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बुधवार, 31 मार्च 2021

सर्वोत्तम उपहार

 

          मेरी सहेली बनने के बाद से, बारबरा ने मुझे प्रोत्साहित करने के लिए असंख्य कार्ड और उपहार दिए हैं। जब मैंने उसे बताया कि मैंने प्रभु यीशु मसीह को अपना उद्धारकर्ता और प्रभु ग्रहण कर लिया है, तब उसने मुझे वह उपहार दिया था, जिसे मैं उसके द्वारा दिया गया सर्वोत्तम उपहार मानती हूँ – परमेश्वर के वचन बाइबल की मेरी पहली प्रति। उसे देते समय उसने मुझ से कहा, “इसके द्वारा तुम परमेश्वर की निकटता में बढ़ती जा सकती हो, आत्मिक जीवन में परिपक्व होती जा सकती हो; इसमें होकर प्रभु से प्रतिदिन मिलने, संपर्क रखने, उसकी आज्ञाकारिता करते रहने, उस पर भरोसा बनाए रखने, और प्रार्थना करते रहने के द्वारा।” बारबरा द्वारा मुझे दिए गए इस उपहार, मार्गदर्शन और आमंत्रण के द्वारा मेरा जीवन पूर्णतः बदल गया।

          बारबरा मुझे प्रेरित फिलिप्पुस का स्मरण करवाती है। प्रभु यीशु द्वारा फिलिप्पुस को अपने पीछे हो लेने का निमंत्रण देने के पश्चात (यूहन्ना 1:43), उसने तुरंत जाकर अपने मित्र नतनएल को बताया कि वह यीशु ही है जिसके बारे में मूसा ने व्यवस्था में, और नबियों ने अपनी पुस्तकों में लिखा था (पद 45)। जब नतनएल को संदेह हुआ, तो फिलिप्पुस ने न तो कोई वाद-विवाद किया, न उसकी आलोचना की, न उसे उसके हाल पर छोड़ दिया, वरन उसे निमंत्रण दिया कि वह आकर स्वयं प्रभु यीशु से मिले और वास्तविकता को समझ तथा जान ले (पद 46)।

          मैं फिलिप्पुस के आनन्द की कल्पना कर सकती हूँ जब उसने नतनएल को कहे सुना कि वास्तव में यीशु ही “परमेश्वर का पुत्र” और “इस्राएल का राजा” है (पद 49)। उसके लिए यह कैसी अद्भुत आशीष की बात रही होगी जब उसने प्रभु से यह सुना कि आते समय में वे और भी बड़ी बड़ी बातों और कार्यों को देखने पाएँगे (पद 50-51)।

          परमेश्वर का पवित्र आत्मा परमेश्वर के साथ हमारे संबंध का आरंभ करवाता है, और फिर जो उसकी बात के अनुसार सही प्रतिक्रिया देते हैं, प्रभु यीशु में विश्वास करके उसे अपना प्रभु और उद्धारकर्ता स्वीकार करते हैं, उनमें निवास करता है, उन्हें विश्वास और मसीही जीवन की परिपक्वता तथा आशीषों में बढ़ाता जाता है। वही सभी मसीही विश्वासियों को सक्षम करता है कि वे प्रभु परमेश्वर को व्यक्तिगत रीति से और घनिष्ठता से जानते चले जाएँ, उसके वचन की समझ-बूझ और व्यावहारिक उपयोगिता में बढ़ते चले जाएँ; तथा औरों को भी उसके संपर्क में लाने वाले बनें, उन्हें भी प्रभु को व्यक्तिगत रीति से जानने के लिए आमंत्रित करें। समस्त संसार के प्रत्येक जन के उद्धारकर्ता के संपर्क में आने का निमंत्रण और सृष्टिकर्ता परमेश्वर के साथ घनिष्ठता का मार्ग, जीवन का वह सर्वोत्तम उपहार है जो आप किसी को दे सकते हैं। - सोहचील डिक्सन

 

प्रभु यीशु को जानना वह सर्वोत्तम उपहार है जो हम स्वीकार कर सकते हैं; 

उसे औरों के जीवन में पहुँचाना वह सर्वोत्तम उपहार है जो हम प्रदान कर सकते हैं।


यीशु ने उत्तर दिया, यदि तू परमेश्वर के वरदान को जानती, और यह भी जानती कि वह कौन है जो तुझ से कहता है; मुझे पानी पिला तो तू उस से मांगती, और वह तुझे जीवन का जल देता। - यूहन्ना 4:10

बाइबल पाठ: यूहन्ना 1:43-51

यूहन्ना 1:43 दूसरे दिन यीशु ने गलील को जाना चाहा; और फिलिप्पुस से मिलकर कहा, मेरे पीछे हो ले।

यूहन्ना 1:44 फिलिप्पुस तो अन्द्रियास और पतरस के नगर बैतसैदा का निवासी था।

यूहन्ना 1:45 फिलिप्पुस ने नतनएल से मिलकर उस से कहा, कि जिस का वर्णन मूसा ने व्यवस्था में और भविष्यद्वक्ताओं ने किया है, वह हम को मिल गया; वह यूसुफ का पुत्र, यीशु नासरी है।

यूहन्ना 1:46 नतनएल ने उस से कहा, क्या कोई अच्छी वस्तु भी नासरत से निकल सकती है? फिलिप्पुस ने उस से कहा, चलकर देख ले।

यूहन्ना 1:47 यीशु ने नतनएल को अपनी ओर आते देखकर उसके विषय में कहा, देखो, यह सचमुच इस्राएली है: इस में कपट नहीं।

यूहन्ना 1:48 नतनएल ने उस से कहा, तू मुझे कहां से जानता है? यीशु ने उसको उत्तर दिया; उस से पहिले कि फिलिप्पुस ने तुझे बुलाया, जब तू अंजीर के पेड़ के तले था, तब मैं ने तुझे देखा था।

यूहन्ना 1:49 नतनएल ने उसको उत्तर दिया, कि हे रब्बी, तू परमेश्वर का पुत्र है; तू इस्राएल का महाराजा है।

यूहन्ना 1:50 यीशु ने उसको उत्तर दिया; मैं ने जो तुझ से कहा, कि मैं ने तुझे अंजीर के पेड़ के तले देखा, क्या तू इसी लिये विश्वास करता है? तू इस से बड़े बड़े काम देखेगा।

यूहन्ना 1:51 फिर उस से कहा, मैं तुम से सच सच कहता हूँ कि तुम स्वर्ग को खुला हुआ, और परमेश्वर के स्‍वर्गदूतों को ऊपर जाते और मनुष्य के पुत्र के ऊपर उतरते देखोगे।

 

एक साल में बाइबल: 

  • न्यायियों 11-12
  • लूका 6:1-26

मंगलवार, 30 मार्च 2021

स्तुति और आराधना

 

          स्विस घड़ीसाज़, फिलिप ने एक आवर्धक लेंस और बारीक चिमटी की सहायता से मुझे दिखाया और समझाया कि वह किस प्रकार घड़ी के सूक्ष्म पुर्ज़ों को खोल कर उन्हें साफ़ करता है और फिर वापस एक साथ जोड़ कर उन घड़ियों को ठीक कर के देता है। उन सभी छोटे-छोटे, जटिल पुर्ज़ों को दिखाते हुए, फिलिप ने मुझे घड़ी के सबसे महत्वपूर्ण पुर्जे, उसके मुख्य स्प्रिंग को दिखाया। वह मुख्य स्प्रिंग ही है जो घड़ी की सारी गरारियों और पुर्ज़ों को चलाता है, जिससे घड़ी ठीक से कार्य कर पाती है और सही समय जाना जा सकता। यदि वह मुख्य स्प्रिंग न हो तो घड़ी चाहे कितनी भी निपुणता से क्यों न बनी हो, बिलकुल काम नहीं कर सकती है।

          परमेश्वर के वचन बाइबल में नए नियम में इब्रानियों की पुस्तक के एक सुन्दर खण्ड में, लेखक प्रभु यीशु की स्तुति और प्रशंसा करता है कि उसमें होकर हमारी सृष्टि की प्रत्येक वस्तु सृजी गई (इब्रानियों 1:2)। सौर-मण्डल, नक्षत्रों, सितारों के समूहों से लेकर हम में से प्रत्येक व्यक्ति की अंगुलियों की अनुपम भिन्न रेखाओं तक, सब कुछ प्रभु यीशु के द्वारा बारीकी और बड़े ध्यान से सृजा गया है।

          लेकिन सृजनहार  होने से भी बढ़कर, घड़ी के उस मुख्य स्प्रिंग के समान, प्रभु यीशु इस सारी सृष्टि की प्रत्येक बात को संचालित और नियंत्रित भी करता है, उसी के द्वारा हर बात बिलकुल ठीक से स्थापित, नियंत्रित, और सक्रिय रहती है। उसकी निरंतर बनी रहने वाली उपस्थिति, उसके सामर्थी वचन के द्वारा, हर समय हर बात को संभाले रहती है (पद 3), जिससे समस्त सृष्टि उसकी विलक्षण जटिलता के बावजूद सुचारु रीति से कार्य करती रहती है।

          आज जब आप के पास सृष्टि की भव्य सुन्दरता को देखने का समय है, तो साथ ही इस बात का भी ध्यान करें कि प्रभु यीशु मसीह में होकर ही सब बातें स्थिर बनी रहती हैं (कुलुस्सियों 1:17)। सृष्टि के सृजन और संचालन में प्रभु यीशु मसीह की प्रमुख और अति-महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानते हुए, हम आनन्द से भरे हुए हृदय के द्वारा उसकी स्तुति और आराधना करें, और निरंतर हमारे लिए, हमारे पक्ष में, उसके द्वारा किए जा रहे कार्यों के लिए उसके कृतज्ञ हों। - लिसा सामरा

 

प्रभु आपके द्वारा अपनी इस सृष्टि को संभाले रखने और संचालित करने के लिए आपका धन्यवाद।

और वही सब वस्तुओं में प्रथम है, और सब वस्तुएं उसी में स्थिर रहती हैं। - कुलुस्सियों 1:17

बाइबल पाठ: इब्रानियों 1:1-4

इब्रानियों 1:1 पूर्व युग में परमेश्वर ने बाप दादों से थोड़ा थोड़ा कर के और भांति भांति से भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा बातें कर के।

इब्रानियों 1:2 इन दिनों के अन्त में हम से पुत्र के द्वारा बातें की, जिसे उसने सारी वस्तुओं का वारिस ठहराया और उसी के द्वारा उसने सारी सृष्टि रची है।

