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शनिवार, 15 मई 2021

आशा

 

          छः ही महीनों में जेराल्ड का जीवन बिखर गया। एक आर्थिक संकट ने उसके व्यवसाय और संपत्ति को नष्ट कर दिया; और एक दुखद दुर्घटना में उसके पुत्र का देहांत हो गया। इन बातों के आघात से उसकी माँ को दिला का दौरा पड़ा और उनकी भी मृत्यु हो गई, और उसकी पत्नी विषाद (depression) में चली गई, तथा उसके दो तरुण बेटियाँ शोक से व्यथित रहने लगीं। वह बस परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार द्वारा कहे गए शब्द ही दोहरा सका,हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, तू ने मुझे क्यों छोड़ दिया?” (भजन 22:1)।

          वह एकमात्र बात जिसके सहारे जेराल्ड संभला रहा, कार्य करता रहा, थी उसकी आशा, कि जिस परमेश्वर ने प्रभु यीशु को फिर से जीवित किया था, वही एक दिन उसे और उसके परिवार को भी उनके दुःख में से उभारेगा और अनन्तकाल के आनन्द के जीवन में ले जाएगा। उसकी आशा थी कि परमेश्वर सहायता के लिए उसकी पुकार का उत्तर देगा। भजनकार दाऊद के समान, अपनी निराशा में भी, अपनी सभी दुखद परिस्थितियों में भी वह परमेश्वर पर अपना विश्वास बनाए रखने में दृढ़ बना रहा, और इस आशा को थामे रहा कि परमेश्वर उसे छुड़ाएगा और बचा लेगा (पद 4-5 )।

          उसकी इसी दृढ़ आशा ने जेराल्ड को संभाल का रखा, और जब भी कोई उससे पूछता कि वह कैसा है, तो वह इतना ही कह पाता था, “परमेश्वर पर मेरा भरोसा अभी बना हुआ है।”

          परमेश्वर ने उस भरोसे का आदर किया, जेराल्ड को दिलासा दी, वर्षों तक इन कठिन परिस्थितियों में स्थिर बने रहने का साहस और सामर्थ्य दी। उसका परिवार धीरे-धीरे इन त्रासदियों से उभर सका, और फिर जेराल्ड को उसके पहले नाती के जन्म का आनन्द भी प्राप्त हुआ। अब उसकी पुकार परमेश्वर की विश्वासयोग्यता के लिए गवाही है, अब वह कहता है, “अब मैं यह नहीं पूछता हूँ कि तू ने मुझे क्यों छोड़ दिया? परमेश्वर ने मुझे आशीष दी है।”

          जब ऐसा लगे कि कुछ भी शेष नहीं रहा है, आशा तब भी रहती है। - लेस्ली कोह

 

मसीह का पुनरुत्थान हमारे अनन्तकाल के स्थाई आनन्द की आशा है।

जब तू जल में हो कर जाए, मैं तेरे संग संग रहूंगा और जब तू नदियों में हो कर चले, तब वे तुझे न डुबा सकेंगी; जब तू आग में चले तब तुझे आंच न लगेगी, और उसकी लौ तुझे न जला सकेगी। - यशायाह 43:2

बाइबल पाठ: भजन 22:1-5

भजन 22:1 हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, तू ने मुझे क्यों छोड़ दिया? तू मेरी पुकार से और मेरी सहायता करने से क्यों दूर रहता है? मेरा उद्धार कहां है?

भजन 22:2 हे मेरे परमेश्वर, मैं दिन को पुकारता हूं परन्तु तू उत्तर नहीं देता; और रात को भी मैं चुप नहीं रहता।

भजन 22:3 परन्तु हे तू जो इस्राएल की स्तुति के सिंहासन पर विराजमान है, तू तो पवित्र है।

भजन 22:4 हमारे पुरखा तुझी पर भरोसा रखते थे; वे भरोसा रखते थे, और तू उन्हें छुड़ाता था।

भजन 22:5 उन्होंने तेरी दोहाई दी और तू ने उन को छुड़ाया वे तुझी पर भरोसा रखते थे और कभी लज्जित न हुए।

 

एक साल में बाइबल: 

  • 2 राजाओं 22-23
  • यूहन्ना 4:31-54

शुक्रवार, 14 मई 2021

नम्र आलोचना

 

          चित्रकला की एक कक्षा में, हमारा शिक्षक, जो कि एक बहुत ही अनुभवी व्यावसायिक कलाकार था, मेरे द्वारा बनाए गए चित्र के सामने आकर खड़ा हो गया, और शांत रहते हुए ध्यान से देखने लगा। मैं सोचने लगी, अब ये कहेगा, ‘ये बिलकुल बेकार है; लेकिन उसने ऐसा नहीं कहा।

          उसने कहा कि उसे रंगों का चुनाव और चित्र में खुलेपन की भावना अच्छा लगी। फिर वह बोला कि दूर दिखाए गए पेड़ों को कुछ हल्के रंगों से दिखाया जा सकता है, और निकट दिखाई गए खर-पतवार की झाड़ियों के किनारों को कुछ सौम्य किया जा सकता है। उसके पास मेरे चित्र की आलोचना करने का पूर्ण अधिकार था, किन्तु फिर भी उसकी आलोचना सच्ची किन्तु नम्र थी।

          परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रभु यीशु के पास, उनके पापों के लिए, लोगों की निंदा करने और उन्हें दोषी ठहराने का पूर्ण अधिकार था। प्रभु ने उस सामरी स्त्री को, जिससे उसकी मुलाकात कुएँ पर हुई थी, उसके पापों के दोष के नीचे कुचल देने के लिए दस आज्ञाओं से प्रहार नहीं किया। प्रभु ने केवल कुछ नम्र व्यवहार और वाक्यों के द्वारा उसे उसके जीवन का दिखा दिया; प्रभु द्वारा इतनी ही आलोचना पर्याप्त थी। परिणामस्वरूप, वह स्त्री यह देखने और समझने पाई कि कैसे संतुष्टि के लिए उसके प्रयासों ने उसे पापों में उलझा दिया था। उस स्त्री को यह एहसास होने पर, प्रभु ने आगे उसे प्रकट किया कि वही संपूर्ण और अनन्तकालीन संतुष्टि का स्त्रोत है (यूहन्ना 4:10-13)।

          इस परिस्थिति में प्रभु द्वारा अनुग्रह और सत्य का अद्भुत तालमेल के साथ प्रयोग करना उस स्त्री के जीवन को, और फिर उस गाँव के लोगों के जीवनों को बदलने का माध्यम बना। आज हमारे साथ संबंध में भी प्रभु इसी अनुग्रह और सत्य का प्रयोग करता है (यूहन्ना 1:17), नम्रता के साथ हमारे जीवन की वास्तविकता हम पर प्रकट करता है। उसका अनुग्रह हमें हमारे पाप से अभिभूत नहीं होने देता है; और उसका सत्य हमें उस पाप की, एक मामूली सी बात के समान अनदेखी नहीं करने देता है।

          क्या हम प्रभु यीशु को आमंत्रित करेंगे कि वह आकर हमारे जीवन का अवलोकन करे और अपनी नम्र आलोचना के द्वारा हमें जीवन को सुधारने का मार्ग सिखाए? – जेनिफर बेन्सन शुल्ट

 

प्रभु परमेश्वर मुझे मेरे पाप से छुड़ाकर अनन्त जीवन के मार्ग पर डालने के लिए धन्यवाद।


इसलिये कि व्यवस्था तो मूसा के द्वारा दी गई; परन्तु अनुग्रह, और सच्चाई यीशु मसीह के द्वारा पहुंची। - यूहन्ना 1:17

बाइबल पाठ: यूहन्ना 4:7-15, 28-29

यूहन्ना 4:7 इतने में एक सामरी स्त्री जल भरने को आई: यीशु ने उस से कहा, मुझे पानी पिला।

यूहन्ना 4:8 क्योंकि उसके चेले तो नगर में भोजन मोल लेने को गए थे।

यूहन्ना 4:9 उस सामरी स्त्री ने उस से कहा, तू यहूदी हो कर मुझ सामरी स्त्री से पानी क्यों मांगता है? (क्योंकि यहूदी सामरियों के साथ किसी प्रकार का व्यवहार नहीं रखते।)

यूहन्ना 4:10 यीशु ने उत्तर दिया, यदि तू परमेश्वर के वरदान को जानती, और यह भी जानती कि वह कौन है जो तुझ से कहता है; मुझे पानी पिला तो तू उस से मांगती, और वह तुझे जीवन का जल देता।

यूहन्ना 4:11 स्त्री ने उस से कहा, हे प्रभु, तेरे पास जल भरने को तो कुछ है भी नहीं, और कुआं गहरा है: तो फिर वह जीवन का जल तेरे पास कहां से आया?

यूहन्ना 4:12 क्या तू हमारे पिता याकूब से बड़ा है, जिसने हमें यह कुआं दिया; और आप ही अपने सन्तान, और अपने पशुओं समेत उस में से पीया?

यूहन्ना 4:13 यीशु ने उसको उत्तर दिया, कि जो कोई यह जल पीएगा वह फिर प्यासा होगा।

यूहन्ना 4:14 परन्तु जो कोई उस जल में से पीएगा जो मैं उसे दूंगा, वह फिर अनन्तकाल तक प्यासा न होगा: वरन जो जल मैं उसे दूंगा, वह उस में एक सोता बन जाएगा जो अनन्त जीवन के लिये उमड़ता रहेगा।

यूहन्ना 4:15 स्त्री ने उस से कहा, हे प्रभु, वह जल मुझे दे ताकि मैं प्यासी न होऊं और न जल भरने को इतनी दूर आऊं।

यूहन्ना 4:28 तब स्त्री अपना घड़ा छोड़कर नगर में चली गई, और लोगों से कहने लगी।

यूहन्ना 4:29 आओ, एक मनुष्य को देखो, जिसने सब कुछ जो मैं ने किया मुझे बता दिया: कहीं यही तो मसीह नहीं है?

