रविवार, 15 जनवरी 2017

विश्राम-स्थल



   न्यू-यॉर्क में भूमिगत रेल में हुए एक साधारण से भलाई के कार्य का समाचार विश्व-भर में फैल गया और सराहा गया। एक जवान पुरुष, अपने साथ बैठे एक वृद्ध यात्री के कंधे पर सिर रखकर सो गया। जब किसी ने उसे उठाने का प्रयास करना चाहा तो उस वृद्ध ने मना करते हुए कहा, "उसका दिन बड़ा थकाने वाला रहा होगा, उसे सोने दो; हम सबने यह अनुभव किया है" और लगभग एक घंटे तक उस वृद्ध यात्री ने उस थके हुए जवान को अपने कंधे पर सिर रखकर सोते रहने दिया जब तक कि उसके उतरने का स्थान नहीं आ गया, और तब उसने बड़े धीरे से उस जवान के सिर को अपने कंधे पर से हटाया। इस दौरान एक अन्य यात्री ने इसकी फोटो खींच कर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी, और तुरंत ही वह सब जगह फैल गई, सराही गई।

   उस वृद्ध की वह भलाई हम सबके अन्दर की इच्छा को दर्शाती है - परमेश्वर के हृदय को प्रतिबिंबित करने वाली दया का अनुभव प्राप्त होना। इस दया को हम प्रभु यीशु मसीह में सजीव देखते हैं; एक बार जब प्रभु के चेलों ने छोटे बच्चों से होने वाले शोर और परेशानी से उन्हें बचाने के लिए बच्चों को प्रभु के पास आने से रोकने का प्रयास किया तो प्रभु ने चेलों से कहा कि वे बच्चों को उनके पास आने दें; प्रभु ने बच्चों को गोद में लिया, उन्हें आशीष दी (मरकुस 10:16), और साथ ही उन बच्चों में होकर हम सबके लिए यह शिक्षा भी रखी कि हम व्यसकों में भी, उन बच्चों के समान ही, प्रभु के प्रति प्रेम और विश्वास होना चाहिए (पद 13-16)।

   प्रभु यीशु हमें आश्वस्त करता है कि उसमें हम सभी सुरक्षित हैं; हम चाहे जागते हों या सो रहे हों, हम उस का सहारा ले सकते हैं, उस पर अपने जीवनों को टिका सकते हैं; जब हम जीवन की परिस्थितियों से थकित होते हैं, तो वह हमारे लिए सर्वोत्तम विश्राम-स्थल होता है। - मार्ट डीहॉन

परमेश्वर से बढ़कर सुरक्षित विश्राम-स्थल कोई अन्य नहीं है।

इसलिये परमेश्वर के बलवन्‍त हाथ के नीचे दीनता से रहो, जिस से वह तुम्हें उचित समय पर बढ़ाए। और अपनी सारी चिन्‍ता उसी पर डाल दो, क्योंकि उसको तुम्हारा ध्यान है। - 1 पतरस 5:6-7

बाइबल पाठ: मरकुस 10:13-16
Mark 10:13 फिर लोग बालकों को उसके पास लाने लगे, कि वह उन पर हाथ रखे, पर चेलों ने उन को डांटा। 
Mark 10:14 यीशु ने यह देख क्रुध हो कर उन से कहा, बालकों को मेरे पास आने दो और उन्हें मना न करो, क्योंकि परमेश्वर का राज्य ऐसों ही का है। 
Mark 10:15 मैं तुम से सच कहता हूं, कि जो कोई परमेश्वर के राज्य को बालक की नाईं ग्रहण न करे, वह उस में कभी प्रवेश करने न पाएगा। 
Mark 10:16 और उसने उन्हें गोद में लिया, और उन पर हाथ रखकर उन्हें आशीष दी।

एक साल में बाइबल: 
  • उत्पत्ति 36-38
  • मत्ती 10:21-42


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