इब्रानियों 1:3 वह उस की महिमा का प्रकाश, और उसके तत्व की छाप है, और सब वस्तुओं को अपनी सामर्थ्य के वचन से संभालता है: वह पापों को धोकर ऊंचे स्थानों पर महामहिमन के दाहिने जा बैठा।

इब्रानियों 1:4 और स्‍वर्गदूतों से उतना ही उत्तम ठहरा, जितना उसने उन से बड़े पद का वारिस हो कर उत्तम नाम पाया।

 

एक साल में बाइबल: 

  • न्यायियों 9-10
  • लूका 5:17-39

सोमवार, 29 मार्च 2021

ज्योति

 

          हमारे चर्च से मैं और कुछ लोगों का एक समूह, 2015 के ग्रीष्मकाल में अफ्रीका में कीनिया देश के नैरोबी शहर गया। वहाँ हमने जो मथारे नामक एक झुग्गी-झोंपड़ियों की बस्ती में देखा, वह आँखें खोल देने वाला था। हम वहाँ पर एक स्कूल में गए – उसके भवन की दीवारें जंग लगे लोहे की चादरों से बनी थीं, फर्श कच्ची मिट्टी का था, और विद्यार्थियों के बैठने के लिए लकड़ी की बेंचें लगी हुई थीं। लेकिन इस बहुत ही दीन और निर्धन पृष्ठभूमि में एक व्यक्ति था जो अलग ही चमक रहा था।

          वह व्यक्ति, वहाँ की के अध्यापिका थी, जिसका नाम था ब्रिलियंट, और उसका यह नाम उसके स्वभाव के पूर्णतः अनुरूप था। वह प्राथमिक स्तर की कक्षाओं की अध्यापिका थी, और अपने कार्य के लिए जोश और दृढ़ निश्चय से भरी हुई थी। उसने चटकीले रंगीन वस्त्र पहने हुए थे, और उसका स्वरूप तथा वह आनन्द जिसके साथ वह बच्चों को पढ़ा और प्रोत्साहित कर रही थी विस्मित कर देने वाले थे।

          वह चमकदार ज्योति जो ब्रिलियंट ने अपने चारों ओर बिखेर रखी थी, वह उसके समान थी जो परमेश्वर के वचन बाइबल में पौलुस प्रेरित ने फिलिप्पी के मसीही विश्वासियों को लिखी पत्री में कहा कि वे अपने जीवनों से समाज को दिखाएं। आत्मिक अन्धकार और आवश्यकताओं की पृष्ठभूमि में, मसीही विश्वासियों को जलते हुए दीपकों के समान ज्योति फैलाने वाले बनना था (फिलिप्पियों 2:15)।

          हम मसीही विश्वासियों के लिए दिया गया यह उद्देश्य बदला नहीं है। आज भी, संसार के सभी स्थानों पर, चमकती हुई ज्योतियों की बहुत आवश्यकता है। यह हमारे लिए बहुत प्रोत्साहन की बात है कि हमारा प्रभु स्वयं हमें वह चमकती हुई ज्योति बनाकर उस स्थान पर प्रयोग करता है, जहाँ उसने हमें रखा है (पद 13), जिससे कि हम उसका अनुसरण करने के द्वारा उसकी ज्योति को अपने आस-पास के लोगों में पहुँचाएँ। प्रभु ने हमें अंधियारे संसार में चमकने वाली ज्योति बनाया है, और हमारा यह चमकना परमेश्वर को महिमा देता है (मत्ती 5:14-16)। - आर्थर जैक्सन

 

प्रभु यीशु की ज्योति को प्रतिबिंबित करें और अपने आस-पास के संसार को ज्योतिर्मय करें।


तुम जगत की ज्योति हो; जो नगर पहाड़ पर बसा हुआ है वह छिप नहीं सकता। और लोग दिया जलाकर पैमाने के नीचे नहीं परन्तु दीवट पर रखते हैं, तब उस से घर के सब लोगों को प्रकाश पहुंचता है। उसी प्रकार तुम्हारा उजियाला मनुष्यों के सामने चमके कि वे तुम्हारे भले कामों को देखकर तुम्हारे पिता की, जो स्वर्ग में हैं, बड़ाई करें। - मत्ती 5:14-16

बाइबल पाठ: फिलिप्पियों 2:12-18

फिलिप्पियों 2:12 सो हे मेरे प्यारो, जिस प्रकार तुम सदा से आज्ञा मानते आए हो, वैसे ही अब भी न केवल मेरे साथ रहते हुए पर विशेष कर के अब मेरे दूर रहने पर भी डरते और कांपते हुए अपने अपने उद्धार का कार्य पूरा करते जाओ।

फिलिप्पियों 2:13 क्योंकि परमेश्वर ही है, जिस न अपनी सुइच्‍छा निमित्त तुम्हारे मन में इच्छा और काम, दोनों बातों के करने का प्रभाव डाला है।

फिलिप्पियों 2:14 सब काम बिना कुड़कुड़ाए और बिना विवाद के किया करो।

फिलिप्पियों 2:15 ताकि तुम निर्दोष और भोले हो कर टेढ़े और हठीले लोगों के बीच परमेश्वर के निष्कलंक सन्तान बने रहो, (जिन के बीच में तुम जीवन का वचन लिये हुए जगत में जलते दीपकों के समान दिखाई देते हो)।