 

एक साल में बाइबल: 

  • 2 राजाओं 19-21
  • यूहन्ना 4:1-30

गुरुवार, 13 मई 2021

लालसा

 

          पुर्तगाली भाषा में फेरनानडो पेस्सोआ की कविता, “ओडे मारीटीमा” में एक पंक्ति है, “आह, हर घाट, पत्थर में एक लालसा है।” कवि उन भावनाओं के बारे में कह रहा था जो जहाज़ के घाट से विदा होने पर उठती हैं। वह जहाज़ चला जाता है, किन्तु घाट के पत्थर वहीं रह जाते हैं, उन आशाओं, सपनों, बिछड़ने, और लालसाओं की स्मृतियों के रूप में, जो जहाज़ और उसमें विदा हुए प्रिय जनों के जाने से पीछे रह जाती हैं। हम उसके लिए लालसा करते और दुखी होते हैं जो अब साथ नहीं है, और न ही जिस तक हम अब पहुँच सकते हैं।

          जिस पुर्तगाली भाषा के शब्द का अनुवाद “लालसा” किया गया है, वह बिछड़ने के उस गहरे दुःख को प्रकट करता है, जिसका वर्णन नहीं किया जा सकता है। कवि अवर्णनीय का वर्णन करने का प्रयास कर रहा है।

          परमेश्वर के वचन बाइबल में मूसा के जीवन के लिए हम कह सकते हैं कि नबो पहाड़ मूसा के लिए “पत्थर में लालसा” था। नबो पहाड़ पर से, देहांत से ठीक पहले, परमेश्वर ने उसे उस वाचा किए हुए देश को दिखाया – उस देश को जिसमें वह अपने देह में प्रवेश नहीं कर सकता था। परमेश्वर ने मूसा से कहा था,मैं ने इस को तुझे साक्षात दिखला दिया है, परन्तु तू पार हो कर वहां जाने न पाएगा” (पद 4); हो सकता है कि परमेश्वर के बात हमें कुछ अधिक कठोर प्रतीत हो। अगर यही हमारा दृष्टिकोण है तो हम उसे नहीं समझ पा रहे हैं जो परमेश्वर मूसा से कह रहा था। परमेश्वर मूसा को दिलासा दे रहा था,जिस देश के विषय में मैं ने इब्राहीम, इसहाक, और याकूब से शपथ खाकर कहा था, कि मैं इसे तेरे वंश को दूंगा वह यही है” (पद 4)। शीघ्र ही मूसा नबो से कूच करके, कनान से भी उत्तम स्थान में, परमेश्वर के पास जाने वाला था (पद 5)।

          हम अकसर जीवन के किसी घाट पर खड़े होते हैं। प्रिय जन चले जाते हैं; आशा धूमिल हो जाती है; सपने समाप्त हो जाते हैं; बस उन से संबंधित लालसाएँ रह जाती हैं। लेकिन हम मसीही विश्वासियों के लिए यही अन्त नहीं है। हमारी लालसाएँ हमें परमेश्वर की ओर इंगित करती हैं; वह ही हमारी वो परिपूर्णता है जिसकी हम लालसा रखते हैं। - टिम गुस्ताफसन

 

मेरे जीवन की सबसे मधुर बात मेरी लालसा रही है – पहाड़ पर पहुँचूं, 

उस को प्राप्त करूँ जिससे समस्त सुन्दरता आती है – सी. एस. ल्युईस


मुझे तो निश्चय है, कि मेरा छुड़ाने वाला जीवित है, और वह अन्त में पृथ्वी पर खड़ा होगा। और अपनी खाल के इस प्रकार नाश हो जाने के बाद भी, मैं शरीर में हो कर ईश्वर का दर्शन पाऊंगा। - अय्यूब 19:25-26

बाइबल पाठ: व्यवस्थाविवरण 34:1-5

व्यवस्थाविवरण 34:1 फिर मूसा मोआब के अराबा से नबो पहाड़ पर, जो पिसगा की एक चोटी और यरीहो के सामने है, चढ़ गया; और यहोवा ने उसको दान तक का गिलाद नाम सारा देश,

व्यवस्थाविवरण 34:2 और नप्ताली का सारा देश, और एप्रैम और मनश्शे का देश, और पच्छिम के समुद्र तक का यहूदा का सारा देश,

व्यवस्थाविवरण 34:3 और दक्खिन देश, और सोअर तक की यरीहो नाम खजूर वाले नगर की तराई, यह सब दिखाया।

व्यवस्थाविवरण 34:4 तब यहोवा ने उस से कहा, जिस देश के विषय में मैं ने इब्राहीम, इसहाक, और याकूब से शपथ खाकर कहा था, कि मैं इसे तेरे वंश को दूंगा वह यही है। मैं ने इस को तुझे साक्षात दिखला दिया है, परन्तु तू पार हो कर वहां जाने न पाएगा।

व्यवस्थाविवरण 34:5 तब यहोवा के कहने के अनुसार उसका दास मूसा वहीं मोआब देश में मर गया

 

एक साल में बाइबल: 

  • 2 राजाओं 17-18
  • यूहन्ना 3:19-36

बुधवार, 12 मई 2021

प्रेम

 

