मंगलवार, 15 जुलाई 2014

पहुनाई


   अपनी पुस्तक Outlive Your Life में मैक्स लुकाडो लिखते हैं: "आतिथ्य असामान्य समुदाय के लिए द्वार खोल देता है। यह कोई इत्तिफाक नहीं है कि hospitality (आतिथ्य) तथा hospital शब्द एक ही मूल लातीनी शब्द से आए हैं, क्योंकि दोनों का ही परिणाम समान ही होता है - स्वस्थ करना। जब आप किसी के लिए अपने घर के द्वार खोलते हैं तो आप उसे जो सन्देश दे रहे हैं वह है, ’तुम मेरे और परमेश्वर के लिए महत्वपूर्ण हो।’ हो सकता है कि आप अपना द्वार दूसरे के लिए खोलते हुए उसे सन्देश देना चाह रहे हैं कि, ’आओ थोड़ी देर के लिए मेरे साथ संगति करो’, लेकिन जो आपके मेहमान को प्रतीत होता है वह है कि वह मेहमान आपके द्वारा उसके लिए प्रयास करने और परेशानी उठाने के काबिल है।"

   जब अक्विला और प्रिस्‍किल्ला ने अपने घर के द्वार प्रेरित पुलुस के स्वागत के लिए खोले तब पौलुस को भी ऐसा ही प्रतीत हुआ होगा। जब पौलुस उस समय कुरिन्थुस पहुँचा था, तब शायद एथेन्स से कुरिन्थुस तक की अपनी लंबी यात्रा से वह थका हुआ रहा होगा। संभव है कि एथेन्स में अपनी सेवकाई को लेकर (प्रेरितों 17:16-34) वह कुछ निराश भी रहा हो; क्योंकि बाद में पौलुस ने कुरिन्थुस की मण्डली को लिखा "और मैं निर्बलता और भय के साथ, और बहुत थरथराता हुआ तुम्हारे साथ रहा" (1 कुरिन्थियों 2:3)। संभवतः अक्विला और प्रिस्‍किल्ला पौलुस से बाज़ार में मिले होंगे और वहाँ से उन्होंने उसे अपने घर आने का निमंत्रण दिया। लेकिन जो बात प्रगट है वह है कि उन दोनों ने पौलुस के लिए करी गई अपनी मसीही पहुनाई द्वारा एक आत्मिक तरोताज़गी पाने का स्थान और अवसर प्रदान किया था।

   मसीह यीशु के विश्वासी और अनुयायी होने के कारण हमें आतिथ्य में सक्रीय रहने के लिए बुलाया गया है, जिससे उनके लिए जो जीवन की किसी कठिन समस्या से जूझ रहे हैं या किसी निराशा में पड़े हैं, हम एक ’स्वास्थ्य’ प्रदान करने का स्थान उपलब्ध करा सकें। क्योंकि प्रभु यीशु ने हमारी आवश्यकताओं को पूरा किया है और हमें आशीषें प्रदान करी हैं, इसलिए हमें प्रभु द्वारा उपलब्ध करवाए गए संसाधानों को पहुनाई द्वारा उसकी सेवाकाई के लिए उपयोग करते रहना चाहिए। - मार्विन विलियम्स


मसीही पहुनाई का अर्थ है एक खुला हुआ हृदय के साथ एक खुला हुआ घर।

मैं ने तुम्हें सब कुछ कर के दिखाया, कि इस रीति से परिश्रम करते हुए निर्बलों को सम्भालना, और प्रभु यीशु की बातें स्मरण रखना अवश्य है, कि उसने आप ही कहा है; कि लेने से देना धन्य है। - प्रेरितों 20:35

बाइबल पाठ: प्रेरितों 18:1-4
Acts 18:1 इस के बाद पौलुस अथेने को छोड़कर कुरिन्थुस में आया। 
Acts 18:2 और वहां अक्‍विला नाम एक यहूदी मिला, जिस का जन्म पुन्‍तुस का था; और अपनी पत्‍नी प्रिस्‍किल्ला समेत इतालिया से नया आया था, क्योंकि क्‍लौदियुस ने सब यहूदियों को रोम से निकल जाने की आज्ञा दी थी, सो वह उन के यहां गया।
Acts 18:3 और उसका और उन का एक ही उद्यम था; इसलिये वह उन के साथ रहा, और वे काम करने लगे, और उन का उद्यम तम्बू बनाने का था। 
Acts 18:4 और वह हर एक सब्त के दिन आराधनालय में वाद-विवाद कर के यहूदियों और यूनानियों को भी समझाता था।

एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 12-14


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