फिलिप्पियों 2:16 कि मसीह के दिन मुझे घमण्ड करने का कारण हो, कि न मेरा दौड़ना और न मेरा परिश्रम करना व्यर्थ हुआ।

फिलिप्पियों 2:17 और यदि मुझे तुम्हारे विश्वास के बलिदान और सेवा के साथ अपना लहू भी बहाना पड़े तौभी मैं आनन्दित हूं, और तुम सब के साथ आनन्द करता हूं।

फिलिप्पियों 2:18 वैसे ही तुम भी आनन्दित हो, और मेरे साथ आनन्द करो।

 

एक साल में बाइबल: 

  • न्यायियों 7-8 
  • लूका 5:1-16

रविवार, 28 मार्च 2021

घेरे हुए

 

          एक व्यस्त हवाई अड्डे में, एक छोटे बच्चे को लिए हुए युवा माँ, जो बढ़ी हुई गर्भावस्था में भी थी, अपने छोटे बच्चे को संभालने के लिए संघर्ष कर रही थी; किन्तु वह बच्चा उसकी सुनने के बजाए चिल्ला रहा था, हाथ-पैर पटक रहा था, और हवाई-जहाज़ में चढ़ने जाने के लिए मना कर रहा था। आखिरकार, परेशान और थकी हुई, वह महिला वहीं फर्श पर बैठ गई और अपना मुँह अपने हाथों में छुपा कर सुबकने लगी।

          तुरंत ही आस-पास बैठे हुए लोगों में से छः या सात स्त्रियाँ उठीं, सभी एक दूसरे और उस महिला से बिलकुल अजनबी थीं, उन्होंने उसे और उसके बच्चे को घेर लिया, और मिलकर उन्हें सम्भालने लगीं, दिलासा देने लगीं। किसी ने उन्हें कुछ खाने-पीने की वस्तुएँ दीं, किसी ने पानी दिया, किसी ने बच्चे और माँ को आलिंगन में लेकर शांत किया, और एक तो बच्चों के लोकप्रिय गाने भी बच्चे के लिए गाने लगी। थोड़ी ही देर में परिस्थिति नियंत्रण में आ गई; वह माँ और उसका बच्चा शांत हो गए, बच्चा हवाई जहाज़ में चढ़ने के लिए तैयार हो गया, और वे सभी स्त्रियाँ, अपनी-अपनी सीट पर चली गईं। किसी ने किसी अन्य के साथ कोई चर्चा नहीं की, किन्तु सभी जानती थीं कि उन सभी की सहायता और सहयोग से उस युवा माँ को सही समय पर वह सहारा और हिम्मत मिली जिसकी उसे उस परिस्थिति में आवश्यकता थी।

          यह परमेश्वर के वचन बाइबल में भजन 125 में लिखे एक मनोहर सत्य,जिस प्रकार यरूशलेम के चारों ओर पहाड़ हैं, उसी प्रकार यहोवा अपनी प्रजा के चारों ओर अब से ले कर सर्वदा तक बना रहेगा” (पद 2) ,का सुन्दर चित्रण है। यह पद स्मरण करवाता है कि जिस प्रकार वह व्यस्त और हलचल से भरा शहर यरूशलेम, पहाड़ों से घिरा हुआ है, जिनमें जैतून का पहाड़, सिय्योन पर्वत, और मोरिय्याह पर्वत भी हैं, वैसे ही परमेश्वर के जन भी सदा उसके घेरे में बने रहते हैं।

          परमेश्वर भी अपने लोगों को घेरे रहता है – उन्हें सहारा दिए रहता है, उनकी सुरक्षा बनाए रखता है, और उनकी देखभाल करता रहता है, अभी और हर समय। इसलिए जब कोई दिन या समय कठिन हो तो जैसा भजनकार भजन 121:1 में कहता है, आप भी अपनी दृष्टि पर्वतों की ओर उठाएँ। परमेश्वर की सामर्थी सहायता, अटल आशा, और अनन्त प्रेम सदा उसके बच्चों के साथ बने रहते हैं, उसकी उपस्थिति उन्हें हमेशा घेरे रहती है। - पेट्रीशिया रेबोन

 

प्रभु हमारे कठिन समयों में हमें घेरे हुई आपकी उपस्थिति का एहसास करवाएँ।

मैं [प्रभु यीशु] तुम्हें अनाथ न छोडूंगा, मैं तुम्हारे पास आता हूं। - यूहन्ना 14:18

बाइबल पाठ: भजन 125:1-5

भजन 125:1 जो यहोवा पर भरोसा रखते हैं, वे सिय्योन पर्वत के समान हैं, जो टलता नहीं, वरन सदा बना रहता है।

भजन 125:2 जिस प्रकार यरूशलेम के चारों ओर पहाड़ हैं, उसी प्रकार यहोवा अपनी प्रजा के चारों ओर अब से ले कर सर्वदा तक बना रहेगा।

भजन 125:3 क्योंकि दुष्टों का राजदण्ड धर्मियों के भाग पर बना न रहेगा, ऐसा न हो कि धर्मी अपने हाथ कुटिल काम की ओर बढ़ाएं।

भजन 125:4 हे यहोवा, भलों का, और सीधे मन वालों का भला कर!

भजन 125:5 परन्तु जो मुड़ कर टेढ़े मार्गों में चलते हैं, उन को यहोवा अनर्थकारियों के संग निकाल देगा! इस्राएल को शान्ति मिले!

