बुधवार, 26 मई 2021

हिम्मत

 

            लंडन के पार्लियामेंट स्क्वायर में लगी महान पुरुषों (नेल्सन मेंडेला, विंस्टन चर्चिल, महात्मा गांधी, और अन्य) की प्रतिमाओं के मध्य में केवल एक महिला की प्रतिमा भी है। यह एकमात्र महिला है मिलीसेंट फॉसेट, जिन्होंने महिलाओं को वोट देने का अधिकार दिए जाने के लिए संघर्ष किया। काँसे में बनी उनकी प्रतिमा में उन्हें अमर किया गया है, और उन्हें हाथ में एक बैनर थामे हुए दिखाया गया है, जिसमें उनके द्वारा अपने साथी संघर्ष करने वालों के लिए उनके शब्द “साहस हर स्थान पर औरों में साहस का आह्वान करता है” लिखे गए हैं। फॉसेट ने इस बात पर जोर दिया कि एक व्यक्ति का साहस औरों में भी साहस उत्पन्न करता है, और डरपोक आत्माओं को सक्रिय होने के लिए जागृत करता है।

            परमेश्वर के वचन बाइबल में जब दाऊद अपनी राजगद्दी अपने पुत्र सुलैमान को सौंप रहा था, तो उसने उसे उन भारी दायित्वों के बारे में भी समझाया जो शीघ्र ही उसके कन्धों पर आ पड़ेंगे। बहुत संभव है कि सुलैमान उन दायित्वों  – इस्राएल का नेतृत्व करना कि सभी लोग परमेश्वर के निर्देशों के अनुसार चलें, जो भूमि परमेश्वर ने उन्हें प्रदान की थी उसकी ठीक से रक्षा करे, और मंदिर को बनवाने के महान कार्य को करवाए (1 इतिहास 28:8-10) के भार का अंदाजा लगाकर काँप उठा।

            सुलैमान के कंपकंपाते हृदय को भांपते हुए, दाऊद ने अपने पुत्र को सामर्थी शब्द भी कहे: “फिर दाऊद ने अपने पुत्र सुलैमान से कहा, हियाव बान्ध और दृढ़ हो कर इस काम में लग जा। मत डर, और तेरा मन कच्चा न हो, क्योंकि यहोवा परमेश्वर जो मेरा परमेश्वर है, वह तेरे संग है; और जब तक यहोवा के भवन में जितना काम करना हो वह न हो चुके, तब तक वह न तो तुझे धोखा देगा और न तुझे त्यागेगा” (पद 20)। सच्ची हिम्मत कभी भी सुलैमान की अपनी योग्यता अथवा स्वावलंबी होने से नहीं आती, वरन परमेश्वर पर निर्भर करने और उसकी उपस्थिति तथा सामर्थ्य का सहारा लेने से उसे प्रदान की जानी थी; और परमेश्वर ने सुलैमान को उसके दायित्वों के निर्वाह के लिए आवश्यक हिम्मत प्रदान भी की।

            जब हमें कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, तो अकसर हम अपने आप को बहादुरी दिखाने के लिए उकसाते हैं या अपने कौशल का ढोल पीटने लगते हैं। किन्तु हमारे विश्वास को नूतन और कारगर करने वाला परमेश्वर है। वह हमारे साथ बना रहेगा, और हमारे साथ उसकी उपस्थिति हमें हिम्मत देती रहेगी। - विन्न कोलियर

 

प्रभु मेरी हर परिस्थिति में मुझे अपनी उपस्थिति का एहसास करवाएँ।


जब तू जल में हो कर जाए, मैं तेरे संग संग रहूंगा और जब तू नदियों में हो कर चले, तब वे तुझे न डुबा सकेंगी; जब तू आग में चले तब तुझे आंच न लगेगी, और उसकी लौ तुझे न जला सकेगी। - यशायाह 43:2

बाइबल पाठ: 1 इतिहास 28:8-10, 19-21

1 इतिहास 28:8 इसलिये अब इस्राएल के देखते अर्थात यहोवा की मण्डली के देखते, और अपने परमेश्वर के सामने, अपने परमेश्वर यहोवा की सब आज्ञाओं को मानो और उन पर ध्यान करते रहो; ताकि तुम इस अच्छे देश के अधिकारी बने रहो, और इसे अपने बाद अपने वंश का सदा का भाग होने के लिये छोड़ जाओ।

1 इतिहास 28:9 और हे मेरे पुत्र सुलैमान! तू अपने पिता के परमेश्वर का ज्ञान रख, और खरे मन और प्रसन्न जीव से उसकी सेवा करता रह; क्योंकि यहोवा मन को जांचता और विचार में जो कुछ उत्पन्न होता है उसे समझता है। यदि तू उसकी खोज में रहे, तो वह तुझ को मिलेगा; परन्तु यदि तू उसको त्याग दे तो वह सदा के लिये तुझ को छोड़ देगा।

1 इतिहास 28:10 अब चौकस रह, यहोवा ने तुझे एक ऐसा भवन बनाने को चुन लिया है, जो पवित्रस्थान ठहरेगा, हियाव बान्धकर इस काम में लग जा।

1 इतिहास 28:19 मैं ने यहोवा की शक्ति से जो मुझ को मिली, यह सब कुछ बूझ कर लिख दिया है।

1 इतिहास 28:20 फिर दाऊद ने अपने पुत्र सुलैमान से कहा, हियाव बान्ध और दृढ़ हो कर इस काम में लग जा। मत डर, और तेरा मन कच्चा न हो, क्योंकि यहोवा परमेश्वर जो मेरा परमेश्वर है, वह तेरे संग है; और जब तक यहोवा के भवन में जितना काम करना हो वह न हो चुके, तब तक वह न तो तुझे धोखा देगा और न तुझे त्यागेगा।

1 इतिहास 28:21 और देख परमेश्वर के भवन के सब काम के लिये याजकों और लेवियों के दल ठहराए गए हैं, और सब प्रकार की सेवा के लिये सब प्रकार के काम प्रसन्नता से करने वाले बुद्धिमान पुरुष भी तेरा साथ देंगे; और हाकिम और सारी प्रजा के लोग भी जो कुछ तू कहेगा वही करेंगे।

 

एक साल में बाइबल: 

  • इतिहास 28-29
  • यूहन्ना 9:24-41