          उन्नीस वर्ष की होने के तुरंत बाद, मैं अपनी माँ और घर से सात सौ मील दूर के एक स्थान पर जा कर काम करने और रहने लगी थी। यह तब की बात है जब न तो पेजर और न ही सेल-फोन थे; मैं प्रतिदिन माँ से साधारण लैंड-लाइन फोन के द्वारा बात किया करती थी। एक प्रातः, मुझे कुछ काम करने के लिए घर से सामान्य से जल्दी जाना पड़ा, और नियोजित समय पर मैं माँ से बात नहीं कर सकी। उस संध्या, मेरे घर पर दो पुलिसकर्मी मेरा हाल-चाल पूछने के लिए आ गए। माँ मेरे कुशल के लिए दिन भर चिंतित बनी रही थी; और बार बार मुझे फोन करती किन्तु हर बार उसे मेरे फोन के व्यस्त होने की ध्वनि ही सुनने को मिलती। अन्ततः माँ ने स्थानीय पुलिस सेवा की सहायता ली, और उन्हें बलपूर्वक कहा की वे जाकर देखें कि मैं ठीक हूँ कि नहीं। मेरे कुशल को पता करने के बाद, जाते हुए एक पुलिसकर्मी ने मुझ से कहा, “यह बहुत बड़ी आशीष है कि प्रेम तुम्हें ढूँढने से रुका नहीं।”

          उनके जाने के बाद जब माँ को फोन करने के लिए मैं फोन पर पहुँची, तो मुझे कारण का पता चला; गलती से मैंने फोन के हैंडल को ठीक से नहीं रखा था, और इस कारण वह व्यस्त होने की ध्वनि दे रहा था। मैंने माँ से बात की, उनसे क्षमा माँगी; और उन्होंने मेरे हाल-चाल जानने, मुझे सुरक्षित पाने के पश्चात कहा कि अब उन्हें यह भला समाचार शेष सभी परिवार जनों को भी बताना है – क्योंकि उन्होंने सबसे कह दिया था कि मुझे कुछ हो गया है, मैं कहीं गायब हो गई हूँ! फोन बन्द कर के रखते समय मैं सोचने लगी, कि क्या माँ की यह प्रतिक्रिया आवश्यकता से कुछ अधिक नहीं थी? किन्तु फिर भी इस एहसास ने कि मुझ से इतना प्रेम किया जाता है, एक अच्छी सी अनुभूति दी।

          परमेश्वर के वचन बाइबल में परमेश्वर का बहुत सुन्दर चित्रण किया गया है – परमेश्वर प्रेम है; निरंतर प्रेम करता है, और अपने भटकने वाले बच्चों को अपने पास बुलाने और साथ रखने के निरंतर प्रयास करता रहता है। एक अच्छे चरवाहे के समान, वह अपनी प्रत्येक खोई हुई भेड़ की चिंता करता है, और उसे खोज कर निकाल कर ले कर आता है। इस प्रकार वह दिखता है कि हम उसके लिए कितने अमूल्य हैं, और वह एक को भी अपने से अलग नहीं होने दे सकता है (लूका 15:1-7)।

          परमेश्वर जो प्रेम है, अपने इस प्रेम के अंतर्गत हमेशा हम पर अपनी दृष्टि बनाए रखता है। यदि हम उससे दूर कहीं भटक जाएँ, तो जब तक हम लौट कर उसके पास वापस आ नहीं जाते हैं, वह हमें खोजता और पुकारता ही रहता है। उसके इस अद्भुत प्रेम के बारे में हमें औरों को भी बताना है, जिससे वो भी उसके इस प्रेम का अनुभव करें, और उसके साथ अनन्त आशीष के संबंध में जुड़ जाएँ। - सोहचील डिक्सन

 

प्रभु परमेश्वर, आपके इस अद्भुत प्रेम, देखभाल, और सुरक्षा के लिए बहुत धन्यवाद।


देखो पिता ने हम से कैसा प्रेम किया है, कि हम परमेश्वर की सन्तान कहलाएं, और हम हैं भी: इस कारण संसार हमें नहीं जानता, क्योंकि उसने उसे भी नहीं जाना। - 1 यूहन्ना 3:1

बाइबल पाठ: लूका 15:1-7

लूका 15:1 सब चुंगी लेने वाले और पापी उसके पास आया करते थे ताकि उस की सुनें।

लूका 15:2 और फरीसी और शास्त्री कुड़कुड़ा कर कहने लगे, कि यह तो पापियों से मिलता है और उन के साथ खाता भी है।

लूका 15:3 तब उसने उन से यह दृष्टान्त कहा।

लूका 15:4 तुम में से कौन है जिस की सौ भेड़ें हों, और उन में से एक खो जाए तो निन्यानवे को जंगल में छोड़कर, उस खोई हुई को जब तक मिल न जाए खोजता न रहे?