 

एक साल में बाइबल: 

  • न्यायियों 4-6
  • लूका 4:31-44

शनिवार, 27 मार्च 2021

कार्य

 

          मेरे पास मेरे पिता की सबसे अच्छी स्मृतियाँ उनके बाहर कुछ-न-कुछ काम करते रहने की हैं। वे या तो कहीं कोई ठोका-पीटी कर रहे होते थे, या बागबानी में लगे होते थी, या नीचे तहखाने में अपनी कार्यशाला में, जहाँ उनके अनेकों अद्भुत औज़ार और यंत्र रखे हुए थे, कुछ बना रहे होते थे।

          अपने पिता को स्मरण करने से मुझे मेरे स्वर्गीय पिता और सृष्टिकर्ता परमेश्वर का ध्यान आता है, जो, जैसा कि परमेश्वर के वचन बाइबल में लिखा है, सदा ही कार्य करता रहता है। आरंभ में, परमेश्वर ने पृथ्वी की नींव रखी, उसके तथा सितारों और नक्षत्रों के आकार, चाल, घेरे और स्थान आदि को निर्धारित किया, और उसके कार्य को देखकर स्वर्गदूत आनन्द से गाने लगे (अय्यूब 38:4-7)। परमेश्वर ने जो कुछ भी बनाया वह कला का एक उत्कृष्ट नमूना था। उसने एक विस्मयकारी सुन्दर संसार बनाया और उसे “बहुत अच्छा” कहा (उत्पत्ति 1:31)।

          मैं और आप भी उसके इस अद्भुत, सुन्दर, बहुत अच्छे, संसार का एक भाग हैं। परमेश्वर ने हमें विस्मयकारी और अद्भुत रीति से अपने ही स्वरूप में रचा है (भजन 139:13-16), और अपने ही समान हमारे अन्दर भी कार्य करने की इच्छा डाली है जिससे कि हम उद्देश्यों को पूरा कर सकें। इन कार्यों तथा उद्देश्यों का एक भाग पृथ्वी और उसके जीव-जन्तुओं, वनस्पति आदि की देखभाल करना और उन पर प्रभुता रखना भी है (उत्पत्ति 1:26-28; 2:15)। हम चाहे जो भी कार्य करें – हमारे व्यवसाय में, या हमारे आराम के समय में -  परमेश्वर हमें सामर्थ्य तथा संसाधन देता है कि हम उसके लिए पूरा मन लगाकर कार्य करें।

          हम जो भी कार्य करें, उसे प्रसन्न करने और उसकी महिमा के लिए करें। - एलिसन कीड़ा

 

परमेश्वर ने जिस कार्य के लिए बुलाया है, उसके लिए तैयार भी किया है।


सो तुम चाहे खाओ, चाहे पीओ, चाहे जो कुछ करो, सब कुछ परमेश्वर की महिमा के लिये करो। - 1 कुरिन्थियों 10:31

बाइबल पाठ: अय्यूब 38:1-11

अय्यूब 38:1 तब यहोवा ने अय्यूब को आँधी में से यूं उत्तर दिया,

अय्यूब 38:2 यह कौन है जो अज्ञानता की बातें कहकर युक्ति को बिगाड़ना चाहता है?

अय्यूब 38:3 पुरुष के समान अपनी कमर बान्ध ले, क्योंकि मैं तुझ से प्रश्न करता हूँ, और तू मुझे उत्तर दे।

अय्यूब 38:4 जब मैं ने पृथ्वी की नेव डाली, तब तू कहां था? यदि तू समझदार हो तो उत्तर दे।

अय्यूब 38:5 उसकी नाप किस ने ठहराई, क्या तू जानता है उस पर किस ने सूत खींचा?

अय्यूब 38:6 उसकी नेव कौन सी वस्तु पर रखी गई,  या किस ने उसके कोने का पत्थर बिठाया,

अय्यूब 38:7 जब कि भोर के तारे एक संग आनन्द से गाते थे और परमेश्वर के सब पुत्र जयजयकार करते थे?

अय्यूब 38:8 फिर जब समुद्र ऐसा फूट निकला मानो वह गर्भ से फूट निकला, तब किस ने द्वार मूंदकर उसको रोक दिया;

अय्यूब 38:9 जब कि मैं ने उसको बादल पहनाया और घोर अन्धकार में लपेट दिया,

अय्यूब 38:10 और उसके लिये सिवाना बान्धा और यह कहकर बेंड़े और किवाड़ लगा दिए, कि

अय्यूब 38:11 यहीं तक आ, और आगे न बढ़, और तेरी उमंडने वाली लहरें यहीं थम जाएं?

