ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

मंगलवार, 10 नवंबर 2020

साथ

 

         चिंतित पिता अपने किशोर पुत्र को लेकर तांत्रिक के सामने बैठा हुआ था। तांत्रिक ने पूछा, "तुम्हारा पुत्र कितनी लम्बी यात्रा करने जा रहा है?" पिता ने उत्तर दिया, "वह बड़े शहर को जा रहा है, और लम्बे समय तक वहाँ रहेगा।" तांत्रिक ने पिता को एक तावीज़ पकड़ाते हुए कहा, "वह जहाँ भी जाएगा, यह उसकी रक्षा करेगा।"

         वह लड़का मैं था। किन्तु न तो वह तांत्रिक और न ही उसकी दी हुई तावीज़ मेरे लिए कुछ कर सकी। उस शहर में रहते हुए, मैंने प्रभु यीशु मसीह को जाना, उसमें विश्वास किया, उस तावीज़ को फेंक दिया और प्रभु यीशु को दृढ़ता से थाम लिया। मेरे जीवन में प्रभु यीशु की उपस्थिति इस बात का निश्चय थी कि मेरे साथ परमेश्वर है।

         तीस वर्ष के बाद, मेरे पिता, जो अब स्वयं भी मसीही विश्वासी बन गए थे, ने मुझ से कहा, जब हम हमारे भाई को अस्पताल ले कर जा रहे थे, "हम पहले प्रार्थना कर लें। परमेश्वर का आत्मा तुम्हारे साथ बना रहे।" हम सीख चुके थे कि परमेश्वर का हमारे साथ होना ही हमारी सबसे बड़ी सुरक्षा है, हमारी सामर्थ्य है।

         परमेश्वर के वचन बाइबल में हम देखते हैं कि मूसा ने भी ऐसा ही पाठ सीखा। उसके सामने परमेश्वर की ओर से दिया गया एक चुनौतीपूर्ण कार्य था – परमेश्वर के लोगों को मिस्र के दासत्व से निकालकर वाचा किए हुए देश में बसाने लेकर जाना (निर्गमन 3:10)। परन्तु परमेश्वर ने उसे आश्वस्त किया "मैं आप ही तेरे साथ चलूँगा" (पद 12)।

         हमारी जीवन यात्रा भी बिना चुनौतियों की नहीं है। परन्तु परमेश्वर की उपस्थिति हम मसीही विश्वासियों के साथ सदा बनी रहती है। प्रभु यीशु मसीह ने अपने अनुयायियों को आश्वस्त किया है कि जगत के अन्त तक वे उनके साथ रहेंगे (मत्ती 28:20)। - लॉरेंस दर्मानी

 

जब प्रभु यीशु आपके साथ है तो आपको भयभीत होने की कोई आवश्यकता नहीं है।


इसलिये तुम जा कर सब जातियों के लोगों को चेला बनाओ और उन्हें पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम से बपतिस्मा दो। और उन्हें सब बातें जो मैं ने तुम्हें आज्ञा दी है, मानना सिखाओ: और देखो, मैं जगत के अन्त तक सदैव तुम्हारे संग हूं। - मत्ती 28:19-20

बाइबल पाठ: निर्गमन 3:7-12

निर्गमन 3:7 फिर यहोवा ने कहा, मैं ने अपनी प्रजा के लोग जो मिस्र में हैं उनके दु:ख को निश्चय देखा है, और उनकी जो चिल्लाहट परिश्रम कराने वालों के कारण होती है उसको भी मैं ने सुना है, और उनकी पीड़ा पर मैं ने चित्त लगाया है;

निर्गमन 3:8 इसलिये अब मैं उतर आया हूं कि उन्हें मिस्रियों के वश से छुड़ाऊं, और उस देश से निकाल कर एक अच्छे और बड़े देश में जिस में दूध और मधु की धारा बहती है, अर्थात कनानी, हित्ती, एमोरी, परिज्जी, हिव्वी, और यबूसी लोगों के स्थान में पहुंचाऊं।

निर्गमन 3:9 सो अब सुन, इस्राएलियों की चिल्लाहट मुझे सुनाई पड़ी है, और मिस्रियों का उन पर अन्धेर करना भी मुझे दिखाई पड़ा है,

निर्गमन 3:10 इसलिये आ, मैं तुझे फिरौन के पास भेजता हूं कि तू मेरी इस्राएली प्रजा को मिस्र से निकाल ले आए।

निर्गमन 3:11 तब मूसा ने परमेश्वर से कहा, मैं कौन हूं जो फिरौन के पास जाऊं, और इस्राएलियों को मिस्र से निकाल ले आऊं?

निर्गमन 3:12 उसने कहा, निश्चय मैं तेरे संग रहूंगा; और इस बात का कि तेरा भेजने वाला मैं हूं, तेरे लिये यह चिन्ह होगा कि जब तू उन लोगों को मिस्र से निकाल चुके तब तुम इसी पहाड़ पर परमेश्वर की उपासना करोगे।

 

एक साल में बाइबल: 

  • यिर्मयाह 48-49
  • इब्रानियों 7

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें