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शनिवार, 20 मार्च 2021

विलाप से आराधना

 

          किम का स्तन कैंसर के साथ संघर्ष 2013 में आरंभ हुआ था; उसके इलाज के पूरा होने के चार दिन पश्चात डॉक्टरों ने उसमें एक अन्य रोग के बारे में बताया – निरंतर बढ़ते जाने वाला फेफड़ों का रोग, जिसके कारण उसका जीवन-काल तीन से पाँच वर्ष और ही होने की संभावना है। यह जानने के बाद, पहले वर्ष भर तो वह दुखी होती और परमेश्वर से रो-रोकर प्रार्थनाएँ करती रही, उसके सामने अपनी भावनाओं का ब्यान करती रही। जब 2015 में मेरी मुलाक़ात किम से हुई, तब तक वह अपनी परिस्थिति को परमेश्वर के हाथों में सौंप चुकी थी और अब उसमें ऐसा आनन्द और शान्ति थे जो दूसरों को भी प्रभावित करते थे। यद्यपि उसके लिए कुछ दिन कठिन अवश्य होते हैं, किन्तु परमेश्वर आज भी उसके हृदय-विदारक तकलीफों को एक आशा से भरी स्तुति की गवाही बनाकर प्रयोग कर रहा है, जिससे वह औरों को प्रोत्साहित करती रहती है।

          हम चाहे असंभव या बहुत कठिन लगने वाली परिस्थितियों में ही क्यों न हों, हमारा प्रभु परमेश्वर हमारे विलाप को भी आराधना में बदल सकता है। चाहे उसकी चंगाई हमेशा ही वैसी न लगे जैसी हमने चाही थी या जिसकी हमने आशा रखी थी, लेकिन परमेश्वर के वचन बाइबल में भजन 30 हमें आश्वस्त करता है कि हम परमेश्वर के मार्गों को लेकर हमेशा भरोसा बनाए रख सकते हैं (भजन 30:1-3)। हमारे मार्ग चाहे जितने भी आँसुओं से भरे हुए हों, फिर भी हमारे पास उसकी स्तुति करने के लिए अनगिनत कारण उपलब्ध रहते है (पद 4)। उसे हमारे विश्वास के भरोसे को और भी दृढ़ करने देते हुए, हम परमेश्वर में सदा आनन्दित रह सकते हैं (पद 5-7)। हम उसकी दया के लिए दुहाई दे सकते हैं (पद 8-10), उस आनन्द का उत्सव मना सकते हैं जो वह अनेकों रोने वाले आराधकों के जीवनों में लेकर आया है। केवल हमारा प्रभु परमेश्वर ही है जो हमारे विलाप की निराशा को भी ऐसे अद्भुत आनन्द में परिवर्तित कर सकता है, जिसे परिस्थितियों पर निर्भर रहने की आवश्यकता नहीं होती है (पद 11-12)।

          हमारा करुणामय पिता जब हमारे दुखों में हमें दिलासा देता है, तब वह हमें अपनी शान्ति से घेर भी लेता है और हमें सामर्थ्य देता है कि हम औरों तथा अपने प्रति उसकी शान्ति को दिखाएं। हमारा प्रेमी और विश्वासयोग्य प्रभु हमारे विलाप को आराधना में परिवर्तित कर सकता है और करता भी है। विलाप से आराधना में पहुँच जाना हमारे विश्वास को और अधिक दृढ़ और स्थिर करता है, तथा औरों को प्रोत्साहित करता है। - सोहचील डिक्सन

 

परमेश्वर पिता हमें अपनी बाँहों में भरे रहें; हमारे विलाप को आराधना में बदल दें।


क्योंकि चाहे अंजीर के वृक्षों में फूल न लगें, और न दाखलताओं में फल लगें, जलपाई  के वृक्ष से केवल धोखा पाया जाए और खेतों में अन्न न उपजे, भेड़शालाओं में भेड़-बकरियां न रहें, और न थानों में गाय बैल हों, तौभी मैं यहोवा के कारण आनन्दित और मगन रहूंगा, और अपने उद्धारकर्ता परमेश्वर के द्वारा अति प्रसन्न रहूंगा। - हबक्कूक 3:17-18

बाइबल पाठ: भजन 30

भजन संहिता 30:1 हे यहोवा मैं तुझे सराहूंगा, क्योंकि तू ने मुझे खींचकर निकाला है, और मेरे शत्रुओं को मुझ पर आनन्द करने नहीं दिया।

भजन 30:2 हे मेरे परमेश्वर यहोवा, मैं ने तेरी दोहाई दी और तू ने मुझे चंगा किया है।

भजन 30:3 हे यहोवा, तू ने मेरा प्राण अधोलोक में से निकाला है, तू ने मुझ को जीवित रखा और कब्र में पड़ने से बचाया है।

भजन 30:4 हे यहोवा के भक्तों, उसका भजन गाओ, और जिस पवित्र नाम से उसका स्मरण होता है, उसका धन्यवाद करो।

भजन 30:5 क्योंकि उसका क्रोध, तो क्षण भर का होता है, परन्तु उसकी प्रसन्नता जीवन भर की होती है। कदाचित रात को रोना पड़े, परन्तु सबेरे आनन्द पहुंचेगा।

भजन 30:6 मैं ने तो अपने चैन के समय कहा था, कि मैं कभी नहीं टलने का।

भजन 30:7 हे यहोवा अपनी प्रसन्नता से तू ने मेरे पहाड़ को दृढ़ और स्थिर किया था; जब तू ने अपना मुख फेर लिया तब मैं घबरा गया।

भजन 30:8 हे यहोवा मैं ने तुझी को पुकारा; और यहोवा से गिड़गिड़ाकर यह बिनती की, कि

भजन 30:9 जब मैं कब्र में चला जाऊंगा तब मेरे लहू से क्या लाभ होगा? क्या मिट्टी तेरा धन्यवाद कर सकती है? क्या वह तेरी सच्चाई का प्रचार कर सकती है?

भजन 30:10 हे यहोवा, सुन, मुझ पर अनुग्रह कर; हे यहोवा, तू मेरा सहायक हो।

भजन 30:11 तू ने मेरे लिये विलाप को नृत्य में बदल डाला, तू ने मेरा टाट उतरवाकर मेरी कमर में आनन्द का पटुका बान्धा है;

भजन 30:12 ताकि मेरी आत्मा तेरा भजन गाती रहे और कभी चुप न हो। हे मेरे परमेश्वर यहोवा, मैं सर्वदा तेरा धन्यवाद करता रहूंगा।

 

एक साल में बाइबल: 

  • यहोशू 4-6
  • लूका 1:1-20