 

एक साल में बाइबल: 

  • न्यायियों 1-3
  • लूका 4:1-30

शुक्रवार, 26 मार्च 2021

धैर्य

 

          अंग्रजी में बच्चों की कहानियों की एक श्रृंखला के एक जाने-पहचाने पात्र, विनी-द-पूह की कही एक बात काफी प्रसिद्ध रही है, “जिस व्यक्ति से आप बात कर रहे हैं, यदि वह आप की बात को सुनता हुआ प्रतीत नहीं होता है, तो उसके प्रति धैर्य रखें। बहुत संभव है कि उसके कान में कुछ रुई पड़ी हुई हो।”

          अपने वर्षों के अनुभव से मैंने सीखा है कि विनी की बात में कुछ दम हो सकता है। यदि कोई आपकी बात सुन ही नहीं रहा है, चाहे आपकी बात सुनने और मानने से उसे लाभ होगा, तो संभव है कि उसके सुन न पाने का कोई साधारण सा कारण हो, जैसे कि उसके कान में पड़े रुई के कुछ रोएँ। इसलिए उस पर क्रोधित होने से पहले, कारान को पहचान कर उसका निवारण कर लें। या फिर बाधा कुछ और गंभीर भी हो सकती है: कुछ लोगों के लिए सुनना और ध्यान देना इसलिए कठिन होता है क्योंकि वे निराश, हतोत्साहित, और अन्दर से टूटे हुए हैं।

          परमेश्वर के वचन बाइबल में मूसा कहता है कि उसने इस्राएल के लोगों से बातें कीं, लेकिन उन्होंने उसकी बात नहीं सुनी क्योंकि उनकी आत्माएं टूटी हुई थीं और उनके जीवन कठिन थे (निर्गमन 6:9)। इब्रानी भाषा के जिस शब्द का अनुवाद ‘निराशा किया गया है, उसका शब्दार्थ होता है “पूरी साँस न ले पाना”; मिस्र के कठोर दासत्व के कारण उन लोगों की “साँस फूली हुई थी।” इस कारण, मूसा में होकर परमेश्वर द्वारा दिए गए निर्देशों को इस्राएल के ध्यानपूर्वक न सुनने के लिए, परमेश्वर ने उनके साथ धैर्य पूर्ण व्यवहार किया, और इस अवहेलना के लिए उनकी भर्त्सना या ताड़ना नहीं की।

          हमें क्या करना चाहिए जब लोग हमारी बात न सुनें? विनी के कही गई बात में बुद्धिमत्ता है; “धैर्य रखें।” परमेश्वर ने अपने वचन में कहा है, “प्रेम धैर्यवान है, प्रेम दयालु है” (1 कुरिन्थियों 13:4); वह प्रतीक्षा करता है। परमेश्वर उन लोगों को तुरंत ही त्याग नहीं देता है, जो उसकी अवहेलना या अनसुनी करते हैं। वह अभी भी उनमें कार्य कर रहा है, उनके दुःख में होकर, उनके प्रति हमारे प्रेम और हमारी प्रार्थनाओं के द्वारा भी। संभव है कि अपने समय में, अपने तरीके से, वह उनके कान खोलेगा कि वे सुन सकें। धैर्य रखें। - डेविड एच. रोपर

 

धैर्य रखें; अभी परमेश्वर का कार्य ज़ारी है।


वह [प्रेम] सब बातें सह लेता है, सब बातों की प्रतीति करता है, सब बातों की आशा रखता है, सब बातों में धीरज धरता है। - 1 कुरिन्थियों 13:7

बाइबल पाठ: निर्गमन 6:1-9

निर्गमन 6:1 तब यहोवा ने मूसा से कहा, अब तू देखेगा कि मैं फिरौन से क्या करूंगा; जिस से वह उन को बरबस निकालेगा, वह तो उन्हें अपने देश से बरबस निकाल देगा।

निर्गमन 6:2 और परमेश्वर ने मूसा से कहा, कि मैं यहोवा हूं।

निर्गमन 6:3 मैं सर्वशक्तिमान ईश्वर के नाम से इब्राहीम, इसहाक, और याकूब को दर्शन देता था, परन्तु यहोवा के नाम से मैं उन पर प्रगट न हुआ।

निर्गमन 6:4 और मैं ने उनके साथ अपनी वाचा दृढ़ की है, अर्थात कनान देश जिस में वे परदेशी हो कर रहते थे, उसे उन्हें दे दूं।

निर्गमन 6:5 और इस्राएली जिन्हें मिस्री लोग दासत्व में रखते हैं उनका कराहना भी सुनकर मैं ने अपनी वाचा को स्मरण किया है।

निर्गमन 6:6 इस कारण तू इस्राएलियों से कह, कि मैं यहोवा हूं, और तुम को मिस्रियों के बोझों के नीचे से निकालूंगा, और उनके दासत्व से तुम को छुड़ाऊंगा, और अपनी भुजा बढ़ाकर और भारी दण्ड देकर तुम्हें छुड़ा लूंगा,

निर्गमन 6:7 और मैं तुम को अपनी प्रजा बनाने के लिये अपना लूंगा, और मैं तुम्हारा परमेश्वर ठहरूंगा; और तुम जान लोगे कि मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूं जो तुम्हें मिस्रियों के बोझों के नीचे से निकाल ले आया।

निर्गमन 6:8 और जिस देश के देने की शपथ मैं ने इब्राहीम, इसहाक, और याकूब से खाई थी उसी में मैं तुम्हें पहुंचाकर उसे तुम्हारा भाग कर दूंगा। मैं तो यहोवा हूं।

निर्गमन 6:9 और ये बातें मूसा ने इस्राएलियों को सुनाईं; परन्तु उन्होंने मन की बेचैनी और दासत्व की क्रूरता के कारण उसकी न सुनी।

 

एक साल में बाइबल: 

  • यहोशू 22-24
  • लूका 3

गुरुवार, 25 मार्च 2021

आशीष

 