लूका 15:5 और जब मिल जाती है, तब वह बड़े आनन्द से उसे कांधे पर उठा लेता है।

लूका 15:6 और घर में आकर मित्रों और पड़ोसियों को इकट्ठे कर के कहता है, मेरे साथ आनन्द करो, क्योंकि मेरी खोई हुई भेड़ मिल गई है।

लूका 15:7 मैं तुम से कहता हूं; कि इसी रीति से एक मन फिराने वाले पापी के विषय में भी स्वर्ग में इतना ही आनन्द होगा, जितना कि निन्यानवे ऐसे धर्मियों के विषय नहीं होता, जिन्हें मन फिराने की आवश्यकता नहीं।

 

एक साल में बाइबल: 

  • 2 राजाओं 15-16
  • यूहन्ना 3:1-18

मंगलवार, 11 मई 2021

सही समय

 

          मेरे स्नातक होने से पूर्व के अध्ययन और स्नातक होने के अध्ययन के मध्य के गर्मी के अवकाश के समय में मेरी चिंता दिन-प्रति-दिन बढ़ती जा रही थी। मेरी प्रवृत्ति है कि सब कुछ पहले से नियोजित कर के, उसे योजनाबद्ध रीति से किया जाए। और अब अपने राज्य के बाहर जाकर अध्ययन को आगे बढ़ाना, और खर्चे के लिए हाथ में कोई नौकरी न होना, मुझे परेशान कर रहा था। लेकिन उस गर्मियों के अवकाश के समय जो कार्य मैं कर रही थी, उसे पूरा करने से कुछ ही दिन पहले, मुझे कम्पनी की ओर से कहा गया कि मैं उस कार्य को ज़ारी रख सकती हूँ, उसे इंटरनेट के माध्यम से करती रह सकती हूँ। मैंने उनके इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया, और मुझे इससे यह शान्ति भी मिली कि परमेश्वर मेरी देखभाल कर रहा है।

          परमेश्वर ने मेरे लिए उपलब्ध करवाया, लेकिन अपने समय के अनुसार, न कि मेरे समय और मेरी इच्छा के अनुसार। परमेश्वर के वचन बाइबल में अब्राहम ने इससे भी कहीं अधिक कठिन परिस्थिति का सामना किया था, अपने पुत्र इसहाक को लेकर। परमेश्वर ने अब्राहम से कहा कि अपने बेटे इसहाक को लेकर मोरिय्याह पहाड़ पर जाए, और वहाँ पर उसे बलिदान कर दे (उत्पत्ति 22:1-2)। अब्राहम ने बिना किसी संकोच के परमेश्वर की बात को स्वीकार कर लिया, और इसहाक को लेकर वहाँ चला गया। उसे वहाँ पहुँचने के लिए तीन दिन की यात्रा करनी पड़ी, जिसके दौरान उसके पास सारी परिस्थिति पर फिर से विचार करने और अपना निर्णय बदलने का पर्याप्त समय था, परन्तु उसने ऐसा नहीं किया (पद 3-4)।

          जब इसहाक में बलि के लिए पशु के बारे में प्रश्न किया तो अब्राहम ने उत्तर दिया “हे मेरे पुत्र, परमेश्वर होमबलि की भेड़ का उपाय आप ही करेगा” (पद 8)। मैं सोचती हूँ कि हर कदम पर क्या अब्राहम की चिंता भी बढ़ती गई होगी? क्या इसहाक को बांधकर लकड़ियों पर लेटाने, उसे मारने के लिए चाकू को हाथ में ऊपर उठाने – क्या हर गाँठ को बाँधने, चाकू को उठाते जाने – सभी के साथ उसकी चिंता बढ़ती गई होगी (पद 9-10)? उसे कितनी राहत मिली होगी जब स्वर्गदूत ने उसे रोका (पद 11-12)। परमेश्वर ने बलिदान के लिए भेड़ का भी प्रयोजन करके दिया – झाड़ियों में फँसा हुआ एक मेढ़ा प्रदान किया (पद 13)।

          परमेश्वर ने अब्राहम के विश्वास की परीक्षा की, और वह परीक्षा में खरा निकला। बिलकुल सही समय पर, परमेश्वर ने उपलब्ध भी करवा कर दिया। हमारा प्रभु परमेश्वर हमारी प्रत्येक आवश्यकता को जानता है, और उसे पता वह सही समय पता है जब उसे पूरा करना है। - जूली श्वाब

 

प्रभु आपके प्रयोजनों के लिए धन्यवाद; आप सही समय पर उपलब्ध करवाते हैं।


इसलिये परमेश्वर के बलवन्‍त हाथ के नीचे दीनता से रहो, जिस से वह तुम्हें उचित समय पर बढ़ाए। - 1 पतरस 5:6

बाइबल पाठ: उत्पत्ति 22:1-14

उत्पत्ति 22:1 इन बातों के पश्चात ऐसा हुआ कि परमेश्वर ने, अब्राहम से यह कहकर उसकी परीक्षा की, कि हे अब्राहम: उसने कहा, देख, मैं यहां हूं।

उत्पत्ति 22:2 उसने कहा, अपने पुत्र को अर्थात अपने एकलौते पुत्र इसहाक को, जिस से तू प्रेम रखता है, संग ले कर मोरिय्याह देश में चला जा, और वहां उसको एक पहाड़ के ऊपर जो मैं तुझे बताऊंगा होमबलि कर के चढ़ा।

उत्पत्ति 22:3 सो अब्राहम बिहान को तड़के उठा और अपने गदहे पर काठी कसकर अपने दो सेवक, और अपने पुत्र इसहाक को संग लिया, और होमबलि के लिये लकड़ी चीर ली; तब कूच कर के उस स्थान की ओर चला, जिसकी चर्चा परमेश्वर ने उस से की थी।

