मैं हिम से भी अधिक श्वेत बनूंगा।

 

एक साल में बाइबल: 

  • गिनती 20-22
  • मरकुस 7:1-13