          मैं अपनी सहेली और उसके नाती-पोतों के साथ टहलने के लिए निकली थी। छोटे बच्चों को बैठाकर चलने वाली पहिया गाड़ी को धक्का देते समय, मेरी सहेली ने कहा कि उसका चलना व्यर्थ हो रहा है क्योंकि उसके द्वारा चलने में उठाए गए कदमों की संख्या गिनी नहीं जा रही है। उसने अपनी कलाई पर हाथ-घड़ी के समान एक यंत्र पहना हुआ था जो चलने में हाथों के आगे पीछे हिलने के द्वारा चले गए कदमों की गिनती करता रहता था। अब क्योंकि उसके हाथ उस बच्चा-गाड़ी को धक्का देने के लिए गाड़ी पर थे, इसलिए वह चल तो रही थी, किन्तु हाथ आगे-पीछे न हिलने के कारण उसके द्वारा उठाए गए कदमों की संख्या कहीं दर्ज नहीं की जा रही थी। मैंने उसे ध्यान दिलाया कि चाहे कदमों की संख्या दर्ज न हो रही हो, फिर भी उसके चलने से होने वाला लाभ तो उसके शरीर को हो ही रहा है। उसने हँसते हुए कहा, “हाँ, यह तो है; किन्तु मुझे निर्धारित संख्या पूरी करने पर मिलने वाले सुनहरे सितारे के निशान रूपी प्रतिफल को पाने की बहुत लालसा है।”

          मैं समझ सकती हूँ कि उसे कैसा लग रहा होगा! बिना तुरंत उसके भले परिणाम प्राप्त किए, किसी उद्देश्य के लिए कार्य करते चले जाना, निराशाजनक हो सकता है। किन्तु यह आवश्यक भी नहीं है कि प्रतिफल हमेशा ही तुरंत मिल जाएँ, या दिखाई देने वाले हों।

          जब ऐसा होता है तो यह भावना आ जाना सहज होता है कि जो भले कार्य हम कर रहे हैं वे व्यर्थ है; वह चाहे किसी मित्र की सहायता करना, या किसी अजनबी की भलाई करना ही क्यों न हो। लेकिन हमें पौलुस द्वारा गलातिया के मसीही विश्वासियों को लिखी गई बात को स्मरण रखना चाहिए कि “मनुष्य जो कुछ बोता है, वही काटेगा” (गलातियों 6:7)। इसलिए हमें “हम भले काम करने में साहस न छोड़े, क्योंकि यदि हम ढीले न हों, तो ठीक समय पर कटनी काटेंगे” (पद 9)। भलाई करना, उद्धार पाने का मार्ग तो नहीं है, और न ही पौलुस ने यह लिखा है कि हम जो बो रहे हैं उसका प्रतिफल अभी इस पृथ्वी पर ही प्राप्त करेंगे या परलोक में; परन्तु हम इस बात से आश्वस्त हो सकते हैं चाहे यहाँ, या वहाँ, या दोनों ही स्थानों में, लेकिन आशीष की कटनी काटेंगे अवश्य।

          भलाई करना अपने आप में कठिन कार्य है, विशेषकर तब जब हम न तो देख सकते हैं कि प्रतिफल क्या होगा, और न यह जान सकते हैं कि वह कहाँ पर मिलेगा। परन्तु जिस प्रकार से मेरी सहेली को अपने टहलने का प्रतिफल मिला तो अवश्य, चाहे उसकी गिनती कहीं दर्ज नहीं हो सकी, उसी प्रकार से हमें भी आशीष का प्रतिफल मिलेगा अवश्य – यह निश्चित है। - जूली स्क्वाब

 

सभी प्रतिफल तुरंत और दिखाई देने वाले नहीं होते हैं।


सो हे मेरे प्रिय भाइयों, दृढ़ और अटल रहो, और प्रभु के काम में सर्वदा बढ़ते जाओ, क्योंकि यह जानते हो, कि तुम्हारा परिश्रम प्रभु में व्यर्थ नहीं है। - 1 कुरिन्थियों 15:58

बाइबल पाठ: गलातियों 6:7-10

गलातियों 6:7 धोखा न खाओ, परमेश्वर ठट्ठों में नहीं उड़ाया जाता, क्योंकि मनुष्य जो कुछ बोता है, वही काटेगा।

गलातियों 6:8 क्योंकि जो अपने शरीर के लिये बोता है, वह शरीर के द्वारा विनाश की कटनी काटेगा; और जो आत्मा के लिये बोता है, वह आत्मा के द्वारा अनन्त जीवन की कटनी काटेगा।

गलातियों हम भले काम करने में साहस न छोड़े, क्योंकि यदि हम ढीले न हों, तो ठीक समय पर कटनी काटेंगे।

गलातियों 6:10 इसलिये जहां तक अवसर मिले हम सब के साथ भलाई करें; विशेष कर के विश्वासी भाइयों के साथ।

 

एक साल में बाइबल: 

  • यहोशू 19-21
  • लूका 2:25-52

बुधवार, 24 मार्च 2021

संगीत

 