उत्पत्ति 22:4 तीसरे दिन अब्राहम ने आंखें उठा कर उस स्थान को दूर से देखा।

उत्पत्ति 22:5 और उसने अपने सेवकों से कहा गदहे के पास यहीं ठहरे रहो; यह लड़का और मैं वहां तक जा कर, और दण्डवत कर के, फिर तुम्हारे पास लौट आऊंगा।

उत्पत्ति 22:6 सो अब्राहम ने होमबलि की लकड़ी ले अपने पुत्र इसहाक पर लादी, और आग और छुरी को अपने हाथ में लिया; और वे दोनों एक साथ चल पड़े।

उत्पत्ति 22:7 इसहाक ने अपने पिता अब्राहम से कहा, हे मेरे पिता; उसने कहा, हे मेरे पुत्र, क्या बात है उसने कहा, देख, आग और लकड़ी तो हैं; पर होमबलि के लिये भेड़ कहां है?

उत्पत्ति 22:8 अब्राहम ने कहा, हे मेरे पुत्र, परमेश्वर होमबलि की भेड़ का उपाय आप ही करेगा।

उत्पत्ति 22:9 सो वे दोनों संग संग आगे चलते गए। और वे उस स्थान को जिसे परमेश्वर ने उसको बताया था पहुंचे; तब अब्राहम ने वहां वेदी बनाकर लकड़ी को चुन चुनकर रखा, और अपने पुत्र इसहाक को बान्ध के वेदी पर की लकड़ी के ऊपर रख दिया।

उत्पत्ति 22:10 और अब्राहम ने हाथ बढ़ाकर छुरी को ले लिया कि अपने पुत्र को बलि करे।

उत्पत्ति 22:11 तब यहोवा के दूत ने स्वर्ग से उसको पुकार के कहा, हे अब्राहम, हे अब्राहम; उसने कहा, देख, मैं यहां हूं।

उत्पत्ति 22:12 उसने कहा, उस लड़के पर हाथ मत बढ़ा, और न उस से कुछ कर: क्योंकि तू ने जो मुझ से अपने पुत्र, वरन अपने एकलौते पुत्र को भी, नहीं रख छोड़ा; इस से मैं अब जान गया कि तू परमेश्वर का भय मानता है।

उत्पत्ति 22:13 तब अब्राहम ने आँखें उठाई, और क्या देखा, कि उसके पीछे एक मेढ़ा अपने सींगो से एक झाड़ी में फँसा हुआ है: सो अब्राहम ने जा कर उस मेंढ़े को लिया, और अपने पुत्र के स्थान पर होमबलि कर के चढ़ाया।

उत्पत्ति 22:14 और अब्राहम ने उस स्थान का नाम यहोवा यिरे रखा: इसके अनुसार आज तक भी कहा जाता है, कि यहोवा के पहाड़ पर उपाय किया जाएगा।

 

एक साल में बाइबल: 

  • 2 राजाओं 13-14
  • यूहन्ना 2

सोमवार, 10 मई 2021

मित्र

 

          उसके पति के देहांत के बाद से बेट्सी अपने अधिकांश दिन अपने घर में अकेले ही बिताती है, टेलीविज़न देखने में या अपने लिए चाय बनाने में अपना समय बिताती है। इस एकाकीपन में वह अकेली नहीं है। अनुमान है कि ब्रिटेन की आबादी के लगभग पंद्रह प्रतिशत से अधिक लोग यह कहते हैं कि वे अपने को अधिकांशतः या हमेशा अकेला अनुभव करते हैं। इस कारण ब्रिटेन की सरकार ने इस अकेलेपन के कारण और उनका निवारण ढूँढने के लिए एक मंत्री को भी नियुक्त किया है।

          अकेलेपन के कुछ कारण तो सबको पता हैं: हम एक से दूसरे स्थान घर बदलते रहते हैं, और कहीं जड़ें नहीं जमाने पाते हैं। कुछ लोगों को लगता है कि वे अपनी देखभाल स्वयं कर सकते हैं, और उन्हें किसी की ओर हाथ बढ़ाने की कोई आवश्यकता अनुभव नहीं होती है। बहुतेरों को आधुनिक तकनीकी और उपकरणों ने वश में कर रखा है, और वे अपने फोन या कंप्यूटर या टी.वी. को ही देखते रहते हैं। सभी के पास अपने अकेलेपन के अपने ही कारण हैं।

          मुझे इस अकेलेपन के अन्धकार का खतरा अनुभव होता है, और हो सकता है कि आपको भी होता हो। इसीलिए हमें मित्रों की आवश्यकता है; हम मसीही विश्वासियों को अन्य मसीही विश्वासियों की संगति और मित्रता आवश्यक है। परमेश्वर के वचन बाइबल में इब्रानियों की पत्री में, प्रभु यीशु के बलिदान की चर्चा का समापन हमें एक दूसरे के साथ मिलते रहने और निरंतर संगति रखने के निर्देश के साथ होता है (10:25)। हम सभी मसीही विश्वासी परमेश्वर के परिवार का अंग हैं, इसलिए हमें भाई-बहनों के समान परस्पर प्रेम दिखाना चाहिए और अजनबियों के प्रति अतिथि-सत्कार की भावना रखनी चाहिए (13:1-2)। यदि हम सभी प्रयास करें, तो हम सभी को एक-दूसरे की देखभाल और संगति के आनन्द का अनुभव भी होगा।

