शुक्रवार, 10 मई 2013

आओ और देखो


   बड़े बड़े स्टोर्स और दुकानों में ग्राहकों की सहायता के लिए कर्मचारी तैनात रहते हैं। जब कोई ग्राहक उनसे किसी वस्तु के बारे में पूछता है कि वह कहाँ रखी है तो वे केवल मौखिक निर्देश नहीं देते, वरन ग्राहक के साथ चलकर जाते हैं और दिखाते हैं कि वह वस्तु कहाँ पर रखी है। साथ चलकर जाना उस ग्राहक के प्रति आदर का चिन्ह है। दुकान अथवा स्टोर में ग्राहक को आदर देना और उसके साथ नम्रता से सहायतापूर्ण व्यवहार करना ग्राहक को वहाँ पुनः आने के लिए प्रभावित करता है तथा दुकान की लोकप्रीयता को बढ़ाता है। 

   साधारण शिष्टाचार की यही बात प्रभु यीशु के बारे में जानने में रुचि रखने वालों की सहायता करने और उन्हें मसीह यीशु के निकट लाने में भी बहुत सहायक है। स्वयं प्रभु यीशु ने इसे कर के दिखाया। यूहन्ना रचित सुसमाचार के पहले अध्याय में ही जब यूहन्ना बप्तिसमा देने वाले के दो जिज्ञासु शिष्यों ने प्रभु यीशु से पुछा कि वह कहाँ रहता है तो प्रभु ने उन्हें साथ आकर देखने का निमंत्रण दिया: "...चलो, तो देख लोगे" (यूहन्ना 1:38)। उन चेलों ने वह दिन प्रभु यीशु के साथ बिताया, फिर उनमें से एक अर्थात अन्द्रियास ने जाकर अपने भाई शमौन पतरस को यह बात बताई और उसे प्रभु यीशु के पास ले आया (पद 41-42)। अगले दिन प्रभु यीशु ने एक और व्यक्ति, फिलेप्पुस को अपने पीछे हो लेने का निमंत्रण दिया, और फिर फिलेप्पुस ने जाकर नतनएल को प्रभु यीशु के बारे में बताया। जब नतनएल को शंका हुई तो फिलेप्पुस ने उससे वही बात कही, "...चलकर देख ले" (यूहन्ना 1:46)।

   प्रभु यीशु के लिए साक्षी देना या उसके बारे में बताना, सुनने वाले व्यक्ति के साथ हमारा प्रथम और अन्तिम एकमात्र संपर्क भी हो सकता है; या यह प्रभु यीशु के बारे में किसी जिज्ञासु व्यक्ति या किसी परेशान और हताश व्यक्ति के साथ चलकर उसकी सहायता करना या उसकी जिज्ञासा को शांत करने की एक यात्रा भी हो सकती है। चाहे एकमात्र संपर्क हो या साथ चलने की यात्रा, उनके प्रति हमारी वास्तविक रुचि, उनके लिए हमारी प्रार्थनाएं उनके साथ हमारी सहृदयता, यह सब दिखाता है कि हम उनसे कह रहे हैं, "आओ और देखो; मैं आपको अपने साथ लिए चलता हूँ और प्रभु यीशु से आपकी भेंट करवाता हूँ।"

   सारे संसार के सभी लोगों के लिए प्रभु यीशु का खुला निमंत्रण है - आओ और देखो; जिससे वे स्वयं अपने व्यक्तिगत अनुभव से जान सकें कि प्रभु यीशु की वास्तविकता क्या है। प्रभु यीशु के इस खुले निमंत्रण के यथार्थ के सबसे महत्वपूर्ण प्रमाण हैं हम मसीही विश्वासी और संसार के लोगों के प्रति हमारा व्यवहार। क्या आज आपके जीवन और व्यवहार से लोग प्रभु यीशु के इस निमंत्रण को भांप कर स्वीकार करने पाते हैं? - डेविड मैक्कैसलैंड


लोगों को प्रभु यीशु के निकट लाने के लिए प्रचार की बजाय दयालुता तथा सहृदयता का व्यवहार अधिक प्रभावी होता है।

यीशु ने फिरकर और उन को पीछे आते देखकर उन से कहा, तुम किस की खोज में हो? उन्होंने उस से कहा, हे रब्बी, अर्थात (हे गुरू) तू कहां रहता है? उसने उन से कहा, चलो, तो देख लोगे। - यूहन्ना 1:38

बाइबल पाठ: यूहन्ना 1:35-46
John 1:35 दूसरे दिन फिर यूहन्ना और उसके चेलों में से दो जन खड़े हुए थे।
John 1:36 और उसने यीशु पर जो जा रहा था दृष्टि कर के कहा, देखो, यह परमेश्वर का मेम्ना है।
John 1:37 तब वे दोनों चेले उस की यह सुनकर यीशु के पीछे हो लिए।
John 1:38 यीशु ने फिरकर और उन को पीछे आते देखकर उन से कहा, तुम किस की खोज में हो? उन्होंने उस से कहा, हे रब्बी, अर्थात (हे गुरू) तू कहां रहता है? उसने उन से कहा, चलो, तो देख लोगे।
John 1:39 तब उन्होंने आकर उसके रहने का स्थान देखा, और उस दिन उसी के साथ रहे; और यह दसवें घंटे के लगभग था।
John 1:40 उन दोनों में से जो यूहन्ना की बात सुनकर यीशु के पीछे हो लिये थे, एक तो शमौन पतरस का भाई अन्द्रियास था।
John 1:41 उसने पहिले अपने सगे भाई शमौन से मिलकर उस से कहा, कि हम को ख्रिस्तुस अर्थात मसीह मिल गया।
John 1:42 वह उसे यीशु के पास लाया: यीशु ने उस पर दृष्टि कर के कहा, कि तू यूहन्ना का पुत्र शमौन है, तू केफा, अर्थात पतरस कहलाएगा।
John 1:43 दूसरे दिन यीशु ने गलील को जाना चाहा; और फिलेप्पुस से मिलकर कहा, मेरे पीछे हो ले।
John 1:44 फिलेप्पुस तो अन्द्रियास और पतरस के नगर बैतसैदा का निवासी था।
John 1:45 फिलेप्पुस ने नतनएल से मिलकर उस से कहा, कि जिस का वर्णन मूसा ने व्यवस्था में और भविष्यद्वक्ताओं ने किया है, वह हम को मिल गया; वह यूसुफ का पुत्र, यीशु नासरी है।
John 1:46 नतनएल ने उस से कहा, क्या कोई अच्छी वस्तु भी नासरत से निकल सकती है? फिलेप्पुस ने उस से कहा, चलकर देख ले।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 राजा 10-12 
  • यूहन्ना 1:29-51


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