          बीसवीं सदी के आरंभिक समय में इंग्लैंड में हुए वेल्श मसीही-पुनर्जागरण के समय में बाइबल शिक्षक और लेखक जी. कैम्पबेल मॉर्गन ने जो होते हुए देखा, उसका वर्णन किया। उनका मानना था कि परमेश्वर का पवित्र आत्मा, “पवित्र भजनों की उफनती हुई लहरों” पर होकर लोगों में कार्य कर रहा था। मॉर्गन ने लिखा कि उन्होंने उन सभाओं में संगीत के एकता लाने वाले प्रभाव को देखा था, जिन में स्वेच्छा से प्रार्थना करना, पाप अंगीकार करना, और भजन गाना प्रोत्साहित किया जाता था। यदि कोई भावनाओं में बहकर बहुत लंबी प्रार्थना करने लगता था, या ऐसा बोलने लगता था जो उस माहौल में औरों के साथ तालमेल नहीं रखता था, तो कोई भी जन धीरे से कोई भजन गाना आरंभ कर देता था। धीरे धीरे अन्य लोग भी उस भजन के गाने में जुड़ते चले जाते थे, और शीघ्र ही उस संगीत की आवाज़ इतनी ऊँची हो जाती थी कि उस में अन्य सभी आवाजें दब जाती थीं।

          मॉर्गन ने संगीत के द्वारा जिस पुनः जागृत होने का वर्णन किया है, उसका आधार परमेश्वर के वचन बाइबल में से है, जहाँ पर संगीत की कई बातों में प्रमुख भूमिका दिखाई गई है। बाइबल में हम देखते हैं कि संगीत का प्रयोग विजय के उत्सव मनाने के लिए किया गया (निर्गमन 15:1-21); आराधना के साथ मंदिर के परमेश्वर को समर्पित किए जाने के लिए किया गया (2 इतिहास 5:12-14); और शत्रुओं पर विजयी होने के लिए सैनिक रणनीति के समान किया गया (2 इतिहास 20:21-23)। बाइबल के ठीक मध्य में हम 150 भजनों के संकलन की पुस्तक, भजन संहिता, को पाते हैं। और पौलुस ने इफिसुस के मसीही विश्वासियों को लिखी अपनी पत्री में उन्हें एक दूसरे के साथ वार्तालाप में भी भजनों का प्रयोग करने के लिए लिखा (इफिसियों 5:19)।

          चाहे संघर्ष हों, चाहे आराधना करनी हो, जीवन की चाहे कोई भी परिस्थिति क्यों न हो, हमारे मसीही विश्वास का संगीत हम सभी को एक स्वर में होकर बोलने वाला बना सकता है। नए और पुराने गीतों और भजनों के द्वारा, हम बारंबार पुनः जागृत किए जाते हैं – न तो बल से, न शक्ति से, परन्तु परमेश्वर के आत्मा और परमेश्वर की स्तुति के संगीत के द्वारा। - मार्ट डीहान

 

जिनके पास सुनने के कान हों, उनके लिए पवित्र आत्मा के पास उपयुक्त संगीत है।


और आपस में भजन और स्तुतिगान और आत्मिक गीत गाया करो, और अपने अपने मन में प्रभु के सामने गाते और कीर्तन करते रहो। - इफिसियों 5:19

बाइबल पाठ: 2 इतिहास 5:7-14

2 इतिहास 5:7 तब याजकों ने यहोवा की वाचा का सन्दूक उसके स्थान में, अर्थात भवन की भीतरी कोठरी में जो परम पवित्र स्थान है, पहुंचा कर, करूबों के पंखों के तले रख दिया।

2 इतिहास 5:8 सन्दूक के स्थान के ऊपर करूब तो पंख फैलाए हुए थे, जिससे वे ऊपर से सन्दूक और उसके डंडों को ढांपे थे।

2 इतिहास 5:9 डण्डे तो इतने लम्बे थे, कि उनके सिरे सन्दूक से निकले हुए भीतरी कोठरी के सामने देख पड़ते थे, परन्तु बाहर से वे दिखाई न पड़ते थे। वे आज के दिन तक वहीं हैं।

2 इतिहास 5:10 सन्दूक में पत्थर की उन दो पटियाओ को छोड़ कुछ न था, जिन्हें मूसा ने होरेब में उसके भीतर उस समय रखा, जब यहोवा ने इस्राएलियों के मिस्र से निकलने के बाद उनके साथ वाचा बान्‍धी थी।

2 इतिहास 5:11 जब याजक पवित्रस्थान से निकले ( जितने याजक उपस्थित थे, उन सभों ने तो अपने अपने को पवित्र किया था, और अलग अलग दलों में हो कर सेवा न करते थे;

2 इतिहास 5:12 और जितने लेवीय गवैये थे, वे सब के सब अर्थात पुत्रों और भाइयों समेत आसाप, हेमान और यदूतून सन के वस्त्र पहने झांझ, सारंगियां और वीणाएँ लिये हुए, वेदी के पूर्व की ओर खड़े थे, और उनके साथ एक सौ बीस याजक तुरहियां बजा रहे थे।)

2 इतिहास 5:13 तो जब तुरहियां बजाने वाले और गाने वाले एक स्वर से यहोवा की स्तुति और धन्यवाद करने लगे, और तुरहियां, झांझ आदि बाजे बजाते हुए यहोवा की यह स्तुति ऊंचे शब्द से करने लगे, कि वह भला है और उसकी करुणा सदा की है, तब यहोवा के भवन में बादल छा गया,

2 इतिहास 5:14 और बादल के कारण याजक लोग सेवा-टहल करने को खड़े न रह सके, क्योंकि यहोवा का तेज परमेश्वर के भवन में भर गया था।

 

एक साल में बाइबल: 

  • यहोशू 16-18
  • लूका 2:1-24