          हो सकता है कि अकेले रहने वाले लोग हमारी इस कृपा का प्रत्युत्तर न देने पाएँ, परन्तु कृपा न करने का यह कोई कारण नहीं है। हमारे प्रभु यीशु ने हमसे वायदा किया है कि वह हमें कभी नहीं छोड़ेगा या त्यागेगा (13:5), इसलिए हमें भी यही तत्परता औरों के साथ दिखानी चाहिए। जैसे वह हर समय, हर बात के लिए, हर परिस्थिति में, हमारा मित्र बनकर हमारे साथ बना रहता है, वैसे ही हम भी औरों के मित्र बनें, उनके साथ निरंतर संगति बनाए रखें। यदि आप स्वयं अकेले हैं, तो भी परमेश्वर के परिवार के अन्य सदस्यों के साथ संपर्क और संगति बनाए रखने, उनके सहायक बनने के तरीके ढूँढें। मसीह यीशु को अपना मित्र बना लें; उसकी मित्रता और आशीषें न केवल इस जीवन में, वरन परलोक में भी सदा साथ रहती हैं। - माइक व्हिटमर

 

अकेलेपन का समाधान परमेश्वर के परिवार का सक्रिय सदस्य होना है।


और एक दूसरे के साथ इकट्ठा होना ने छोड़ें, जैसे कि कितनों की रीति है, पर एक दूसरे को समझाते रहें; और ज्यों ज्यों उस दिन को निकट आते देखो, त्यों त्यों और भी अधिक यह किया करो। - इब्रानियों 10:25

बाइबल पाठ: इब्रानियों 13:1-8

इब्रानियों 13:1 भाईचारे की प्रीति बनी रहे।

इब्रानियों 13:2 पहुनाई करना न भूलना, क्योंकि इस के द्वारा कितनों ने अनजाने स्‍वर्गदूतों की पहुनाई की है।

इब्रानियों 13:3 कैदियों की ऐसी सुधि लो, कि मानो उन के साथ तुम भी कैद हो; और जिन के साथ बुरा बर्ताव किया जाता है, उन की भी यह समझकर सुधि लिया करो, कि हमारी भी देह है।

इब्रानियों 13:4 विवाह सब में आदर की बात समझी जाए, और बिछौना निष्कलंक रहे; क्योंकि परमेश्वर व्यभिचारियों, और परस्त्रीगामियों का न्याय करेगा।

इब्रानियों 13:5 तुम्हारा स्वभाव लोभरहित हो, और जो तुम्हारे पास है, उसी पर संतोष किया करो; क्योंकि उसने आप ही कहा है, कि मैं तुझे कभी न छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा।

इब्रानियों 13:6 इसलिये हम बेधड़क हो कर कहते हैं, कि प्रभु, मेरा सहायक है; मैं न डरूंगा; मनुष्य मेरा क्या कर सकता है।

इब्रानियों 13:7 जो तुम्हारे अगुवे थे, और जिन्होंने तुम्हें परमेश्वर का वचन सुनाया है, उन्हें स्मरण रखो; और ध्यान से उन के चाल-चलन का अन्त देखकर उन के विश्वास का अनुकरण करो।

इब्रानियों 13:8 यीशु मसीह कल और आज और युगानुयुग एक सा है।

 

एक साल में बाइबल: 

  • 2 राजाओं 10-12
  • यूहन्ना 1:29-51

रविवार, 9 मई 2021

सहायक

 

          हम दर्शकों के स्थान में बैठे हुए हमारी बेटी के बास्केटबाल खेल को देख रहे थे; खेल के दौरान उनके प्रशिक्षक ने एक शब्द कहा “डबल्स” (दो एक साथ)। यह सुनते ही तुरंत ही उनकी टीम की सुरक्षा रणनीति परिवर्तित हो गई, और उनके प्रतिरोधियों की सबसे लम्बे खिलाड़ी, जिसके पास गेंद थी, का सामना करने के लिए एक के स्थान पर अब दो खिलाड़ी आ गए। उन दोनों के आ जाने से वह प्रतिरोधी खिलाड़ी बॉल को सही दिशा में फेंक कर अंक नहीं बनाने पाई, और बॉल हमारी बेटी की टीम के हाथों में आ गई।

          परमेश्वर के वचन बाइबल में जब सभोपदेशक का लेखक सुलैमान, इस संसार की कठिनाइयों और हताशाओं का सामना करता है, तब वह भी इस बात को मान लेता है कि परिश्रम के समय यदि कोई सहायक साथ हो तो परिश्रम से अच्छा परिणाम मिलता है (4:9)। जब कोई अकेला ही परिस्थितियों का सामना कर रहा होता है तो उसके पराजित होने की संभावना अधिक होती है; किन्तु यदि दो एक साथ हों तो वे अपने आप को बचा सकते हैं (पद 12)। यदि कोई मित्र हमारे साथ हो, तो वह हमें गिरने से बचा सकता है (पद 10)।

