बुधवार, 27 जनवरी 2021

साहस

 

          इस्राएल में ‘याद वशेम में एक संग्रहालय है Holocaust Museum जिसे दूसरे विश्व-युद्ध के समय जर्मनी के नात्ज़ियों द्वारा यहूदियों पर किए गए अत्याचारों का स्मारक बनाया गया है। उस संग्रहालय में एक उद्यान है जिसे Righteous Amongst the Naions (राष्ट्रों में से धर्मी) उद्यान कहा जाता है और जिसे उन लोगों के स्मारक के रूप में बनाया गया है जिन्होंने उस अत्याचार के समय में यहूदियों को बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाली थी। वहाँ के स्मारक पट्टिकाओं को देखते हुए हमारी मुलाक़ात नीदरलैंड से आए एक समूह से हुई। उनमें से एक महिला वहाँ पर लिखे हुए नामों में अपने दादा-दादी के नाम खोजने का प्रयास कर रही थी। कौतूहल के साथ हमने उससे उनके परिवार की कहानी को पूछा।

          उसने बताया कि उसके दादा-दादी, पास्टर पीटर और अद्रियाना म्यूलर, गुप्त रीति से नात्ज़ियों के विरोध में कार्य करने वालों में सम्मिलित थे। उन्होंने दो वर्षीय यहूदी लड़के को अपने घर में शरण दी और उसे अपने आठ बच्चों में से सबसे छोटी संतान कहकर उसका 1943-45 तक पालना-पोषण करता रहे। उनकी इस कहानी से द्रवित होकर हमने उन से पूछा, “क्या वह यहूदी बच्चा जीवित बच सका?” तो उनके समूह में से एक वृद्ध व्यक्ति आगे आया और बोला, “मैं ही वह लड़का हूँ!”

          अनेकों लोगों की यहूदी लोगों की सहायता करने के साहस की कहानियाँ मुझे परमेश्वर के वचन बाइबल में रानी एस्तेर की याद दिलाती है। हो सकता है कि रानी ने सोचा हो कि लगभग 475 ईस्वी पूर्व में राजा क्षयर्ष द्वारा उसके राज्य भर में यहूदियों को मार डालने की आज्ञा से वह महल में होने के कारण बच जाएगी, क्योंकि उसने अपनी जाति को छिपाए रखा था। परन्तु उसके चचेरे भाई, मोर्दकै ने उसे कायल किया कि वह अपनी जान का जोखिम उठाकर भी यहूदियों के पक्ष में होकर कार्य करे, और अपने यहूदी वंश के होने को छिपाए न रखे, क्योंकि परमेश्वर ने उसे उस स्थान तक ऐसे ही समय के लिए पहुँचाया था (एस्तेर 4:14)।

          हो सकता है कि हमें कभी ऐसी परिस्थिति का सामना न करना पड़े जिसमें हमें इतने नाटकीय निर्णय करने पड़ें, ऐसा साहस दिखाना पड़े। किन्तु यह संभव है कि हमारे सामने ऐसी परिस्थितियाँ हो सकती हैं जिनमें हमें किसी अन्याय के विरुद्ध बोलना पड़े, या साथ देने से मना करना पड़े, या समर्थन न करने के लिए चुप रहना पड़े; या किसी परेशानी में पड़े हुए व्यक्ति की सहायता करने के लिए सामने आना पड़े। प्रभु परमेश्वर हमारी सहायता करे कि हम ऐसी परिस्थिति में उचित साहस दिखाने वाले हो सकें। - लीसा सामरा

 

परमेश्वर से पूछें कि आपको किन की सहायता के लिए खड़ा होने की आवश्यकता है।


तब राजा [प्रभु यीशु] उन्हें उत्तर देगा; मैं तुम से सच कहता हूं, कि तुम ने जो मेरे इन छोटे से छोटे भाइयों में से किसी एक के साथ किया, वह मेरे ही साथ किया। - मत्ती 25:40

बाइबल पाठ: एस्तेर 4:5-14

एस्तेर 4:5 तब एस्तेर ने राजा के खोजों में से हताक को जिसे राजा ने उसके पास रहने को ठहराया था, बुलवा कर आज्ञा दी, कि मोर्दकै के पास जा कर मालूम कर ले, कि क्या बात है और इसका क्या कारण है।

एस्तेर 4:6 तब हताक नगर के उस चौक में, जो राजभवन के फाटक के सामने था, मोर्दकै के पास निकल गया।

एस्तेर 4:7 मोर्दकै ने उसको सब कुछ बता दिया कि मेरे ऊपर क्या क्या बीता है, और हामान ने यहूदियों के नाश करने की अनुमति पाने के लिये राज-भणडार में कितनी चान्दी भर देने का वचन दिया है, यह भी ठीक ठीक बतला दिया।

एस्तेर 4:8 फिर यहूदियों को विनाश करने की जो आज्ञा शूशन में दी गई थी, उसकी एक नकल भी उसने हताक के हाथ में, एस्तेर को दिखाने के लिये दी, और उसे सब हाल बताने, और यह आज्ञा देने को कहा, कि भीतर राजा के पास जा कर अपने लोगों के लिये गिड़गिड़ाकर बिनती करे।

एस्तेर 4:9 तब हताक ने एस्तेर के पास जा कर मोर्दकै की बातें कह सुनाईं।

एस्तेर 4:10 तब एस्तेर ने हताक को मोर्दकै से यह कहने की आज्ञा दी,

एस्तेर 4:11 कि राजा के सब कर्मचारियों, वरन राजा के प्रान्तों के सब लोगों को भी मालूम है, कि क्या पुरुष क्या स्त्री कोई क्यों न हो, जो आज्ञा बिना पाए भीतरी आंगन में राजा के पास जाएगा उसके मार डालने ही की आज्ञा है; केवल जिसकी ओर राजा सोने का राजदण्ड बढ़ाए वही बचता है। परन्तु मैं अब तीस दिन से राजा के पास नहीं बुलाई गई हूँ।

एस्तेर 4:12 एस्तेर की ये बातें मोर्दकै को सुनाईं गई।

एस्तेर 4:13 तब मोर्दकै ने एस्तेर के पास यह कहला भेजा, कि तू मन ही मन यह विचार न कर, कि मैं ही राजभवन में रहने के कारण और सब यहूदियों में से बची रहूंगी।

एस्तेर 4:14 क्योंकि जो तू इस समय चुपचाप रहे, तो और किसी न किसी उपाय से यहूदियों का छुटकारा और उद्धार हो जाएगा, परन्तु तू अपने पिता के घराने समेत नाश होगी। फिर क्या जाने तुझे ऐसे ही कठिन समय के लिये राजपद मिल गया हो?

 

एक साल में बाइबल: 

  • निर्गमन 16-18 
  • मत्ती 18:1-20

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