सोमवार, 23 अप्रैल 2012

स्तुति की सामर्थ्य

   स्तुति में बहुत सामर्थ्य है। जब भी स्कॉटिश पास्टर रौबर्ट मर्रे मैक्शेय्न परमेश्वर और परमेश्वर से संबंधित बातों के प्रति अपने मन को ठंडा पाते थे तो तब तक स्तुति के गीत गाते रहते थे जब तक वे अपनी आत्मा में फिर से ताज़गी अनुभव नहीं करने लगते थे। उनके घर के लोग उनके प्रातः उठने के समय को जान जाते थे क्योंकि वे अपने दिन का आरंभ स्तुति के भजन से करते थे।

   एक दिन, अपने मन को प्रचार के सन्देश के लिए तैयार करते समय उन्होंने अपनी डायरी में लिखा, "क्या मेरे मन की यह कामना है कि मैं पूर्ण्तः पवित्र बनूँ?...प्रभु, आप सब बातों को जानते हैं... मैं अपने अन्दर इतना ठंडापन और हताशा अनुभव कर रहा हूँ कि अपनी इस दशा के लिए दुखी भी नहीं हो सकता। शाम होते होते मेरे अन्दर गर्मजोशी आ गई और मेरे मन को शांति मिल गई, सब स्तुति के भजन गाने और प्रार्थना के द्वारा।"

   क्या आप भी अपने आप को निराशा की गहराईयों में पड़ा अनुभव कर रहे हैं? प्रभु की स्तुति में गीत गाईए। भजनकार ने लिखा, "मैं यहोवा की सारी करूणा के विषय सदा गाता रहूंगा, मैं तेरी सच्चाई पीढ़ी पीढ़ी तक जताता रहूंगा" (भजन ८९:१)। जब हम भी ऐसा ही करेंगे तो स्तुति ना केवल हमारे होठों से वरन हमारे हृदय से भी प्रवाहित होने लग जाएगी। परमेश्वर "हर्ष का तेल, और यश का ओढ़ना" (यशायाह ६१:३) देने में आनन्दित होता है।

   हाँ, परमेश्वर की स्तुति करना भला है, स्तुति में सामर्थ्य है। - पौल वैन गोर्डर


यदि आप अपने ऊपर उदासी की चादर पाते हैं तो उसके स्थान पर स्तुति के वस्त्र पहन कर देखें।
प्रभु यहोवा का आत्मा मुझ पर है; क्योंकि यहोवा ने सुसमाचार सुनाने के लिये मेरा अभिषेक किया और मुझे इसलिये भेजा है कि खेदित मन के लोगों को शान्ति दूं; कि बंधुओं के लिये स्वतंत्रता का और कैदियों के लिये छुटकारे का प्रचार करूं; - यशायाह ६१:१
बाइबल पाठ: यशायाह ६१:१-३
Isa 61:1  प्रभु यहोवा का आत्मा मुझ पर है; क्योंकि यहोवा ने सुसमाचार सुनाने के लिये मेरा अभिषेक किया और मुझे इसलिये भेजा है कि खेदित मन के लोगों को शान्ति दूं; कि बंधुओं के लिये स्वतंत्रता का और कैदियों के लिये छुटकारे का प्रचार करूं;
Isa 61:2  कि यहोवा के प्रसन्न रहने के वर्ष का और हमारे परमेश्वर के पलटा लेने के दिन का प्रचार करूं, कि सब विलाप करनेवालों को शान्ति दूं;
Isa 61:3  और सिय्योन के विलाप करने वालों के सिर पर की राख दूर कर के सुन्दर पगड़ी बान्ध दूं, कि उनका विलाप दूर करके हर्ष का तेल लगाऊं और उनकी उदासी हटाकर यश का ओढ़ना ओढ़ाऊं; जिस से वे धर्म के बांजवृक्ष और यहोवा के लगाए हुए कहलाएं और जिस से उसकी महिमा प्रगट हो।
एक साल में बाइबल: 
  • २ शमूएल १२-१३ 
  • लूका १६

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