          सुलैमान के शब्द हमें प्रोत्साहित करते हैं कि अपनी जीवन यात्रा में किसी के मित्र, किसी के सहायक बनें; या किसी को अपनी सहायता के लिए साथ लिए चलें, जिससे हमें अकेले ही समस्याओं से जूझना न पड़े। किन्तु यह करने के लिए हम में से कुछ को अपने आप को इस प्रकार से खुला और उपलब्ध करवाना होगा, जैसा औरों के साथ होने से हम संकोच करते हैं और इस कारण अपने ही अंदर सीमित रहते हैं। लेकिन हम में से कुछ ऐसे भी हैं जो अपने साथ घनिष्ठता चाहते हैं, उन्हें लालसा रहते है कि लोग उनके संपर्क में आएँ और संगति करें, जिन से फिर वो अपने मन की बातों को बाँट सकें। कारण चाहे कुछ भी हो, हमें सहायता देने और सहायता लेने से संकोच नहीं करना चाहिए।

          उस बास्केटबॉल प्रशिक्षक की रणनीति वही थी जो सुलैमान की थी – अपने साथ सहायक ले लेना, जिससे चाहे खेल का स्थान हो या जीवन का मैदान हो, हमारे साथ हमें संभालने के लिए एक सहायक हो। हम अपने प्रभु परमेश्वर के धन्यवादी बने रहें कि वह हमारे जीवनों में सहायक खड़े करता है, और स्वयं भी हमारा सहायक बनकर हमारे साथ रहता है, तथा उसने हमारे सहायक के रूप में पवित्र आत्मा को हम मसीही विश्वासियों में बसाया है। - कर्स्टन होल्मबर्ग

 

प्रभु परमेश्वर जीवन के संघर्षों में आप हमारे सहायक बनें और हमें औरों के सहायक बनाएँ।


और मैं पिता से बिनती करूंगा, और वह तुम्हें एक और सहायक देगा, कि वह सर्वदा तुम्हारे साथ रहे। अर्थात सत्य का आत्मा, जिसे संसार ग्रहण नहीं कर सकता, क्योंकि वह न उसे देखता है और न उसे जानता है: तुम उसे जानते हो, क्योंकि वह तुम्हारे साथ रहता है, और वह तुम में होगा। - यूहन्ना 14:16-17

बाइबल पाठ: सभोपदेशक 4:1-12

सभोपदेशक 4:1 तब मैं ने वह सब अन्धेर देखा जो संसार में होता है। और क्या देखा, कि अन्धेर सहने वालों के आंसू बह रहे हैं, और उन को कोई शान्ति देने वाला नहीं! अन्धेर करने वालों के हाथ में शक्ति थी, परन्तु उन को कोई शान्ति देने वाला नहीं था।

सभोपदेशक 4:2 इसलिये मैं ने मरे हुओं को जो मर चुके हैं, उन जीवतों से जो अब तक जीवित हैं अधिक सराहा;

सभोपदेशक 4:3 वरन उन दोनों से अधिक सुभागी वह है जो अब तक हुआ ही नहीं, न ये बुरे काम देखे जो संसार में होते हैं।

सभोपदेशक 4:4 तब मैंने सब परिश्रम के काम और सब सफल कामों को देखा जो लोग अपने पड़ोसी से जलन के कारण करते हैं। यह भी व्यर्थ और मन का कुढ़ना है।

सभोपदेशक 4:5 मूर्ख छाती पर हाथ रखे रहता और अपना मांस खाता है।

सभोपदेशक 4:6 चैन के साथ एक मुट्ठी उन दो मुट्ठियों से अच्छा है, जिनके साथ परिश्रम और मन का कुढ़ना हो।

सभोपदेशक 4:7 फिर मैं ने धरती पर यह भी व्यर्थ बात देखी।

सभोपदेशक 4:8 कोई अकेला रहता और उसका कोई नहीं है; न उसके बेटा है, न भाई है, तौभी उसके परिश्रम का अन्त नहीं होता; न उसकी आंखें धन से सन्तुष्ट होती हैं, और न वह कहता है, मैं किस के लिये परिश्रम करता और अपने जीवन को सुख रहित रखता हूं? यह भी व्यर्थ और निरा दु:ख भरा काम है।

सभोपदेशक 4:9 एक से दो अच्छे हैं, क्योंकि उनके परिश्रम का अच्छा फल मिलता है।

सभोपदेशक 4:10 क्योंकि यदि उन में से एक गिरे, तो दूसरा उसको उठाएगा; परन्तु हाय उस पर जो अकेला हो कर गिरे और उसका कोई उठाने वाला न हो।

सभोपदेशक 4:11 फिर यदि दो जन एक संग सोए तो वे गर्म रहेंगे, परन्तु कोई अकेला क्योंकर गर्म हो सकता है?

सभोपदेशक 4:12 यदि कोई अकेले पर प्रबल हो तो हो, परन्तु दो उसका सामना कर सकेंगे। जो डोरी तीन तागे से बटी हो वह जल्दी नहीं टूटती।

 

एक साल में बाइबल: 

  • 2 राजाओं 7-9
  • यूहन्ना 1:1-28